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CM ने बिहटा-दानापुर एलिवेटेड सड़क और आपदा मोचन बल के निर्माण कार्य का लिया जायजा, अफसरों को दिया ये निर्देश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्माणाधीन बिहटा दानापुर एलिवेटेड रोड का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को जरूरी निर्देश भी दिए.

Nitish Kumar
नीतीश कुमार (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : 3 hours ago

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्माणाधीन बिहटा-दानापुर एलिवेटेड सड़क और राज्य आपदा मोचन बल (मुख्यालय) के निर्माण कार्य की प्रगति का जायजा लिया. बिहटा दानापुर एलिवेटेड सड़क बन जाने से बिहटा एयरपोर्ट जाना आसान हो जाएगा. वहीं राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की तर्ज पर वर्ष 2010 में राज्य आपदा मोचन बल का गठन किया गया था लेकिन प्रशिक्षण की सुविधा नहीं होने के कारण एसडीआरएफ बल को दूसरे राज्यों में जाना पड़ता था. अब अगले साल से बिहार में ही प्रशिक्षण संभव हो सकेगा.

25.081 किमी लम्बा है बिहटा-दानापुर एलिवेटेड सड़क: निर्माणाधीन बिहटा-दानापुर एलिवेटेड सड़क के निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री को एनएचएआई और निर्माण कंपनी के अधिकारियों ने कन्हौली में कॉन्फ्रेंस हॉल में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से निर्माण कार्य के संबंध में विस्तृत जानकारी दी. बिहटा दानापुर एलिवेटेड पथ की कुल लंबाई 25.081 किमी है. यह पटना-बक्सर 4 लेन सड़क का हिस्सा है. इस पथ में चार बाईपास का निर्माण भी हो रहा है. पहला बाईपास नेऊरागंज के पास 1.20 किमी का, दूसरा पैनाल के पास 1.75 किमी का, तीसरा कन्हौली के पास 1.70 किमी का, चौथा विशुनपुरा के पास 0.60 किमी का है.

दानापुर स्टेशन को आरओबी से जोड़ा जाएगा: निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहटा-दानापुर एलिवेटेड सड़क का निर्माण कार्य तेजी से पूर्ण करें, इससे लोगों का आवागमन और सुलभ होगा साथ ही उनके समय की भी बचत होगी. इस पथ को दानापुर स्टेशन के पास के आरओबी से जोड़ा जाएगा. इसके निर्माण से बिहटा एयरपोर्ट जाना सुगम हो जाएगा.

एसडीआरएफ जवानों का प्रशिक्षण बिहार में: मुख्यमंत्री बिहटा के दिलावरपुर में बनाए जा रहे राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) मुख्यालय के भवन के निर्माण कार्य की प्रगति का भी जायजा लिया. भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने साइट प्लान के माध्यम से स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एसडीआरएफ) के निर्माणाधीन कैंपस के संबंध में विस्तृत जानकारी दी.

इस परिसर में विभिन्न भवनों- प्रशासनिक भवन, 500 क्षमता का ऑडिटोरियम, 290 प्रशिक्षुओं के लिए प्रशिक्षण केन्द्र, 30 जवानों की त्वरित आपदा टीम भवन, क्वार्टर मास्टर स्टोर, बाढ़ राहत के प्रशिक्षण हेतु राष्ट्रीय स्तर का स्वीमिंग पुल तथा 108 पदाधिकारियों, 150 कर्मचारियों के लिए पारिवारिक आवासन एवं 330 जवानों के लिए बैरक का निर्माण चरणबद्ध तरीके से कराया जा रहा है. योजना के प्रथम चरण अन्तर्गत प्रशासनिक भवन, क्वार्टर मास्टर स्टोर, प्रशिक्षण भवन, त्वरित आपदा टीम भवन, बैरक, कमाण्डेंट आवास, डिप्टी कमाण्डेंट आवास, कांस्टेबल आवास एवं मेस का निर्माण अंतिम चरण में है जिसे जनवरी 2025 तक एवं शेष भवनों का निर्माण जून 2025 तक पूर्ण कर लिया जाएगा.

क्या बोले सीएम?: निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य आपदा मोचन बल मुख्यालय परिसर में बनाए जा रहे भवनों का निर्माण कार्य तेजी से पूर्ण करें. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की तर्ज पर वर्ष 2010 में राज्य आपदा मोचन बल का गठन किया गया. पहले राज्य आपदा मोचन बल के जवानों को प्रशिक्षण केन्द्र के अभाव में प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए दूसरे राज्यों में जाना पड़ता था. अब इन समस्याओं के समाधान के लिए राज्य आपदा मोचन बल के लिए स्थायी संरचना निर्माण किया जा रहा है. जवानों और अधिकारियों के रहने सहित अन्य सुविधाओं की यहां व्यवस्था की जा रही है, ताकि जवानों को सभी कार्यों के निष्पादन में सहूलियत हो सके.

