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हरियाणा सरकार ने सरपंचों का पावर बढ़ाया, अब बिना ई टेंडरिंग के 21 लाख रुपये तक का करवा सकते काम - sarpanch power increased

sarpanch power increased: हरियाणा सरकार के खिलाफ सरपंचों की नाराजगी को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री ने आज राज्य स्तरीय सरपंच सम्मेलन में घोषणाओं की बौछार कर दी. अब सरपंच बिना ई टेंडरिंग के 21 लाख रुपए तक का विकास कार्य करवा सकते हैं जबकि पहले पांच लाख रुपये तक का ही काम करवा सकते थे.

सरपंचों का पावर बढ़ा
सरपंचों का पावर बढ़ा (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jul 2, 2024, 5:06 PM IST

Updated : Jul 2, 2024, 5:15 PM IST

कुरुक्षेत्र: कुरुक्षेत्र में आज बीजेपी द्वारा राज्य स्तरीय सरपंच सम्मेलन का आयोजन किया गया. सम्मेलन में मुख्यमंत्री नायब सैनी भी मौजूद थे. बीजेपी से नाराज सरपंचों को मनाने के लिए मुख्यमंत्री ने कई घोषणाएं की. ई टेंडरिंग को लेकर उन्होंने बड़ी घोषणा की.

बिना ई टेंडरिंग के करवा सकते काम: मुख्यमंत्री ने राज्य स्तरीय सरपंच सम्मेलन में कई बड़े ऐलान किये जिसमें सबसे प्रमुख बिना ई टेंडरिंग के काम करवाने की घोषणा थी. सरपंच अब बिना ई टेंडरिंग से 21 लाख रुपए तक का विकास कार्य करवा सकते हैं जबकि पहले वे 5 लाख रुपए तक का ही काम करवा सकते थे. यानि अब सरपंच अब 21 लाख रुपए तक के विकास कार्य को करवाने की जिम्मेदारी किसी भी को सौंप सकते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास कार्य के लिए जो एस्टीमेट सरपंच बनाकर पोर्टल पर अपलोड करते हैं वह 10 दिन के अंदर पास हो जाएगा जिससे काम में तेजी आएगी.

भत्ता भी बढ़ा: सरपंच अगर गांव के किसी काम से बाहर जाते हैं तो 16 रूपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से उनको भत्ता दिया जाएगा. मुकदमे के कारण सरपंच को कोर्ट में जाना होता है उस सिलसिले में भी उन्हें सुविधा दी गयी है. जिला कोर्ट के लिए वकील की फीस जो 1100 रुपये होती थी वह बढा कर 5500 हो गई है, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जाते हैं तो वहां वकील की फीस पहले 5500 रुपये निर्धारित थो वह बढ़ कर 33000 रुपये कर दी गयी है. स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर आयोजन के मद में पहले खर्च के लिए तीन हजार रुपया दिया जाता था जिसे बढ़ा कर 30000 कर दिया गया है.

मंच पर डीसी के साथ बैठेंगे: अगर गांव में किसी प्रकार का कोई भी कार्यक्रम होता है और उसमें जिले के डीसी शामिल होते हैं तो तो सरपंच का मंच पर स्थान डीसी के साथ होगा. सरपंच अब एक यूपीएस, प्रिंटर और डेस्कटॉप अपने स्तर पर खरीद सकते हैं. जो बड़े टेंडर गांव के विकास कार्य के लिए होंगे उनके एसएमएस सरपंचों के पास आएंगे पहले ऐसा नहीं होता था. पंचायत के खाते में हर दो माह में पैसे आएंगे, जिनकी जानकारी सरपंचों को एसएमएस से मिलेगी. पंचायत की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए बिजली पर लगने वाला 2% का टैक्स सीधे पंचायत के खाते में जाएगा.

ये भी पढ़ें: कुरुक्षेत्र में राज्य स्तरीय सरपंच सम्मेलन, क्या सरकार दूर करेगी सरपंचों की नाराजगी! मिल सकती है ये बड़ी सौगातें - Sarpanch Conference in Kurukshetra

ये भी पढ़ें: ये भी पढ़ें: हरियाणा सरकार ने दी स्टिल्ट प्लस चार मंजिल निर्माण को मंजूरी, वित्त मंत्री जेपी दलाल ने की घोषणा, जानें नियम और शर्तें - construction of stilt plus four

कुरुक्षेत्र: कुरुक्षेत्र में आज बीजेपी द्वारा राज्य स्तरीय सरपंच सम्मेलन का आयोजन किया गया. सम्मेलन में मुख्यमंत्री नायब सैनी भी मौजूद थे. बीजेपी से नाराज सरपंचों को मनाने के लिए मुख्यमंत्री ने कई घोषणाएं की. ई टेंडरिंग को लेकर उन्होंने बड़ी घोषणा की.

बिना ई टेंडरिंग के करवा सकते काम: मुख्यमंत्री ने राज्य स्तरीय सरपंच सम्मेलन में कई बड़े ऐलान किये जिसमें सबसे प्रमुख बिना ई टेंडरिंग के काम करवाने की घोषणा थी. सरपंच अब बिना ई टेंडरिंग से 21 लाख रुपए तक का विकास कार्य करवा सकते हैं जबकि पहले वे 5 लाख रुपए तक का ही काम करवा सकते थे. यानि अब सरपंच अब 21 लाख रुपए तक के विकास कार्य को करवाने की जिम्मेदारी किसी भी को सौंप सकते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास कार्य के लिए जो एस्टीमेट सरपंच बनाकर पोर्टल पर अपलोड करते हैं वह 10 दिन के अंदर पास हो जाएगा जिससे काम में तेजी आएगी.

भत्ता भी बढ़ा: सरपंच अगर गांव के किसी काम से बाहर जाते हैं तो 16 रूपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से उनको भत्ता दिया जाएगा. मुकदमे के कारण सरपंच को कोर्ट में जाना होता है उस सिलसिले में भी उन्हें सुविधा दी गयी है. जिला कोर्ट के लिए वकील की फीस जो 1100 रुपये होती थी वह बढा कर 5500 हो गई है, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जाते हैं तो वहां वकील की फीस पहले 5500 रुपये निर्धारित थो वह बढ़ कर 33000 रुपये कर दी गयी है. स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर आयोजन के मद में पहले खर्च के लिए तीन हजार रुपया दिया जाता था जिसे बढ़ा कर 30000 कर दिया गया है.

मंच पर डीसी के साथ बैठेंगे: अगर गांव में किसी प्रकार का कोई भी कार्यक्रम होता है और उसमें जिले के डीसी शामिल होते हैं तो तो सरपंच का मंच पर स्थान डीसी के साथ होगा. सरपंच अब एक यूपीएस, प्रिंटर और डेस्कटॉप अपने स्तर पर खरीद सकते हैं. जो बड़े टेंडर गांव के विकास कार्य के लिए होंगे उनके एसएमएस सरपंचों के पास आएंगे पहले ऐसा नहीं होता था. पंचायत के खाते में हर दो माह में पैसे आएंगे, जिनकी जानकारी सरपंचों को एसएमएस से मिलेगी. पंचायत की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए बिजली पर लगने वाला 2% का टैक्स सीधे पंचायत के खाते में जाएगा.

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Last Updated : Jul 2, 2024, 5:15 PM IST
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