रोहतक: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक दिन पहले ही अहम फैसला सुनाया था. फैसले में कोर्ट ने प्रदेश सरकार के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसके तहत नौकरियों में सामाजिक व आर्थिक आधार आवेदकों को 5 अंक देने का प्रावधान किया गया था. हाई कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया था कि प्रदेश सरकार ने संविधान के खिलाफ जाकर सामाजिक आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया है. हाईकोर्ट ने अपने फैसले स्पष्ट किया कि सामाजिक व आर्थिक आधार पर आरक्षण का फैसला संविधान के खिलाफ है. हाईकोर्ट की ओर से रद्द किए जाने वाले फैसले पर प्रदेश सरकार अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी. यह जानकारी मुख्यमंत्री नायब सैनी ने दी.
'सुप्रीम कोर्ट जाएगी सरकार': शनिवार को रोहतक में बीजेपी प्रदेश कार्यालय पहुंचे मुख्यमंत्री नायब सैनी ने लोकसभा व विधानसभा विस्तारकों की बैठक ली. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने आरक्षण वाले मुद्दे पर मीडिया से बातचीत की. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा में ग्रुप सी और ग्रुप डी की नौकरियों में सामाजिक और आर्थिक आधार पर पांच अंक देने के फैसले को हाईकोर्ट की डबल बैंच ने रद्द किया है. अब राज्य सरकार इसकी पैरवी सुप्रीम कोर्ट तक करेगी. सरकार गरीब और युवाओं के साथ अन्याय नहीं होने देगी. इससे पहले, हाईकोर्ट की सिंगल बैंच सरकार के इस फैसले की सराहना कर चुकी थी. उन्होंने कहा कि वह प्रदेश की जनता को निराश नहीं होने देंगे.