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छत्तीसगढ़ में साय कैबिनेट विस्तार कब, कौन बनेगा नया मंत्री, गुटबाजी तो नहीं हावी, सीएम साय ने कही ये बड़ी बात - cabinet expansion in cg - CABINET EXPANSION IN CG

CABINET EXPANSION IN CG छत्तीसगढ़ में नए मंत्रियों को लेकर अब गहमा गहमी तेज हो गई है. पार्टी आगामी दिनों में मंत्री पद के नामों पर चर्चा करेगी.लेकिन इससे पहले कांग्रेस ने बीजेपी के अंदर गुटबाजी का आरोप लगाकर राजनीति के गलियारों में पारा हाई कर दिया है.CM Visnudeo sai cabinet ,BJP COUNTERATTACK ON CONGRESS

Allegation of factionalism in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ बीजेपी में गुटबाजी का आरोप (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 8, 2024, 3:04 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ में रायपुर दक्षिण विधायक बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट के साथ सरकार का एक मंत्री पद भी कम हुआ है. लिहाजा अब प्रदेश में ये चर्चा जोरों पर है कि जल्द ही किसी नेता की किस्मत खुलने वाली है. लेकिन ये नेता कौन होगा इस बात का जवाब शायद ही किसी के पास हो.लेकिन जिस तरह से बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में नए मंत्रियों की फौज खड़ी की है उसे देखकर यही लग रहा है कि आने वाले दिनों में कैबिनेट में फिर से किसी नए चेहरे को पार्टी मौका दे सकती है.

10 जुलाई को प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक : छत्तीसगढ़ बीजेपी की 10 जुलाई को प्रदेश कार्यसमिति की बैठक होगी.लेकिन इससे पहले सीएम विष्णुदेव साय का बड़ा बयान सामने आया है. कांग्रेस ने आरोप लगाए थे कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी के अंदर गुटबाजी शुरु हो गई है.यही वजह है की किसी एक नाम पर अभी तक सहमति नहीं बन सकी है. लेकिन कांग्रेस के इन आरोपों पर सीएम विष्णुदेव साय ने पलटवार किया है.

सब समय पर होगा : सीएम विष्णुदेव साय ने बीजेपी के अंदर हो रही गुटबाजी को लेकर कांग्रेस के आरोपों पर जवाब दिया है.विष्णुदेव साय ने कहा कि बीजेपी के अंदर किसी तरह की कोई गुटबाजी नहीं है. मंत्री पद को लेकर जब सही समय आएगा तब उस पर पार्टी सभी लोगों के सहमति से फैसला लेगी.

''मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर प्रदेश में बीजेपी के अंदर किसी तरह की कोई गुटबाजी नहीं है. 10 तारीख को रायपुर में प्रदेश कार्यसमिति की बैठक है.''- विष्णुदेव साय, सीएम छग

किसे मिल सकता है मौका ?: छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार से एक मंत्री पद खाली हुआ है.साथ ही साथ विधानसभा से भी एक सीट खाली हुई है. लिहाजा अब इस सीट के साथ मंत्री पद के लिए कई दावेदार लाइन में हैं.छत्तीसगढ़ में कुछ पुराने मंत्रियों को इस बार पार्टी मौका दे सकती है.वहीं फिर से किसी नए मंत्री को पद देकर पार्टी दूसरों को भी मैसेज दे सकती है कि आने वाली जेनरेशन के लिए बीजेपी तैयार है.

पुराने चेहरे -

अजय चंद्राकर : इस लिस्ट में सबसे पहला नाम अजय चंद्राकर का है.अपने मुखर स्वभाव के कारण अजय चंद्राकर को इस बार मंत्री बनने का मौका मिल सकता है.उनका अनुभव दरकिनार करना आलाकमान के लिए मुश्किल होगा.

राजेश मूणत : बृजमोहन अग्रवाल के बाद रायपुर संभाग से एक बड़ा नाम राजेश मूणत का है. अपने कार्यकाल में राजेश मूणत ने पीडब्ल्यूडी मंत्री रहते हुए कई विकास कार्य किए. चुनाव हारने के बाद भी वो सक्रिय रहे.

लता उसेंडी : लता उसेंडी का भी नाम मंत्री पद में आगे चल रहा है.हाल ही में बीजेपी ने लता उसेंडी को बड़ी जिम्मेदारी दी है.ऐसे में मंत्री पद देकर पार्टी लता उसेंडी का कद और भी बड़ा कर सकती है.

