वाराणसी: संत रविदास महाराज की 647वीं जन्म जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, आज सतगुरु संत रविदास जी का पावन तीर्थ एक बार फिर पूरी भव्यता के साथ, नई दिव्यता के साथ चमकता हुआ दिखाई दे रहा है. हमें यहां पर एक नया स्वरूप काशी की ही तर्ज पर देखने को मिलता है. आज से 10 वर्ष पहले यह एक कल्पना थी.
मंच से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 647वें जन्म जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया. इस दौरान उन्होंने मंच पर बैठे अन्य नेताओं और वरिष्ठ लोगों का भी अभिनंदन किया. कहा कि, आज काशी की धरती पर सतगुरु पूज्य संत रविदास जी की पावन जयंती के आयोजन समारोह में प्रदेश वासियों की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत और अभिनंदन करता हूं.
उनके कर कमलों से संत रविदास जी महाराज की भव्य प्रतिमा का लोकार्पण का कार्यक्रम संपन्न हुआ है. सभी अनुयायियों, भक्तों और काशी वासियों को हृदय से बधाई देता हूं. आज जब हम सीर गोवर्धनपुर आते हैं तो हमें यहां पर एक नया स्वरूप काशी की ही तर्ज पर देखने को मिलता है. आज से 10 वर्ष पहले यह एक कल्पना थी, विवाद थे. यह जो यहां पर समागम होता है इतना भव्य समागम करने के लिए जगह नहीं मिल पाती थी.
सड़कें संकरी थीं, लेकिन हम सब प्रधानमंत्री मोदी के आभारी हैं, जिनकी दूरदर्शिता, जिनका मार्गदर्शन और जिनके नेतृत्व में आज सतगुरु संत रविदास जी का पावन तीर्थ एक बार फिर पूरी भव्यता के साथ, नई दिव्यता के साथ चमकता हुआ दिखाई दे रहा है. आप सभी को इसके लिए बधाई. अभी सदगुरु के संग्रहालय का भी शिलान्यास का कार्यक्रम प्रधानमंत्री जी के करकमलों से होने जा रहा है.
एक भव्य स्मारक संग्रहालय के रूप में दिखेगा: उन्होंने कहा कि, आप देखेंगे कि यहां की विरासत और भी भव्य होगी. अगले तीन वर्ष के अंदर ही यहां पर यह संगत सदगुरु की 650वीं जयंती मनाएगा तब एक भव्य स्मारक आपको संग्रहालय के रूप में देखने को मिलेगा. यह देश 1947 में आजाद हुआ. आजादी के पहले भी बोलने के लिए तो बहुत से लोग घोषणाएं करते थे, लेकिन क्या सचमुच कोई कार्य हो पाया था?
आज सही मायने में कोई कार्य कर रहा है, किसी ने जगदगुरु रामानंद जी की शिक्षाओं का, रविदास जी महाराज की शिक्षाओं का अनुशरण करके व्यावहारिक धरातल पर उतारने का काम किया है तो वह नाम है देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का.
गरीब को पक्का मकान और शौचालय: सीएम योगी ने कहा कि, जगदगुरु रामानंद जी ने ये बात कही थी कि जाति-पाति पूछे नहि कोई, हरि को भजे सो धनिका होई. आज हमें यही देखने को मिल रहा है. समाज में आज सबके साथ और सबके विकास का मंत्र पूरे देश के अंदर हर उस गरीब को, जिसके पास सिर ढकने के लिए छत नहीं है. उसे पक्का मकान मिल रहा है.
जिस गरीब के पास शौचालय नहीं है उसको शौचालय मिल रहा है. 5 लाख रुपये की आयुष्मान भारत की गारंटी मिल रही है. जीवन की उन सभी आवश्यकताओं की पूर्ति करने के साथ ही यहां पर बाबा भीमराव अंबेडकर से जुड़े हुए पंचतीर्थों को जो सम्मान दिलाने का कार्य स्वतंत्र भारत के अंदर किया गया. यह भी अद्भुत कार्य हुआ है.
चार साल से फ्री राशन की सुविधा का मिल रहा लाभ: उन्होंने कहा कि, काशी की धरती के माध्यम से दुनिया जो प्रेरणा मिली है वह एक मिशाल है. कोरोना काल में हर व्यक्ति इस बारे मे कहता था कि कैसे चलेगा? कैसे होगा? 140 करोड़ भारतवासी कैसे आगे बढ़ पाएंगे, कैसे जीवित रह पाएंगे. मगर उसी समय फ्री में टेस्ट, फ्री में वैक्सिनेशन, फ्री में उपचार की व्यवस्था तो की ही.
साथ ही 600 साल पहले सदगुरु ने जो बात कही थी कि ऐसा चाहूं राज्य मैं जहां मिले सबन को अन्न, छोट-बड़ो सब बसे रविदास रहे प्रसन्न. सचमुच संत रविदास जी की ये पंक्ति अगर किसी ने चरितार्थ की है तो वह प्रधानमंत्री मोदी हैं. चार वर्ष से फ्री में राशन की सुविधा का लाभ बिना भेदभाव के देश के अंगर मिल रहा है. यह भी पहली बार हुआ है.