लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को नवनियुक्त चीफ सेक्रेटरी मनोज कुमार सिंह के साथ पहली समीक्षा बैठक की. इससे पहले कृषि उत्पादन आयुक्त, अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास जैसे पदों पर तैनात रहे मनोज कुमार सिंह से सीएम योगी की बैठकें होती रही हैं, लेकिन चीफ सेक्रेटरी बनने के बाद यह पहली समीक्षा बैठक है. इस बैठक में जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह सहित शासन के कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.
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मुख्यमंत्री ने महत्वपूर्ण बैठक में शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बाढ़ प्रबंधन और जन-जीवन की सुरक्षा को लेकर तैयारियों की समीक्षा की. सीएम ने कहा कि बाढ़ से जन-जीवन की सुरक्षा के लिए अंतरविभागीय कोऑर्डिनेशन जरूरी है. बाढ़ से जनजीवन बचाने के लिए बेहतर कोऑर्डिनेशन, क्विक एक्शन और बेहतर प्रबंधन से बाढ़ की स्थिति में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित कराई जाए. उन्होंने कहा कि प्रदेश में बाढ़ की दृष्टि से 24 जिले अति संवेदनशील श्रेणी में हैं, जिनमें महाराजगंज, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, गोरखपुर, बस्ती, बहराइच, बिजनौर, सिद्धार्थनगर, गाजीपुर, गोंडा, बलिया, देवरिया, सीतापुर, बलरामपुर, अयोध्या, मऊ, फर्रुखाबाद, श्रावस्ती, बदायूं, अम्बेडकर नगर, आजमगढ़, संतकबीर नगर, पीलीभीत और बाराबंकी शामिल हैं. जबकि, सहारनपुर, शामली, अलीगढ़, बरेली, हमीरपुर, गौतमबुद्ध नगर, रामपुर, प्रयागराज, बुलंदशहर, मुरादाबाद, हरदोई, वाराणसी, उन्नाव, लखनऊ, शाहजहांपुर और कासगंज संवेदनशील हैं.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि अति संवेदनशील और संवेदनशील क्षेत्रों में बाढ़ की आपात स्थिति के लिए पर्याप्त रिजर्व स्टॉक का एकत्रीकरण कर लिया जाए. इन स्थलों पर पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था एवं आवश्यक उपकरणों का भी प्रबंध होना चाहिए. जल शक्ति मंत्री एवं दोनों राज्यमंत्री द्वारा अति संवेदनशील तथा संवेदनशील क्षेत्रों का भ्रमण करें. साथ ही बाढ़ बचाव से जुड़ी परियोजनाओं का निरीक्षण करें. केंद्रीय एजेंसियों और विभागों से सतत संवाद-संपर्क बनाए रखें. यहां से प्राप्त आंकलन, अनुमान रिपोर्ट समय से फील्ड में तैनात अधिकारियों को उपलब्ध कराया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़, अतिवृष्टि की स्थिति पर रेग्युलर मॉनीटरिंग की जाती रहे. उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीएसी फ्लड यूनिट तथा आपदा प्रबंधन टीमें 24×7 एक्टिव मोड में रहें.
उन्होंने कहा कि आपदा मित्र स्वयंसेवकों के साथ-साथ होमगार्डों की सेवाएं भी ली जानी चाहिए. किसकी तैनाती कब और कहां होनी है, इस बारे में कार्ययोजना तैयार कर लें. सभी एजेंसियों के बीच बेहतर कोऑर्डिनेशन होना चाहिए. सीएम ने कहा कि अतिवृष्टि के कारण जिस भी किसान की फसल खराब हो, बिना विलंब उसकी क्षतिपूर्ति कराई जाए. इसके अलावा, किसानों को मौसम पूर्वानुमान से अवगत कराते हुए खेती-किसानी के लिए अनुकूल परिस्थितियों के बारे में जागरूक करें. बरसात के कारण निर्माण परियोजनाओं पर होने वाले असर को देखते हुए पहले से आवश्यक प्रबंधन कर लिया जाना चाहिए. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बिजली के पोल, तार, सड़क आदि समय से ठीक कर लिए जाने चाहिए.