नए चेहरे -

रेणुका सिंह- केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह भी मंत्री की रेस में हैं. चुनाव प्रचार के दौरान रेणुका सिंह का नाम सीएम की रेस में था.लेकिन उन्हें सीएम पद नहीं मिला.लिहाजा अबकी बार रेणुका सिंह का नंबर लग सकता है. रेणुका सिंह आदिवासी समाज से आती हैं. रमन सिंह की सरकार में भी मंत्री भी रह चुकी है.

गजेंद्र यादव - दुर्ग शहर से विधायक गजेंद्र यादव का भी नाम मंत्री पद के लिए चल रहा है.गजेंद्र यादव ओबीसी समाज से आते हैं. दुर्ग क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है.विधानसभा चुनाव में गजेंद्र ने दिग्गज नेता अरुण वोरा को पटखनी दी थी.ओबीसी वोट बैंक को पक्का करने के लिए इस बार गजेंद्र को पार्टी मौका दे सकती है.

कांग्रेस ने लगाया गुटबाजी का आरोप : आपको बता दें कि अब तक छत्तीसगढ़ में बृजमोहन की जगह किसे मंत्री पद मिलेगा इस बात से पर्दा नहीं उठ सका है.जिसे लेकर कांग्रेस लगातार बीजेपी पर आरोप लगा रही है कि प्रदेश के दिग्गज नेताओं की एक लाइन नाराज है.सभी को पता है कि मंत्री पद के लिए सिर्फ दो ही जगह खाली है.ऐसे में खराब परफॉर्मेंस वाले मंत्री के पर कतरे जा सकते हैं.जिसके बाद कुछ पुराने मंत्रियों को अर्जेस्ट किया जा सकता है. लेकिन बीजेपी के लिए किसी भी नए मंत्री का पद लेना आसान भी नहीं होगा.इसका सीधा असर आने वाले निकाय चुनाव पर भी पड़ सकता है. फिलहाल कांग्रेस लगातार यही आरोप लगा रही है कि जिन पुराने मंत्रियों को इस बार दरकिनार किया गया है,उनके बीच कहीं ना कहीं असंतोष की भावना बढ़ी है.


दो मंत्रियों के विभाग हैं खाली: बीजेपी की जब छत्तीसगढ़ में सरकार बनी तो कुल 13 कैबिनेट के पद स्वीकृत हैं. सरकार ने 12 कैबिनेट मंत्रियों को शपथ दिलाई थी. एक पद को खाली रखा गया. अब जबकि बृजमोहन अग्रवाल ने अपना पद छोड़ दिया है तो कुल दो मंत्री पद छत्तीसगढ़ में खाली हैं.इसलिए पुराने लोगों के साथ नए विधायकों में भी इस बात की चर्चा है कि पार्टी जरुर अपनी नजरें इनायत कर सकती है.

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10 जुलाई को प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक : छत्तीसगढ़ बीजेपी की 10 जुलाई को प्रदेश कार्यसमिति की बैठक होगी.लेकिन इससे पहले सीएम विष्णुदेव साय का बड़ा बयान सामने आया है. कांग्रेस ने आरोप लगाए थे कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी के अंदर गुटबाजी शुरु हो गई है.यही वजह है की किसी एक नाम पर अभी तक सहमति नहीं बन सकी है. लेकिन कांग्रेस के इन आरोपों पर सीएम विष्णुदेव साय ने पलटवार किया है.

सब समय पर होगा : सीएम विष्णुदेव साय ने बीजेपी के अंदर हो रही गुटबाजी को लेकर कांग्रेस के आरोपों पर जवाब दिया है.विष्णुदेव साय ने कहा कि बीजेपी के अंदर किसी तरह की कोई गुटबाजी नहीं है. मंत्री पद को लेकर जब सही समय आएगा तब उस पर पार्टी सभी लोगों के सहमति से फैसला लेगी.

''मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर प्रदेश में बीजेपी के अंदर किसी तरह की कोई गुटबाजी नहीं है. 10 तारीख को रायपुर में प्रदेश कार्यसमिति की बैठक है.''- विष्णुदेव साय, सीएम छग

किसे मिल सकता है मौका ?: छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार से एक मंत्री पद खाली हुआ है.साथ ही साथ विधानसभा से भी एक सीट खाली हुई है. लिहाजा अब इस सीट के साथ मंत्री पद के लिए कई दावेदार लाइन में हैं.छत्तीसगढ़ में कुछ पुराने मंत्रियों को इस बार पार्टी मौका दे सकती है.वहीं फिर से किसी नए मंत्री को पद देकर पार्टी दूसरों को भी मैसेज दे सकती है कि आने वाली जेनरेशन के लिए बीजेपी तैयार है.

पुराने चेहरे -

अजय चंद्राकर : इस लिस्ट में सबसे पहला नाम अजय चंद्राकर का है.अपने मुखर स्वभाव के कारण अजय चंद्राकर को इस बार मंत्री बनने का मौका मिल सकता है.उनका अनुभव दरकिनार करना आलाकमान के लिए मुश्किल होगा.

राजेश मूणत : बृजमोहन अग्रवाल के बाद रायपुर संभाग से एक बड़ा नाम राजेश मूणत का है. अपने कार्यकाल में राजेश मूणत ने पीडब्ल्यूडी मंत्री रहते हुए कई विकास कार्य किए. चुनाव हारने के बाद भी वो सक्रिय रहे.

लता उसेंडी : लता उसेंडी का भी नाम मंत्री पद में आगे चल रहा है.हाल ही में बीजेपी ने लता उसेंडी को बड़ी जिम्मेदारी दी है.ऐसे में मंत्री पद देकर पार्टी लता उसेंडी का कद और भी बड़ा कर सकती है.

नए चेहरे -

रेणुका सिंह- केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह भी मंत्री की रेस में हैं. चुनाव प्रचार के दौरान रेणुका सिंह का नाम सीएम की रेस में था.लेकिन उन्हें सीएम पद नहीं मिला.लिहाजा अबकी बार रेणुका सिंह का नंबर लग सकता है. रेणुका सिंह आदिवासी समाज से आती हैं. रमन सिंह की सरकार में भी मंत्री भी रह चुकी है.

गजेंद्र यादव - दुर्ग शहर से विधायक गजेंद्र यादव का भी नाम मंत्री पद के लिए चल रहा है.गजेंद्र यादव ओबीसी समाज से आते हैं. दुर्ग क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है.विधानसभा चुनाव में गजेंद्र ने दिग्गज नेता अरुण वोरा को पटखनी दी थी.ओबीसी वोट बैंक को पक्का करने के लिए इस बार गजेंद्र को पार्टी मौका दे सकती है.

कांग्रेस ने लगाया गुटबाजी का आरोप : आपको बता दें कि अब तक छत्तीसगढ़ में बृजमोहन की जगह किसे मंत्री पद मिलेगा इस बात से पर्दा नहीं उठ सका है.जिसे लेकर कांग्रेस लगातार बीजेपी पर आरोप लगा रही है कि प्रदेश के दिग्गज नेताओं की एक लाइन नाराज है.सभी को पता है कि मंत्री पद के लिए सिर्फ दो ही जगह खाली है.ऐसे में खराब परफॉर्मेंस वाले मंत्री के पर कतरे जा सकते हैं.जिसके बाद कुछ पुराने मंत्रियों को अर्जेस्ट किया जा सकता है. लेकिन बीजेपी के लिए किसी भी नए मंत्री का पद लेना आसान भी नहीं होगा.इसका सीधा असर आने वाले निकाय चुनाव पर भी पड़ सकता है. फिलहाल कांग्रेस लगातार यही आरोप लगा रही है कि जिन पुराने मंत्रियों को इस बार दरकिनार किया गया है,उनके बीच कहीं ना कहीं असंतोष की भावना बढ़ी है.


दो मंत्रियों के विभाग हैं खाली: बीजेपी की जब छत्तीसगढ़ में सरकार बनी तो कुल 13 कैबिनेट के पद स्वीकृत हैं. सरकार ने 12 कैबिनेट मंत्रियों को शपथ दिलाई थी. एक पद को खाली रखा गया. अब जबकि बृजमोहन अग्रवाल ने अपना पद छोड़ दिया है तो कुल दो मंत्री पद छत्तीसगढ़ में खाली हैं.इसलिए पुराने लोगों के साथ नए विधायकों में भी इस बात की चर्चा है कि पार्टी जरुर अपनी नजरें इनायत कर सकती है.

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