जहानाबाद: बिहार के जहानाबाद के कल्पा पंचायत में सीएम नीतीश कुमार के उद्घाटन और शिलान्यास कार्यक्रम पर माले विधायक रामबली सिंह यादव ने गंभीर आरोप लगाए हैं. घोसी के विधायक रामबली सिंह यादव ने सीएम के कार्यक्रम को लोगों के पैसों का दुरुपयोग बताया. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के दौरान दलित, महादलित और अति पिछड़ा समुदाय के लोगों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार किया गया. आने वाले दिनों जनता इसका हिसाब लेगी.
सीएम के शिलान्यास कार्यक्रम में भड़के माले विधायक: दरअसल, जहानाबाद जिले के घोसी विधानसभा के माले विधायक रामबली सिंह यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री के इस कार्यक्रम में कल्पा गांव के सैकड़ों दलित और महादलित परिवारों के लोग अपनी दुखड़ा सुनाने के लिए पहुंचे थे. उन्हें उनके घरों में बंद कर दिया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने उनकी ओर देखना भी मुनासिब नहीं समझा.
अंगरक्षकों ने धकेलकर किया बाहर: विधायक रामबली सिंह यादव ने आरोप लगाया कि जब वह पीने के पानी की समस्या के लिए मुख्यमंत्री को दस सूत्री मांग पत्र सौंपने पहुंचे, तो उनके साथ भी दुर्व्यवहार किया गया. मुख्यमंत्री के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें धकेल कर बाहर कर दिया गया. विधायक ने कहा कि घोसी के कई गांवों में पानी की समस्या है और वह इस समस्या को मुख्यमंत्री के सामने रखना चाहते थे.
"जिस तरह से जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ दलित एवं अति पिछड़ा के साथ मुख्यमंत्री का बर्ताव कार्यक्रम के दौरान किया गया वह काफी निंदनीय है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमेशा दिखावट के लिए दलित महादलित एवं अति पिछड़ा का बात करते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर हकीकत साफ आज आ गया कि अभी भी मुख्यमंत्री दलित महादलित एवं अति पिछड़ा से छुआछूत वाला भेदभाव करते हैं." -रामबली सिंह यादव विधायक, घोसी
दलितों से छुआछूत का व्यवहार: माले विधायक ने सीएम पर दलित, महादलित और अति पिछड़ा समुदाय के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार केवल दिखावे के लिए इन वर्गों की बात करते हैं, जबकि हकीकत में उनके साथ छुआछूत का व्यवहार किया जाता है.
आरा में माले सांसद से हुई थी धक्कामुक्की: बता दें कि पांच सितंबर को आरा में माले सांसद सुदामा प्रसाद से भी सीएम के सुरक्षाकर्मियों ने धक्कामुक्की की थी. जनप्रतिनिधि से लेकर आम जनता तक सभी लोग मुख्यमंत्री से बेहद नाराज दिखे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अंगरक्षकों के द्वारा धक्का-मुक्की और दुर्व्यवहार करने का आरोप लगा था.
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