हमीरपुर: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा डॉ. राधाकृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर में जल्द ही स्नातकोत्तर (पीजी) पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने इस महाविद्यालय के लिए जनरल मेडिसिन, पीडियाट्रिक्स, जनरल सर्जरी, ऑर्थोपेडिक, एनेस्थीसिया और रेडियोलॉजी जैसे प्रमुख विभागों में एसोसिएट प्रोफेसर के छह और असिस्टेंट प्रोफेसर के 10 पद सृजित कर भरने को मंजूरी दी है.
सीएम सुक्खू ने कहा, "स्नातकोत्तर विशेषज्ञ, चिकित्सा महाविद्यालय की रीढ़ होते हैं और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इसलिए चिकित्सा महाविद्यालय में इन पाठ्यक्रमों को शामिल करना आवश्यक है".
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, "डॉ. राधाकृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर में मरीजों की बढ़ती संख्या के दृष्टिगत रोगी देखभाल और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए इस महाविद्यालय में रोगियों को विशेषज्ञ चिकित्सा प्रदान करने के लिए स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू करने की आवश्यकता है. ऑप्थेलमोलॉजी, डर्मेटोलॉजी, फिजियोलॉजी विभागों में पीजी पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए अनिवार्यता-सह-व्यवहार्यता प्रमाण-पत्र पहले ही जारी कर दिया गया है".
सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने डॉ. राधाकृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर के लिए नर्सिंग कर्मियों के 150 पद सृजित कर भरने को मंजूरी दी है. इन पदों की भर्ती से रोगी देखभाल में सुधार और नर्सिंग स्टाफ के लिए बेहतर कार्य स्थिति सुनिश्चित होगी. प्रदेश सरकार श्रेष्ठ रोगी-नर्स अनुपात सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसके तहत आईसीयू में 1:1, लेबर रूम में 1:2 और एंटीनेटल जनरल वार्ड में 1:4 का अनुसरण किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में चिकित्सा महाविद्यालयों को सुदृढ़ करने पर विशेष बल दे रही है. पिछले एक वर्ष में प्रदेश सरकार ने इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय (आइजीएमसी) शिमला और डॉ. राजेन्द्र प्रसाद चिकित्सा महाविद्यालय (आरपीजीएमसी) टांडा, जिला कांगड़ा के लिए विभिन्न श्रेणियों के 1182 नए पद भरने को मंजूरी दी है.
इसी प्रकार मरीजों की सुविधा के लिए डॉ. यशवंत सिंह परमार राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय नाहन, पंडित जवाहर लाल नेहरू राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय चंबा और लाल बहादुर शास्त्री राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल नेरचौक, मंडी में रोगियों की सुविधा के लिए पर्याप्त स्टाफ और बुनियादी ढांचा सुनिश्चित करने के लिए भी हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.
इसके अलावा, प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को आधुनिक बनाने के लिए विश्वस्तरीय चिकित्सा उपकरणों और मशीनों की खरीद कर रही है, ताकि रोगियों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं घर-द्वार के निकट सुनिश्चित हों और उपचार के लिए अन्य राज्यों में जाने की आवश्यकता न पड़े.
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