ये भी पढ़ें: पटना को महानगर बनाने का खाका तैयार, 1 हजार वर्ग KM से अधिक होगा राजधानी का क्षेत्रफल

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्माणाधीन बिहटा-दानापुर एलिवेटेड सड़क और राज्य आपदा मोचन बल (मुख्यालय) के निर्माण कार्य की प्रगति का जायजा लिया. बिहटा दानापुर एलिवेटेड सड़क बन जाने से बिहटा एयरपोर्ट जाना आसान हो जाएगा. वहीं राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की तर्ज पर वर्ष 2010 में राज्य आपदा मोचन बल का गठन किया गया था लेकिन प्रशिक्षण की सुविधा नहीं होने के कारण एसडीआरएफ बल को दूसरे राज्यों में जाना पड़ता था. अब अगले साल से बिहार में ही प्रशिक्षण संभव हो सकेगा.

25.081 किमी लम्बा है बिहटा-दानापुर एलिवेटेड सड़क: निर्माणाधीन बिहटा-दानापुर एलिवेटेड सड़क के निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री को एनएचएआई और निर्माण कंपनी के अधिकारियों ने कन्हौली में कॉन्फ्रेंस हॉल में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से निर्माण कार्य के संबंध में विस्तृत जानकारी दी. बिहटा दानापुर एलिवेटेड पथ की कुल लंबाई 25.081 किमी है. यह पटना-बक्सर 4 लेन सड़क का हिस्सा है. इस पथ में चार बाईपास का निर्माण भी हो रहा है. पहला बाईपास नेऊरागंज के पास 1.20 किमी का, दूसरा पैनाल के पास 1.75 किमी का, तीसरा कन्हौली के पास 1.70 किमी का, चौथा विशुनपुरा के पास 0.60 किमी का है.

दानापुर स्टेशन को आरओबी से जोड़ा जाएगा: निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहटा-दानापुर एलिवेटेड सड़क का निर्माण कार्य तेजी से पूर्ण करें, इससे लोगों का आवागमन और सुलभ होगा साथ ही उनके समय की भी बचत होगी. इस पथ को दानापुर स्टेशन के पास के आरओबी से जोड़ा जाएगा. इसके निर्माण से बिहटा एयरपोर्ट जाना सुगम हो जाएगा.

एसडीआरएफ जवानों का प्रशिक्षण बिहार में: मुख्यमंत्री बिहटा के दिलावरपुर में बनाए जा रहे राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) मुख्यालय के भवन के निर्माण कार्य की प्रगति का भी जायजा लिया. भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने साइट प्लान के माध्यम से स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एसडीआरएफ) के निर्माणाधीन कैंपस के संबंध में विस्तृत जानकारी दी.

इस परिसर में विभिन्न भवनों- प्रशासनिक भवन, 500 क्षमता का ऑडिटोरियम, 290 प्रशिक्षुओं के लिए प्रशिक्षण केन्द्र, 30 जवानों की त्वरित आपदा टीम भवन, क्वार्टर मास्टर स्टोर, बाढ़ राहत के प्रशिक्षण हेतु राष्ट्रीय स्तर का स्वीमिंग पुल तथा 108 पदाधिकारियों, 150 कर्मचारियों के लिए पारिवारिक आवासन एवं 330 जवानों के लिए बैरक का निर्माण चरणबद्ध तरीके से कराया जा रहा है. योजना के प्रथम चरण अन्तर्गत प्रशासनिक भवन, क्वार्टर मास्टर स्टोर, प्रशिक्षण भवन, त्वरित आपदा टीम भवन, बैरक, कमाण्डेंट आवास, डिप्टी कमाण्डेंट आवास, कांस्टेबल आवास एवं मेस का निर्माण अंतिम चरण में है जिसे जनवरी 2025 तक एवं शेष भवनों का निर्माण जून 2025 तक पूर्ण कर लिया जाएगा.

क्या बोले सीएम?: निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य आपदा मोचन बल मुख्यालय परिसर में बनाए जा रहे भवनों का निर्माण कार्य तेजी से पूर्ण करें. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की तर्ज पर वर्ष 2010 में राज्य आपदा मोचन बल का गठन किया गया. पहले राज्य आपदा मोचन बल के जवानों को प्रशिक्षण केन्द्र के अभाव में प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए दूसरे राज्यों में जाना पड़ता था. अब इन समस्याओं के समाधान के लिए राज्य आपदा मोचन बल के लिए स्थायी संरचना निर्माण किया जा रहा है. जवानों और अधिकारियों के रहने सहित अन्य सुविधाओं की यहां व्यवस्था की जा रही है, ताकि जवानों को सभी कार्यों के निष्पादन में सहूलियत हो सके.

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