शिमला: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि भाजपा ने राज्यसभा चुनाव के दौरान हॉर्स ट्रेडिंग करवाई है. निश्चित तौर पर कांग्रेस के जो 6 विधायक थे, उन्हें प्रलोभन दिया गया था. ये इस बात को साबित करती है. उन्होंने कहा कि विधानसभा के लिए 1 जून को होने वाले उपचुनाव में जनता जरूर भाजपा को सबक सिखाएगी. हिमाचल में कांग्रेस छोड़कर गए बागियों को भाजपा से टिकट मिलने पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विपक्ष पर निशाना साधा है.
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ये इस बात को इंगित करता है कि भाजपा ने राज्यसभा चुनाव के दौरान हॉर्स ट्रेडिंग करवाई है. निश्चित तौर पर कांग्रेस के जो 6 विधायक थे, उन्हें प्रलोभन दिया गया था. ये इस बात को साबित करती है. सीएम सुक्खू ने कहा कि हिमाचल देवभूमि है, यहां की जनता देवी देवताओं पर विश्वास करती है. ऐसे में विधानसभा के लिए 1 जून को होने वाले उपचुनाव में जनता जरूर सबक सिखाएगी. उन्होंने कहा कि हिमाचल में आया राम और गया राम की राजनीति भाजपा ने शुरू की है, जो कि गलत है.
'भाजपा ने बागियों को बनाया प्रत्याशी'
भाजपा ने कांग्रेस को छोड़कर आए बागियों को प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव के लिए अपना उम्मीदवार बनाया हैं. भाजपा ने सभी 6 बागियों को टिकट देकर चुनाव मैदान में कांग्रेस के खलाफ उतारा है. प्रदेश की 6 विधानसभा सीटों के लिए 1 जून को उपचुनाव होना हैं. जिन बागियों को टिकट दिए गए हैं. इसमें सुधीर शर्मा 2019 विधानसभा चुनाव में कांगड़ा जिले की धर्मशाला सीट से कांग्रेस के विधायक चुने गए थे. कांग्रेसी परिवार से ताल्लुक रखने वाले सुधीर शर्मा 2003, 2007, 2012 में भी कांग्रेस की टिकट पर विधानसभा पहुंच चुके हैं. 2012 में वीरभद्र सिंह की सरकार में वो शहरी विकास मंत्री भी रहे.
राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद उन्हें इस पद से हटाया गया था. वहीं, हमीरपुर जिले की सुजानपुर सीट से 2022 में विधानसभा चुनाव जीतने की हैट्रिक बनाई थी. वो इससे पहले भी 2012 और 2017 में विधानसभा पहुंच चुके हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में राजेंद्र राणा ने पूर्व मुख्यमंत्री और उन चुनावों में बीजेपी के सीएम फेस रहे प्रेम कुमार धूमल को हराया था. इसी तरह से 2022 में हमीरपुर जिले की बड़सर विधानसभा से इंद्र दत्त लखनपाल ने जीत की हैट्रिक लगाई. वो 2012 और 2017 में भी विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं.
इसके अलावा लाहौल स्पीति सीट से 2022 के विधानसभा चुनाव में रवि ठाकुर ने कांग्रेस की टिकट पर जीत हासिल की थी. रवि ठाकुर 2012 में भी विधायक रह चुके हैं. 29 साल के चैतन्य शर्मा ऊना जिले की गगरेट सीट से कांग्रेस की टिकट पर 2022 का विधानसभा चुनाव जीता था. वो पहली बार विधायक बने थे. वहीं देवेंद्र कुमार भुट्टो 2022 विधानसभा चुनाव में ऊना जिले की कुटलैहड़ विधानसभा सीट से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीते और पहली बार विधायक बने थे. ऐसे में कांग्रेस के टिकट पर विधायक बनने के 15 महीने बाद भाजपा के उम्मीदवार के रूप में उपचुनाव में कांग्रेस के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे हैं.
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