शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को वायनाड़ उप-चुनाव में जीत के लिए बधाई दी. सीएम ने कहा प्रियंका गांधी की जीत उनके चुनावी सफर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और इससे कांग्रेस पार्टी को और मजबूती मिलेगी. मुख्यमंत्री ने झारखंड विधानसभा चुनाव में सफलता के लिए वरिष्ठ नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं को भी बधाई दी और कहा कि यह उनकी लग्न और कड़ी मेहनत का परिणाम है.
मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश में सहयोगात्मक राजनीति के बजाय अवरोधकारी राजनीति करने के लिए भाजपा की आलोचना की. उन्होंने कहा, भाजपा प्रदेश की जनता के हितों की बात और अपने पांच साल के प्रदर्शन पर चर्चा करने से बचती है. इसके बजाय बीजेपी शौचालय कर और समोसे जैसे मामलों पर जनता का ध्यान भटकाने का प्रयास कर रही है.
जयराम जी ने प्रदेश का बेड़ागर्क करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। हिमाचल की नीलामी उन्होंने पहले ही कर दी थी, लेकिन हम हिमाचल के हितों और अधिकारों की रक्षा के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।
— Sukhvinder Singh Sukhu (@SukhuSukhvinder) November 19, 2024
हिमाचल भवन की लड़ाई कानूनी है और जो भी न्यायपालिका ने आदेश दिया है, हम उसमें अपना पक्ष रखेंगे। pic.twitter.com/HBRu5juNi3
पांच गुटों में बंटी है भाजपा
सीएम सुक्खू ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा "बीजेपी पांच गुटों में बंटी हुई है, जिनमें जगत प्रकाश नड्डा ग्रुप, अनुराग सिंह ठाकुर ग्रुप, जयराम ठाकुर ग्रुप, राजीव बिंदल ग्रुप और कांग्रेस के पूर्व सदस्यों का एक ग्रुप शामिल है, जो भाजपा में शामिल हुए थे जिन्हें अब ईस्ट इंडिया कंपनी कहा जा रहा है."
सीएम ने कहा कि विपक्ष नीति-आधारित आलोचना में शामिल नहीं है, बल्कि व्यक्तिगत रूप से उन पर निशाना साधा जा रहा है. बीते दो सालों में सरकार ने राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है, जो विपक्ष के लिए चिंता का विषय बन गया है.
पूर्व मुख्यमंत्री पर साधा निशाना
सीएम सुक्खू ने पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से सवाल किया कि भाजपा के कार्यकाल के दौरान हिमाचल प्रदेश गुणात्मक शिक्षा में 21वें स्थान पर क्यों पहुंच गया था. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने शानदार उपलब्धियां अर्जित की हैं. मनरेगा मजदूरी में 60 रुपये की वृद्धि और सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया है. सरकार दृढ़़ और निर्णायक कदम उठाएगी जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे. प्रदेश सरकार व्यवस्था परिवर्तन के ध्येय से आत्मनिर्भर हिमाचल प्रदेश की ओर बढ़ रही है, जिसकी नींव वर्तमान सरकार पहले ही रख चुकी है.
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