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वनटांगिया समुदाय के साथ दिवाली मनाने पहुंचे CM योगी, 74 विकास परियोजनाओं की दी सौगात

जंगलों के बीच बसे वनटांगिया समुदाय के साथ हर साल की तरह इस बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दीपावली मनाने पहुंचे हैं.

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सीएम योगी आदित्यनाथ. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 2 hours ago

गोरखपुरः हर साल की तरह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बार भी वनटांगिया गांव में आदिवासी लोगों के साथ दीपावली मनाने पहुंचे हैं. सीएम योगी का जंगल के बीच बसे लोगों ने जहां जोरदार स्वागत किया. इस दौरान सीएम योगी ने गोरखपुर को 185 करोड़ लागत की 74 विकास परियोजनाओं की सौगात दी. जिसमें वनटांगिया के भी कई विकास कार्यों का लोकार्पण किया.

बता दें कि 2007 से सांसद रहते हुए वनटांगिया गांव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार दीपावली मनाने पहुंचते हैं. जंगल के बीच बसे लोगों के साथ दीपावली मनाने, उनके बीच मिठाई, पटाखे वितरित करते रहने की सीएम योगी की उत्साही पहल रहती है. इससे यहां बसे लोगों में एक खास ही उत्साह नजर आता है. वन विभाग और जिला प्रशासन के रिकॉर्ड के मुताबिक, ब्रिटिश हुकूमत में जब रेल पटरियां बिछाई जा रही थीं तो बड़े पैमाने पर जंगलों से साखू के पेड़ों की कटान हुई थी. इसकी भरपाई के लिए ब्रिटिश सरकार ने साखू के नए पौधों के रोपण और उनकी देखरेख के लिए गरीब भूमिहीनों, मजदूरों को जंगल मे बसाया था. साखू के जंगल बसाने के लिए वर्मा देश की "टांगिया विधि" का इस्तेमाल किया गया था.

इसलिए वन में रहकर यह कार्य करने वाले वनटांगिया कहलाए. कुसम्ही जंगल के पांच इलाकों जंगल तिनकोनिया नम्बर तीन, रजही खाले टोला, रजही नर्सरी, आमबाग नर्सरी व चिलबिलवा में इनकी पांच बस्तियां वर्ष 1918 में बसीं थी. इसके आस-पास महराजगंज के जंगलों में अलग-अलग स्थानों पर इनके 18 गांव बसे. 1947 में देश भले आजाद हुआ, लेकिन जंगल बसाने वाले इस समुदाय के पास देश की नागरिकता तक नहीं थी. जंगल में झोपड़ी के अलावा किसी निर्माण की इजाजत नहीं थी. पेड़ के पत्तों को तोड़कर बेचने और मजदूरी के अलावा जीवनयापन का कोई अन्य साधन भी नहीं था.

इसे भी पढ़ें-गोरखपुर के वनटांगिया गांव में दीपोत्सव की तैयारी, हर साल CM YOGI संग मनाते हैं दीपावली

गोरखपुरः हर साल की तरह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बार भी वनटांगिया गांव में आदिवासी लोगों के साथ दीपावली मनाने पहुंचे हैं. सीएम योगी का जंगल के बीच बसे लोगों ने जहां जोरदार स्वागत किया. इस दौरान सीएम योगी ने गोरखपुर को 185 करोड़ लागत की 74 विकास परियोजनाओं की सौगात दी. जिसमें वनटांगिया के भी कई विकास कार्यों का लोकार्पण किया.

बता दें कि 2007 से सांसद रहते हुए वनटांगिया गांव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार दीपावली मनाने पहुंचते हैं. जंगल के बीच बसे लोगों के साथ दीपावली मनाने, उनके बीच मिठाई, पटाखे वितरित करते रहने की सीएम योगी की उत्साही पहल रहती है. इससे यहां बसे लोगों में एक खास ही उत्साह नजर आता है. वन विभाग और जिला प्रशासन के रिकॉर्ड के मुताबिक, ब्रिटिश हुकूमत में जब रेल पटरियां बिछाई जा रही थीं तो बड़े पैमाने पर जंगलों से साखू के पेड़ों की कटान हुई थी. इसकी भरपाई के लिए ब्रिटिश सरकार ने साखू के नए पौधों के रोपण और उनकी देखरेख के लिए गरीब भूमिहीनों, मजदूरों को जंगल मे बसाया था. साखू के जंगल बसाने के लिए वर्मा देश की "टांगिया विधि" का इस्तेमाल किया गया था.

इसलिए वन में रहकर यह कार्य करने वाले वनटांगिया कहलाए. कुसम्ही जंगल के पांच इलाकों जंगल तिनकोनिया नम्बर तीन, रजही खाले टोला, रजही नर्सरी, आमबाग नर्सरी व चिलबिलवा में इनकी पांच बस्तियां वर्ष 1918 में बसीं थी. इसके आस-पास महराजगंज के जंगलों में अलग-अलग स्थानों पर इनके 18 गांव बसे. 1947 में देश भले आजाद हुआ, लेकिन जंगल बसाने वाले इस समुदाय के पास देश की नागरिकता तक नहीं थी. जंगल में झोपड़ी के अलावा किसी निर्माण की इजाजत नहीं थी. पेड़ के पत्तों को तोड़कर बेचने और मजदूरी के अलावा जीवनयापन का कोई अन्य साधन भी नहीं था.

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