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गणेश जोशी संपत्ति मामले पर कांग्रेस बोली- सीएम के लिए परीक्षा की घड़ी, धामी ने भी दिया सीधा जवाब

गणेश जोशी संपत्ति विवाद पर मुख्यमंत्री धामी का बयान आया है. वहीं कांग्रेस तंज कसते हुए इसे मुख्यमंत्री के लिए परीक्षा की घड़ी बताया है.

minister ganesh joshi
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी संपत्ति जांच मामला. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 6, 2024, 4:10 PM IST

Updated : Sep 6, 2024, 5:17 PM IST

देहरादून: अक्सर चर्चाओं में रहने वाले उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी आय से अधिक संपत्ति के मामले को लेकर फिर से सुर्खियों में हैं. हालांकि अभी कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी के खिलाफ विजिलेंस ने कोई भी मुकदमा दर्ज नहीं किया है. गणेश जोशी पर मुकदमा दर्ज करने के लिए विजिलेंस को धामी कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार है, जिस पर धामी कैबिनेट को आठ अक्टूबर से पहले फैसला लेना है. लेकिन इस मुद्दे को लेकर प्रदेश में राजनीति चरम पर पहुंच गई है. विपक्ष के आरोपों के बीच इस मामले पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बयान भी आया है.

बता दें कि, वकील विकेश नेगी ने कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी पर आय से अधिक संपत्ति का आरोप लगाया है. इस मामले में उन्होंने विजिलेंस कोर्ट में याचिका भी दायर की थी और गणेश जोशी पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी, जिस पर कोर्ट ने विजिलेंस से जवाब मांगा. विजिलेंस ने अपने जबाव में बताया कि उन्हें मुकदमा दर्ज करने के लिए उत्तराखंड की कैबिनेट का इंतजार है. तभी से ये मामला सुर्खियों में है.

गणेश जोशी संपत्ति विवाद पर सीएम धामी ने पहली बार दिया बयान. (ETV Bharat)

कांग्रेस का तंज: वहीं, इस मामले पर कांग्रेस ने भी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने कहा कि गणेश जोशी का विवादों से लंबा नाता रहा है. पहले भी वो सीबीआई के मामले में सुप्रीम कोर्ट की फटकार सुन चुके हैं. अब आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनकी जांच होनी है. ऐसे में विपक्ष चाहता है कि सीएम खुद मामले का संज्ञान लेकर जांच बैठाएं. साथ ही सवाल उठाते हुए कहा कि सीएम के लिए ये परीक्षा की घड़ी है कि मंत्री जोशी को पद से त्यागपत्र दिलाते हुए इस प्रकरण की जांच बैठाते हैं या नहीं?

जानें त्रिवेंद्र सिंह रावत ने क्या कहा?: वहीं, इसी मसले पर पूर्व सीएम और हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सरकार को गीता का ज्ञान दिया. त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि अब ये सरकार को देखना है कि इसकी सच्चाई क्या है? धर्म युद्ध वो है, जिसमें अपना-पराया छोड़कर न्याय के रास्ते को अपनाया जाए, वो ही धर्म है. ऐसे में अगर हम चाहते हैं कि धर्म का राज हो तो उसके लिए बहुत जरूरी है कि हमारा आचरण भी धर्मानुकूल होना चाहिए.

सीएम धामी का बयान: वहीं, पहली बार इस मामले पर सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बयान आया है. सीएम धामी ने कहा कि उनकी सरकार पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त है. ऐसे में किसी ने भी कोई भी चीज की है तो उसकी जांच होगी. और जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा.

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देहरादून: अक्सर चर्चाओं में रहने वाले उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी आय से अधिक संपत्ति के मामले को लेकर फिर से सुर्खियों में हैं. हालांकि अभी कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी के खिलाफ विजिलेंस ने कोई भी मुकदमा दर्ज नहीं किया है. गणेश जोशी पर मुकदमा दर्ज करने के लिए विजिलेंस को धामी कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार है, जिस पर धामी कैबिनेट को आठ अक्टूबर से पहले फैसला लेना है. लेकिन इस मुद्दे को लेकर प्रदेश में राजनीति चरम पर पहुंच गई है. विपक्ष के आरोपों के बीच इस मामले पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बयान भी आया है.

बता दें कि, वकील विकेश नेगी ने कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी पर आय से अधिक संपत्ति का आरोप लगाया है. इस मामले में उन्होंने विजिलेंस कोर्ट में याचिका भी दायर की थी और गणेश जोशी पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी, जिस पर कोर्ट ने विजिलेंस से जवाब मांगा. विजिलेंस ने अपने जबाव में बताया कि उन्हें मुकदमा दर्ज करने के लिए उत्तराखंड की कैबिनेट का इंतजार है. तभी से ये मामला सुर्खियों में है.

गणेश जोशी संपत्ति विवाद पर सीएम धामी ने पहली बार दिया बयान. (ETV Bharat)

कांग्रेस का तंज: वहीं, इस मामले पर कांग्रेस ने भी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने कहा कि गणेश जोशी का विवादों से लंबा नाता रहा है. पहले भी वो सीबीआई के मामले में सुप्रीम कोर्ट की फटकार सुन चुके हैं. अब आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनकी जांच होनी है. ऐसे में विपक्ष चाहता है कि सीएम खुद मामले का संज्ञान लेकर जांच बैठाएं. साथ ही सवाल उठाते हुए कहा कि सीएम के लिए ये परीक्षा की घड़ी है कि मंत्री जोशी को पद से त्यागपत्र दिलाते हुए इस प्रकरण की जांच बैठाते हैं या नहीं?

जानें त्रिवेंद्र सिंह रावत ने क्या कहा?: वहीं, इसी मसले पर पूर्व सीएम और हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सरकार को गीता का ज्ञान दिया. त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि अब ये सरकार को देखना है कि इसकी सच्चाई क्या है? धर्म युद्ध वो है, जिसमें अपना-पराया छोड़कर न्याय के रास्ते को अपनाया जाए, वो ही धर्म है. ऐसे में अगर हम चाहते हैं कि धर्म का राज हो तो उसके लिए बहुत जरूरी है कि हमारा आचरण भी धर्मानुकूल होना चाहिए.

सीएम धामी का बयान: वहीं, पहली बार इस मामले पर सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बयान आया है. सीएम धामी ने कहा कि उनकी सरकार पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त है. ऐसे में किसी ने भी कोई भी चीज की है तो उसकी जांच होगी. और जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा.

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Last Updated : Sep 6, 2024, 5:17 PM IST
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