शिमला: दिल्ली दौरे के बाद शिमला लौटे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है. शिमला में मीडिया से बातचीत के दौरान सीएम सुक्खू ने मोदी सरकार पर गैर बीजेपी शासित राज्यों के साथ भेदभाव करने और हिमाचल के साथ सौतेल व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं.
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि, 'हिमाचल के साथ भी सौतेला व्यवहार हुआ है. प्रदेश में पिछले साल सदी की भीषण प्राकृतिक आपदा आई थी, जिससे जान और माल का भारी नुकसान हुआ था. भरपाई के लिए हमने 10 हजार करोड़ का पीडीएनए मांगा था. हमें उम्मीद थी कि 3 से 4 हजार करोड़ तुरंत प्रभाव से भेजा जाना चाहिए था, जैसे और राज्य को मिला था, लेकिन हमें पीडीएनए के तहत एक रुपए की मदद नहीं मिली है.'
एनपीए का भी 9 हजार करोड़ भी नहीं मिला
सीएम सुक्खू ने कहा कि, 'एनपीए का 9 हजार करोड़ जो ईपीएफ में सरकारी कर्मचारियों का अंशदान कटता था, इसी तरह से इसमें सरकार का भी 14 फीसदी अंशदानथा वो भी हमें नहीं मिला है. ये सरकार का हक है, जो हिमाचल को नहीं मिल रहा है. सरकार कोई भी हो, हमारा ये पैसा हमें मिलना चाहिए. इस मामले को लेकर भी आने वाले समय में केंद्रीय मंत्रियों से मिलूंगा. इस दौरान उनसे हिमाचल के हितों को ध्यान रखने का अनुरोध करूंगा. हिमाचल छोटा राज्य है. ऐसे में छोटा राज्य होने का प्रदेश को नुकसान भी है. यहां से संसद में कम सांसद जाते हैं तो संसद में हिमाचल की अधिक आवाज नहीं उठती है. ऐसे में हम इस मामले को भी केंद्र के साथ मजबूती से उठाएंगे. 20 दिसंबर को जैसलमेर में देशभर के वित्त मंत्रियों की एक बैठक होने वाली है. उसमें मैं भी भाग लूंगा, ताकि वहां पर हिमाचल के हक को मजबूती से रखा जा सके.'
हिमाचल को बनाएंगे नंबर वन राज्य
वहीं, उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि, '11 दिसंबर को बिलासपुर में दो साल का जश्न नहीं मनाया जा रहा है. ये एक कार्यक्रम है. जश्न शब्द का इस्तेमाल तो सिर्फ राजनीतिक दृष्टि से ही किया जाता है. बीते दो सालों में हिमाचल में व्यवस्था परिवर्तन का वक्त रहा है. सरकार ने हर क्षेत्र में बदलाव करने का काम किया है और विपक्ष अपनी रचनात्मक भूमिका निभाने में असफल रहा है. आने वाले वक्त में भी वो हिमाचल प्रदेश के हितों के लिए काम करते रहेंगे. साल 2027 तक हिमाचल प्रदेश आत्मनिर्भर बनेगा और साल 2032 तक वो हिमाचल को नंबर वन राज्य बनाएंगे.'
केंद्र से मांगा 250 करोड़ का प्रोजेक्ट
वहीं, सीएम सुक्खू ने कहा कि, 'केंद्र ने स्पेशल असिस्टेंट टू स्टेटस फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट स्कीम के तहत 23 राज्यों को 3296 करोड़ जारी किए हैं, लेकिन इसमें हिमाचल का नाम शामिल नहीं हैं. प्रदेश के तीन केस भेजे गए थे. मैने इस मामले को लेकर केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र शेखावत से भी मुलाकात की थी. कहीं न कहीं कोई कमी रह गई होगी. आने वाले समय में इसको लेकर केंद्रीय मंत्री से बात करूंगा. हमसे 250 करोड़ का प्रोजेक्ट भी मांगा गया है. इसको लेकर भी हम आगे बढ़ेंगे.'