पटनाः इंतजार की घड़ियां खत्म होनेवाली हैं. 4 जून यानी कल सुबह के 8 बजते ही 2024 के लोकसभा चुनाव की मतगणना शुरू हो जाएगी. 4 जून को देश की सियासत का ऊंट किस करवट बैठता है, इस पर बिहार के सियासी विश्लेषकों की खास निगाहें हैं.दरअसल ये माना जा रहा है कि आनेवाले दिनों में बिहार की सियासत की दिशा और दशा 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजे ही तय करनेवाले हैं.
क्या बिहार में फिर होगा खेला ? : वैसे तो 4 जून को असली नतीजे सबके सामने होंगे, लेकिन एग्जिट पोल के अनुमानों के मुताबिक इस बार बिहार में NDA की सीटें घट सकती हैं और वो भी जेडीयू के हिस्से की. चुनाव प्रचार के दौरान नीतीश कुमार को लेकर तेजस्वी यादव के बयान के बाद बिहार में 'खेला' वाले कयास को एग्जिट पोल के अनुमानों ने और हवा दे दी है.
पीएम नरेंद्र मोदी से मिले सीएम नीतीश कुमारः 'खेला' वाला कयास और परवान चढ़ता इससे पहले ही सीएम नीतीस कुमार न सिर्फ दिल्ली पहुंच गये बल्कि रिजल्ट से एक दिन पहले यानी सोमवार को प्रधानमंत्री से मुलाकात कर रणनीतियों पर मंथन भी किया. पीएम मोदी के साथ सीएम नीतीश की मुलाकात को आनेवाले दिनों में बिहार की सियासत से जोड़कर भी देखा जा रहा है.
तेजस्वी ने किया था बड़ा दावा: बिहार में 'खेला' की चर्चा चुनाव प्रचार के दौरान ही शुरू हो गयी थी जब आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा था कि 4 जून के बाद बिहार की सियासत में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. तेजस्वी अक्सर अपने बयानों में ये भी कहते रहे हैं कि चचा नीतीश कुमार का शरीर बस बीजेपी के साथ है उनका मन तो महागठबंधन के साथ है.
जेडीयू ने तेजस्वी के बयान को कर दिया था खारिजः हालांकि जेडीयू ने तेजस्वी के इन बयानों को सिरे से खारिज कर दिया था. पार्टी के प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा था कि "तेजस्वी को चुनाव में हार दिख रही है, इसलिए वो भ्रम फैलाना चाहते हैं. मीडिया की सुर्खियों में बने रहना चाहते हैं. तेजस्वी आने वाले समय में असफल नेतृत्व कर्ता साबित होंगे."
क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषकः? बिहार में कोई सियासी 'खेला' होने की संभावनाओं पर राजनीतिक विश्लेषक संजय कुमार का कहना है कि "फिलहाल ऐसी कोई स्थिति नहीं दिखाई देती है कि नीतीश कुमार महागठबंधन का रुख करेंगे. लेकिन ये भी सच है कि नीतीश कुमार ने कई बार अपने फैसले से सियासी पंडितों को चौंकाया है."
"जिस तरह से नीतीश कुमार ने मंचों से बेबाकी से कहा कि याद है न हमने आपके लिए क्या किया और वो नरसंहार का कालखंड भी याद है न. जब आप अपने घरों में दुबके रहते थे. इन संवादों से समझा जा सकता है कि कुछ भी नजदीकियां होती तो ये तेजस्वी और आरजेडी पर सीधा अटैक नही करते. हां पाला बदलने का जो चरित्र रहा है इनका उससे किसी संभावना से सीधे-सीधे कैसे इंकार किया जा सकता है." संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक
प्रेशर पॉलिटिक्स में माहिर हैं नीतीश कुमार: नीतीश कुमार के बारे में ये कहा जाता है कि नीतीश प्रेशर पॉलिटिक्स में माहिर हैं और हमेशा दूसरी संभावनाओं के दरवाजे भी खोल कर रखते हैं. पिछले कुछ सालों में जिस तरह से नीतीश ने पाला बदला है वो इस बात की गवाही भी दे रहा है. फिलहाल तो चर्चा बस एक है कि आखिर 4 जून को किसका होगा मंगल ?