गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि भारत का इतिहास बहुत पुराना है. हमारी तमाम विरासत इसकी गवाह है. हमें इतिहास के दायरे में नहीं बांधा जा सकता. 500 साल पुराने इतिहास की याद, अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ताजा हो गई है. ऐसी ही हजारों वर्ष पुरानी तमाम घटनाएं और यादें इस देश से जुड़ी हुई हैं, जो हमारी विरासत की पहचान हैं.
उन्होंने कहा कि वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में ज्ञानवापी का एएसआई ने सर्वे (Gyanvapi ASI Report) किया है. उससे भी बहुत संकेत देखने को मिले हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ रविवार को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (Deen Dayal Upadhyaya Gorakhpur University) में युवाओं के बीच स्मार्टफोन और टेबलेट वितरण करने के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने भारत के इतिहास, परंपरा और इससे जुड़े हुए महत्व को रेखांकित करते हुए उससे खुद को जोड़ते हुए नजर आए. मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीक का प्रयोग आज योजनाओं के पारदर्शी क्रियान्वयन और जीवन के हर क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है.
उन्होंने कहा कि तकनीक, भ्रष्टाचार पर प्रहार का सबसे कारगर मंत्र है. तकनीक के इस्तेमाल से युवाओं को समयानुकूल सक्षम, समर्थ बनाने के साथ ही, उन्हें आत्मनिर्भरता की तरफ अग्रसर करने के लिए, प्रदेश सरकार दो करोड़ युवाओं को स्मार्टफोन-टैबलेट उपलब्ध कराने के लक्ष्य की प्राप्ति की ओर तेजी से आगे बढ़ रही है. स्मार्टफोन-टैबलेट वितरण समारोह में विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों के करीब एक हजार विद्यार्थियों की मौजूदगी रही. 15 विद्यार्थियों को सीएम योगी के हाथों स्मार्टफोन प्राप्त हुआ. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने युवाओं को तकनीक के महत्व को समझाते हुए कई व्यावहारिक उदाहरण दिए.
गोरखपुर में सीएम योगी (CM Yogi in Gorakhpur) कहा कि प्रदेश की सार्वजनिक वितरण प्रणाली 2017 के पहले भ्रष्टाचार की चपेट में थी. कुशीनगर, गोरखपुर, देवरिया, सोनभद्र, चित्रकूट जैसे जिलों में राशन के अभाव में, भूख के कारण लोगों की मौत हो जाती थी. सांसद के रूप में वहां पहुंचने पर पता चलता था कि गरीबों को राशन नहीं मिलता था. उनके नाम से उठा राशन, सशक्त माफिया हड़पकर बेच देते थे. एफसीआई की गोदाम से निकलने के साथ ही खाद्यान्न प्रदेश के बाहर यहां तक कि दूसरे देशों तक पहुंच जाता था.
उन्होंने कहा कि 19 मार्च 2017 को मुख्यमंत्री बनने के एक सप्ताह बाद ही उन्होंने प्रदेश की अस्सी हजार राशन की दुकानों पर छापेमारी कराई तो, तीस लाख फर्जी राशन कार्डों का पता चला. इसके बाद राशन की सभी दुकानों को तकनीकी के इस्तेमाल से, पॉइंट ऑफ सेल से जोड़ दिया गया. राशन कार्ड को आधार से संबद्ध कर दिया गया. इसका परिणाम है कि आज उत्तर प्रदेश की सार्वजनिक वितरण प्रणाली देश में सबसे अच्छी है.
सीएम योगी ने कहा कि एक लंबे दौर तक विश्वविद्यालय और अन्य उच्च शिक्षण संस्थान सिर्फ डिग्री, डिप्लोमा बांटने वाले टापू बनकर रह गए थे. उन्हें इससे बाहर निकालने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति दी है. इस नीति से जुड़कर संस्थानों की जिम्मेदारी है कि वे विद्यार्थियों को पारंपरिक पाठ्यक्रम का ज्ञान देने के साथ, उन्हें आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने में अपनी भूमिका का निर्वहन करें.
उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से दिए जा रहे स्मार्टफोन को केंद्र व राज्य सरकार की कई योजनाओं की जानकारी से भी जोड़ा गया है. युवा इसके जरिये पीएम स्टार्टअप योजना, स्टैंडअप योजना, मुद्रा योजना, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना को जानकर आत्मनिर्भरता की राह भी चुन सकते हैं. इसमें बालिकाओं के लिए भी कई स्कीम जुड़ी है. मुख्यमंत्री ने शिक्षण संस्थानों को इंडस्ट्री से जुड़कर विद्यार्थियों को सीएम इंटर्नशिप योजना से जोड़ने की भी नसीहत दी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस योजना में आधा मानदेय सरकार देती है और आधा इंडस्ट्री. योगी ने सभी युवाओं का आह्वान किया कि वे आजादी के अमृत वर्ष महोत्सव में, प्रधानमंत्री नरेंद्र द्वारा दिए गए पंच प्रण का मंथन कर उसका अपने जीवन मे अनुसरण करें. पंच प्रण के ध्येय वाक्यों आत्मनिर्भर भारत, गुलामी के अंश की समाप्ति, विरासत का सम्मान, एकता और एकात्मकता और नागरिक कर्तव्यों के निर्वहन को, अनुभव आधारित उदाहरण से समझाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए ये पंच प्रण अत्यंत महत्वपूर्ण हैं.
ये भी पढ़ें- चुनाव आयोग के आदेश के बाद योगी का चलेगा यूपी में ब्यूरोक्रेसी पर हंटर, होगा बड़ा बदलाव