चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने स्टिल्ट+4 मंजिलों के निर्माण की अनुमति उन कॉलोनियों/सेक्टरों में स्थित आवासीय भूखंडों के लिए दी है, जिनका लेआउट प्लान प्रति प्लॉट चार आवासीय इकाइयों के साथ अनुमोदित है. एस+4 मंजिलों के निर्माण की अनुमति पहले से ही लाइसेंस प्राप्त DDJAY कॉलोनियों में भी दी जाएगी. यदि प्रति प्लॉट चार आवासीय इकाइयों के लिए सेवा योजना अनुमोदित/संशोधित हो.
स्टिल्ट+4 मंजिलों के निर्माण को मंजूरी: स्टिल्ट+4 मंजिलों के निर्माण की अनुमति उन कॉलोनियों/सेक्टरों में भी दी जा सकती है, जिनका लेआउट प्लान प्रति प्लॉट तीन आवासीय इकाइयों के साथ अनुमोदित है, लेकिन केवल ऐसे आवासीय भूखंडों के लिए जो 10 मीटर या उससे अधिक चौड़ी सड़क से सुगम्य हैं और दो शर्तों में से किसी एक को भी पूरा करते हैं. यानी सभी आसन्न भूखंडों के स्वामियों के पारस्परिक सहमति समझौते की प्रस्तुति, सिवाय जिन्हें पहले से ही एस+4 अनुमोदन प्राप्त है, या आसन्न भूखंडओं की सभी मंजिलों पर 1.8 मीटर का साइड सेटबैक बनाए रखा जाना.
नियम और शर्ते लागू: ऐसे आसन्न भूखंड के स्वामी, जो ऐसी सहमति देने से इनकार करते हैं, वे भविष्य में अपने भूखंडों पर एस+4 अनुमोदन के लिए अपात्र होंगे. 250 वर्ग मीटर से अधिक माप वाले भूखंडों के लिए PDR (पीडीआर) की दरें अनुलग्नक 'ए' के अनुसार बढ़ाई जाएंगी. ऐसे मामले जहां एचएसवीपी द्वारा प्लॉट की नीलामी अंतर्निहित Purchasable एफएआर के साथ की जा चुकी है. वो या तो स्टिल्ट 4 मंजिलों का निर्माण आवंटन की शर्तों के अधीन कर सकते हैं.
एस+4 मंजिलों का निर्माण नहीं करने पर विकल्प: जहां मालिक एस+4 मंजिलों का निर्माण नहीं करने का विकल्प चुनता है और PDR (पीडीआर) का लाभ पूरा नहीं उठाता है, ऐसे अप्रयुक्त पीडीआर की गणित राशि का प्रतिदाय 8% ब्याज सहित के अनुरोध के लिए आवेदन की तिथि तक पात्रता होगी, जो इस संबंध में आदेश जारी करने की तिथि से 60 दिनों के भीतर किया जाना चाहिए. यदि मामला अनुच्छेद 1 या 3 में नहीं आता है, तो आवंटी 8% ब्याज के साथ भुगतान की गई पूरी नीलामी राशि की वापसी के लिए पात्र होगा, जो इस संबंध में आदेश जारी करने की तिथि से 60 दिनों के भीतर किया जाना चाहिए.
उदाहरण के तौर पर ऐसे समझें: प्रतिदाय राशि की गणना के लिए एक उदाहरण के रूप में, गुरुग्राम में स्थित 600 वर्ग मीटर के एक भूखंड के लिए, जिस पर आधार एफएआर 1.2 है और 'पीडीआर के साथ अधिकतम स्वीकार्य एफएआर' 2.4 तक है, लेकिन, आवंटी 1.9 का एफएआर प्राप्त करने में सक्षम है, तो शेष अप्रयुक्त एफएआर 0.5, यानी 300 वर्ग मीटर के लिए, आवंटी निम्नलिखित के अनुसार गणना की गई राशि के प्रतिदाय के लिए पात्र होगा.
शेष अप्रयुक्त एफएआर (वर्ग मीटर में) को प्लॉट आकार के लिए पीडीआर (रुपये प्रति वर्ग मीटर में) उस क्षेत्र में जिसमें प्लॉट स्थित निर्धारित दर से गुणा किया जाता है. यदि प्लॉट गुरुग्राम (हाइपर पोटेंशियल जोन) में स्थित है, तो वापसी योग्य राशि 24,21,000/- रुपये होगी और यदि प्लॉट पानीपत (हाई॥ पोटेंशियल कोण) में स्थित है, तो राशि 14,53,500/- रुपये होगी.
