देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक की. बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने जल जीवन मिशन की प्रगति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि घरों में नलों के साथ पानी की आपूर्ति भी की जाए. सीएम ने कहा अगले एक महीने के भीतर ऐसे स्थान जहां पानी नहीं पहुंच रहा है, वहां पानी की व्यवस्था के लिए डीपीआर तैयार कर योजना पर काम करें. सीएम ने एक महीने के अंदर प्रदेश भर में जल जीवन मिशन के तहत लगाए गए नलों के सत्यापन करने के भी निर्देश दिए.
बैठक के दौरान सीएम धामी ने कहा ऐसे सभी घरों को चिन्हित किया जाए. जहां किसी भी कारण से नल लगने के बावजूद पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है, ऐसे स्थानों की जिओ टैगिंग के साथ ही पानी की आपूर्ति न होने के वजहों को भी स्पष्ट कर शासन को जानकारी भेजने के निर्देश दिए. साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि जल जीवन मिशन के तहत लाभार्थियों तक पीने योग्य पानी पहुंचे.
सीएम ने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों, जिलाधिकारियों और अधिशासी अभियंताओं को भी योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण करने के निर्देश दिए. साथ ही जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीणों को जल संरक्षण के लिए कराई गई ट्रेनिंग और जागरूकता के संबंध में जांच के आदेश दिए. इसके अलावा, सीएम ने जांच में ट्रेनिंग करवाने वाली संस्थाओं और उन्हें जारी धनराशि की भी जांच के निर्देश दिए.
जल जीवन मिशन के तहत बनी पौड़ी जिले की चुनखेत योजना के कामों में खराब गुणवत्ता पर कड़ी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने चुनखेत योजना की खराब गुणवत्ता पर तत्काल प्रभाव से संबंधित गैर जिम्मेदार अधिकारियों को सस्पेंड करने के निर्देश दिए. साथ ही संबंधित ठेकेदार पर भी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने पिथौरागढ़ जिले की वासुकीनाग पंपिंग योजना की खराब गुणवत्ता पर उक्त योजना को श्रमदान घोषित कर योजना के पुनर्निर्माण के निर्देश दिए है.मुख्यमंत्री ने कहा जल जीवन मिशन के तहत होने वाले सभी कार्यों का विशेष रूप से सत्यापन किया जाए. और अगर कहीं भी लापरवाही या खराब गुणवत्ता पाई जाती है, तो उस पर कठोर कार्रवाई की जाए. सीएम ने सख्त लहजे में कहा कि राज्य में जनहित के कामों में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश में हर घर जल ग्राम प्रमाणीकरण भी तेजी से किया जाए. शासन से जिला समिति और शासन से स्वीकृत हो चुकी योजनाओं को तय समय में धरातल पर उतारा जाए. उन्होंने कहा जल जीवन मिशन में तय मानकों के अनुसार ही काम हो. मुख्यमंत्री ने वन भूमि के कारण बाधित कामों के लिए अलग से बैठक कर उनके निस्तारण के भी निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सुनिश्चित हो कि राज्य सरकार, प्रदेश के हर नागरिक तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने की व्यवस्था करें.
जल जीवन मिशन की समीक्षा के दौरान सीएम धामी ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि बैठक के पहले अधिकारी पूरा होमवर्क करके आए. विभागाध्यक्ष हर प्रकार के आंकड़े अपने पास रखें. सीएम ने कहा कि विभाग से संबंधित हर प्रकार के आंकड़े, विश्लेषण अधिकारियों के पास होने चाहिए. जल जीवन मिशन के तहत अब तक कुल 14.05 लाख परिवारों को जल संयोजन से जोड़ा गया है. प्रदेश में हर घर जल ग्राम प्रमाणीकरण के तहत अब तक कुल 6795 ग्रामों को प्रमाणित किया जा चुका है.
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