गोरखपुरः हर साल की तरह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बार भी वनटांगिया गांव में आदिवासी लोगों के साथ दीपावली मनाने पहुंचे हैं. सीएम योगी का जंगल के बीच बसे लोगों ने जहां जोरदार स्वागत किया. इस दौरान सीएम योगी ने गोरखपुर को 185 करोड़ लागत की 74 विकास परियोजनाओं की सौगात दी. जिसमें वनटांगिया के भी कई विकास कार्यों का लोकार्पण किया.
बता दें कि 2007 से सांसद रहते हुए वनटांगिया गांव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार दीपावली मनाने पहुंचते हैं. जंगल के बीच बसे लोगों के साथ दीपावली मनाने, उनके बीच मिठाई, पटाखे वितरित करते रहने की सीएम योगी की उत्साही पहल रहती है. इससे यहां बसे लोगों में एक खास ही उत्साह नजर आता है. वन विभाग और जिला प्रशासन के रिकॉर्ड के मुताबिक, ब्रिटिश हुकूमत में जब रेल पटरियां बिछाई जा रही थीं तो बड़े पैमाने पर जंगलों से साखू के पेड़ों की कटान हुई थी. इसकी भरपाई के लिए ब्रिटिश सरकार ने साखू के नए पौधों के रोपण और उनकी देखरेख के लिए गरीब भूमिहीनों, मजदूरों को जंगल मे बसाया था. साखू के जंगल बसाने के लिए वर्मा देश की "टांगिया विधि" का इस्तेमाल किया गया था.
'वनटांगिया समुदाय के जीवन में विकास का प्रकाश'
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) October 31, 2024
जनपद गोरखपुर में ₹185 करोड़ लागत की 74 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण... https://t.co/S1Tu9vlC81
इसलिए वन में रहकर यह कार्य करने वाले वनटांगिया कहलाए. कुसम्ही जंगल के पांच इलाकों जंगल तिनकोनिया नम्बर तीन, रजही खाले टोला, रजही नर्सरी, आमबाग नर्सरी व चिलबिलवा में इनकी पांच बस्तियां वर्ष 1918 में बसीं थी. इसके आस-पास महराजगंज के जंगलों में अलग-अलग स्थानों पर इनके 18 गांव बसे. 1947 में देश भले आजाद हुआ, लेकिन जंगल बसाने वाले इस समुदाय के पास देश की नागरिकता तक नहीं थी. जंगल में झोपड़ी के अलावा किसी निर्माण की इजाजत नहीं थी. पेड़ के पत्तों को तोड़कर बेचने और मजदूरी के अलावा जीवनयापन का कोई अन्य साधन भी नहीं था.
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