पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली दौरे के बाद आज बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई निरीक्षण कर रहे हैं. नेपाल में हुई भारी बारिश का असर कोसी और गंडक नदी पर पड़ा है, जिसके कारण बिहार में बाढ़ की भयावह स्थिति उत्पन्न हो गई है. 11 जिले दरभंगा, खगड़िया, समस्तीपुर, भागलपुर, कटिहार, किशनगंज, अररिया, पश्चिम चंपारण, सीतामढ़ी, सुपौल और भोजपुरी में तटबंधों पर भारी दबाव है.
इन जिलों में तटबंध टूटने से तबाही: सोमवार को सीतामढ़ी के बेलसंड में बागमती और पूर्वी चंपारण के सुगौली में सिकरहना नदी का तटबंध टूट गया है. वहीं दरभंगा जिले के किरतपुर प्रखंड के तेतरी गांव में कोसी नदी का पश्चिमी तटबंध टूटा है. शिवहर जिला के तरियानी प्रखंड के तरियानी छपरा गांव में बागमती नदी का दाहिना तटबंध टूटा है और इसके कारण कई इलाकों में पानी फैल गया है.
माननीय मुख्यमंत्री श्री @NitishKumar ने आज राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया तथा जरूरी निर्देश दिये।
— Water Resources Department, Government of Bihar (@WRD_Bihar) October 1, 2024
सर्वेक्षण में माननीय मंत्री श्री @VijayKChy व प्रधान सचिव श्री @SantoshKMall1 सहित कई वरीय अधिकारी शामिल थे।
पश्चिमी कोशी तटबंध का टुटान बिंदु👇#BiharFlood pic.twitter.com/eS1FJfOOsa
हवाई सर्वेक्षण पर निकले नीतीश कुमार: गंगा, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान नदियां जो खतरे के निशान से नीचे जा रही थी, हालांकि अब उनका जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने अधिकारियों को राहत कार्य में लगा चुके हैं और आज खुद बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा ले रहे हैं. निरीक्षण करने के बाद वो बाढ़ पीड़ितों के लिए कई दिशा निर्देश देंगे.
खतरे के निशान से ऊपर बह रही नदियां: कोसी और गंडक नदी में अचानक आई पानी से 16 जिले के करीब 10 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हो गई है. सोमवार को अलग-अलग जिलों में 20 लोगों की डूबने से मौत भी हो गई है, जबकि 7 लोग लापता हैं. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वरीय अधिकारियों की टीम दरभंगा और सीतामढ़ी में तैनात की गई है तो वहीं वाराणसी और रांची से एनडीआरएफ की 6 टीमों को बुलाया गया है.
कोसी और गंडक बराज का डिस्चार्ज घटा: 29 सितंबर को कोसी बराज का डिस्चार्ज 1968 के बाद सबसे अधिक 6.61 लाख से अधिक क्यूसेक पानी पर पहुंच गया था. 1968 में कोसी के वीरपुर ब्राज पर 7.88 लाख क्यूसेक पानी पहुंचा था. नेपाल में बारिश थमने के बाद अब पानी का डिस्चार्ज घटकर 1. 92 लाख क्यूसेक के आसपास पहुंच गया है. वहीं गंडक नदी का डिस्चार्ज इस बार 5.62 लाख क्यूसेक पानी से ऊपर पहुंच गया था, जो 21 सालों के बाद सबसे अधिक है. हालांकि गंडक में भी पानी घटकर 1.66 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया है लेकिन तटबंध के टूटने के कारण पानी फैल गया है.