क्रम संख्या 3 के अंतर्गत आने वाले भूखंडों के लिए: बेसमेंट मंजिल का निर्माण और सार्वजनिक दीवार पर भार का स्थानांतरण उन भूखंडों पर नहीं किया जाएगा, जहां S+4 निर्माण की अनुमति है. हालांकि, ऐसे मामलों में जहां दोनों में से किसी एक या दोनों को आसन्न भूखंड स्वामियों के साथ निष्पादित पारस्परिक सहमति समझौते में सहमति दी जाती है, ऐसे में बेसमेंट मंजिल का निर्माण और/या सार्वजनिक दीवार पर भार का स्थानांतरण करने की अनुमति है. इसके अलावा, आम दीवार के निर्माण की अनुमति दी जाएगी यदि आवासीय भूखंडों की पूरी पंक्ति को भवन योजनाओं की स्वीकृति और निर्माण के लिए एक बार में लिया जाता है.
बशर्ते कि बेसमेंट मंजिल का निर्माण की अनुमति किसी भी मामले में 10 मीटर चौड़ाई और 250 वर्ग मीटर क्षेत्र से कम के भूखंडों पर अनुमति नहीं दी जाएगी.
सभी सेक्टरों/कॉलोनियों के आधारभूत संरचना में वृद्धि, जहां भी आवश्यक हो, संबंधित एजेंसियों द्वारा एरा+4 योजनाओं के अनुमोदन के विरुद्ध एकत्रित 1178.95 करोड़ रुपये की आईएसी निधि से तुरंत की जाएगी. ये निधियां तत्काल आधार पर एचएसवीपी को जारी की जाएगी, जो प्राथमिकता और निष्पादन के लिए नोडल कार्यालय होगा, और उसके बाद मासिक आधार पर उपार्जन के आधार पर जारी की जाएंगी.
'एस+4 पोर्टल' स्थापित होगा: प्रत्येक विभाग एस+4 मामलों से संबंधित मुद्दों के निपटान और समय-समय पर एस+4 मंजिलों से संबंधित अनुमतियों सहित विभिन्न सूचनाओं को अपलोड करने के लिए 'एस+4 पोर्टल' स्थापित करेगा. स्टिल्ट+चार मंजिलों के लिए भवन योजनाओं के अनुमोदन की जानकारी को 'एस+4 पोर्टल' और संबंधित एजेंसियों की वेबसाइटों पर नियमित रूप से प्रदर्शित करने के लिए एक तंत्र विकसित किया जाएगा.
पोर्टल पर होगा अपडेट: संबंधित एजेंसियां/विभाग/प्राधिकरण सभी शिकायतों के समाधान के लिए शिकायत निवारण समितियों का गठन करेंगे और एस+4 मंजिलों के निर्माण के संबंध में संरचनात्मक क्षति, पार्किंग की समस्या, बुनियादी ढांचे के मुद्दों आदि से संबंधित सभी मामलों के लिए भूखंड मालिकों को सहायता प्रदान करेंगे. सभी शिकायतों का निपटारा 'एस +4 पोर्टल' पर किया जाएगा.
स्टिल्ट क्षेत्र के आवरण की पद्धति को समाप्त करने के लिए, भविष्य में भवन योजना को मंजूरी देते समय और/या कब्जा प्रमाण पत्र प्रदान करते समय, एक शर्त लगाई जाएगी कि यदि स्टिल्ट क्षेत्र में पूर्णतः या आंशिक रूप से आवरण हुआ तो भवन योजना की मंजूरी और/या कब्जा प्रमाण पत्र का अनुमोदन वापस ले लिया गया माना जाएगा. ऐसे सभी मामलों के लिए जहां आज तक भवन योजनाओं की मंजूरी के बिना एस+4 निर्माण किया गया है, उनके लिए मानक संचालन प्रक्रिया निम्नलिखित सिद्धांतों पर तैयार की जाएगी:
1) ऐसे सभी व्यक्ति जिन्होंने इस तरह का अनाधिकृत निर्माण किया है, वे अपराध के शमन के लिए सक्षम प्राधिकारी को आवेदन कर सकते हैं.
2) अनधिकृत निर्माण के ऐसे सभी मामलों में, जहाँ यदि निर्माण के समय, आसन्न भूखंडों के स्वामियों द्वारा कोई आपत्ति दर्ज नहीं की गई थी, तो अपराध के शमन के लिए आवेदन प्राप्त होने के 90 दिनों के भीतर अनुमति प्रदान की जाएगी.
3) यदि निर्माण के समय आसन्न भूखंडों के स्वामियों द्वारा आपत्ति दर्ज की गई थी, तो शिकायतकर्ताओं से पारस्परिक समझौते / सहमति प्रस्तुत करने के लिए एक और अवसर दिया जाएगा. यदि आवेदक शिकायतकर्ताओं की सहमति प्रदान करने में असमर्थ है, तो मामले का निर्णय स्पीकिंग ऑर्डर पारित करके किया जाएगा.
4) ऐसे अपराध के शमन की अनुमति 'बिल्डिंग प्लान की स्वीकृति के बिना किए गए निर्माण और एचबीसी के प्रावधानों के अनुरूप निर्माण' के लिए निर्धारित दर से दस गुना अधिक शमन शुल्क वसूलने के बाद दी जा सकती है.