शिमला: हिमाचल प्रदेश में स्टोर के भंडारण क्षमता को दो साल में दोगुना किया गया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार की ओर से हिमाचल प्रदेश बागवानी उपज विपणन एवं प्रसंस्करण निगम (एचपीएमसी) की नियंत्रित वातावरण भंडारण (सीए स्टोर) क्षमता को पिछले दो सालों के दौरान दोगुना किया गया है.
सीए स्टोर की बढ़ाई भंडारण क्षमता
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में 7 सीए स्टोर में कुल भंडारण क्षमता साल 2023 से पहले 3380 मीट्रिक टन थी. जिसे सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप अब बढ़ाकर 8260 मीट्रिक टन कर दिया गया है. सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में बागवानों और किसानों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्धता से काम कर रही है. सीए स्टोर की क्षमता में वृद्धि इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है. इससे बागवानी क्षेत्र से जुड़े हजारों परिवार लाभान्वित होंगे. अब बागवानों को ऑफ-सीजन के दौरान अपनी उपज के बेहतर दाम मिलेंगे.
इन स्टोर की बढ़ाई भंडारण क्षमता
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कृषि उत्पादों को बेहतर मूल्य प्रदान करने के उद्देश्य से एचपीएमसी बुनियादी अधोसंरचना को विस्तार प्रदान कर रही है.
- गुम्मा सीए स्टोर की क्षमता 640 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 2017 मीट्रिक टन कर दी गई है.
- जरोल-टिक्कर सीए स्टोर की क्षमता अब 640 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 2062 मीट्रिक टन किया गया है.
- रोहड़ू सीए स्टोर की क्षमता 700 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 2031 मीट्रिक टन कर दी गई है.
- रिकांग पिओ में 250 मीट्रिक टन और चच्योट में 500 मीट्रिक टन की क्षमता वाले नए सीए स्टोर स्थापित किए गए हैं.
सीए स्टोर बुकिंग दरें घटाई
सीएम सुक्खू ने कहा कि बागवानों और किसानों को और अधिक सहायता प्रदान करने के लिए सरकार ने सीए स्टोर बुकिंग दरें भी 2 रुपये प्रति किलोग्राम प्रतिमाह से घटाकर 1.60 रुपये प्रति किलोग्राम प्रतिमाह की हैं. जिससे किसानों और बागवानों को वित्तीय राहत मिल रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने किसानों को सशक्त बनाने के लिए पिछले दो सालों के दौरान कई फैसले लिए हैं. प्रदेश सरकार ने यूनिवर्सल कार्टन की शुरुआत की है और सेब के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 10 रुपये से बढ़ाकर 12 रुपये प्रति किलोग्राम किया गया है. मंडी मध्यस्थता योजना के तहत 12 रुपये प्रति किलो की दर से सेब की खरीद की जा रही है. इसके अलावा सरकार ने कीटनाशकों पर सब्सिडी फिर से शुरू कर दी है. जिसे पिछली भाजपा सरकार ने बंद कर दिया गया था. सरकार ने मंडी मध्यस्थता योजना के तहत सेब उत्पादकों को 150 करोड़ रुपये के लंबित भुगतान भी जारी किए हैं.