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यूपी के 57 जिलों में बनेंगे CM माॅडल कंपोजिट विद्यालय, प्री प्राइमरी से लेकर 12वीं तक की कक्षाएं होंगी संचालित, करीब 3000 विद्यार्थी कर सकेंगे पढ़ाई - CM Model Composite Schools - CM MODEL COMPOSITE SCHOOLS

प्रदेश सरकार ने यूपी के 57 जिलों में सीएम मॉडल कम्पोजिट विद्यालय (Basic Education Department) बनाए जाने की योजना बनाई है. विद्यालय में प्री प्राइमरी (बाल वाटिका) के साथ 12वीं तक की कक्षाएं संचालित की जाएंगी.

प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 6, 2024, 6:13 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सीएम मॉडल कम्पोजिट विद्यालय का निर्माण अब प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर पर कराया जाएगा. जहां एक-एक विद्यालय में करीब 3000 छात्र पढ़ सकेंगे. बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, हर न्याय पंचायत में न्यूनतम 25 एकड़ में निर्मित होने वाले इन विद्यालयों के निर्माण में प्रदेश सरकार की ओर से शिक्षा विभाग को गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने का निर्देश दिया गया है. इसी क्रम में प्रदेश सरकार आगामी तीन वर्षों में प्रदेश के 57 जनपदों में (मंडल मुख्यालय वाले 18 जनपदों को छोड़कर) सीएम मॉडल कंपोजिट विद्यालय का निर्माण करा रही है.



12वीं तक की कक्षाएं होंगी संचालित : बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, मुख्यमंत्री मॉडल कम्पोजिट विद्यालय के निर्माण को लेकर जो योजना है उसके अनुसार यहां प्री प्राइमरी (बाल वाटिका) के साथ 12वीं तक की कक्षाएं संचालित की जाएंगी. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप छात्र-छात्राओं के समग्र विकास पर फोकस किया जाएगा. यहां छात्रों को यूपी बोर्ड पाठ्यक्रम पर आधारित विज्ञान, गणित, वाणिज्य एवं कला वर्ग में अध्ययन का अवसर मिलेगा. इन विद्यालयों में पूर्व से कार्यरत शिक्षकों में से उत्कृष्ट शिक्षकों की प्रमाणिकता आधारित तैनाती की जाएगी. योजना के अनुसार प्री प्राइमरी, प्राथमिक, उच्च प्राथमिक एवं सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी कक्षाओं के लिए अलग-अलग शैक्षणिक ब्लॉक निर्मित किए जाएंगे. आधुनिक गणित, विज्ञान, प्रयोगशाला, स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर लैब, खेल का मैदान, स्किल लैब और केंद्रीकृत किचन का भी निर्माण होगा.

ओपन जिम के साथ मल्टीपल एक्टिविटी हॉल की भी सुविधा : बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, विद्यालय भवन भूकंपरोधी निर्माण तकनीक, हरित ऊर्जा और ऊर्जा कुशल वास्तुकला के मानदंड पर आधारित होगा. विद्यालयों में वर्ल्ड क्लास अवस्थापना सुविधाएं सुलभ कराई जाएंगी. इनमें प्रत्येक क्लास रूम के लिए स्मार्ट क्लास, स्किल हब सेंटर, कक्षा एक से 8 के लिए कम्पोजिट विज्ञान गणित प्रयोगशाला, कक्षा 9 से 12 के लिए रसायन, भौतिकी विज्ञान के लिए मॉड्यूलर प्रयोगशाला, कम्प्यूटर लैब एवं लैंग्वेज लैब, कक्षा एक से 8 एवं कक्षा 9 से 12 के लिए अलग-अलग पुस्तकालय, खेल का मैदान व ओपन जिम के साथ मल्टीपल एक्टिविटी हॉल की सुविधा होगी. इसके साथ ही, सोलर पैनल एवं वर्षा जल संचयन इकाइ की स्थापना, आरओ एंड यूवी वाटर प्लांट, मिड डे मील, किचन व डायनिंग हॉल, वॉशिंग एरिया, मल्टीपल हैंडवॉशिंग यूनिट की व्यवस्था होगी. साथ ही शिक्षक व शिक्षिकाओं के लिए अलग-अलग स्टाफ रूम भी निर्मित किए जाने की योजना है.

यह भी पढ़ें : ग्राउंड रिपोर्ट: इस प्राथमिक विद्यालय में बिन बिजली के बच्चों की हो रही पढ़ाई...

यह भी पढ़ें : डीएम ने परिषदीय विद्यालयों का किया औचक निरीक्षण

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सीएम मॉडल कम्पोजिट विद्यालय का निर्माण अब प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर पर कराया जाएगा. जहां एक-एक विद्यालय में करीब 3000 छात्र पढ़ सकेंगे. बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, हर न्याय पंचायत में न्यूनतम 25 एकड़ में निर्मित होने वाले इन विद्यालयों के निर्माण में प्रदेश सरकार की ओर से शिक्षा विभाग को गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने का निर्देश दिया गया है. इसी क्रम में प्रदेश सरकार आगामी तीन वर्षों में प्रदेश के 57 जनपदों में (मंडल मुख्यालय वाले 18 जनपदों को छोड़कर) सीएम मॉडल कंपोजिट विद्यालय का निर्माण करा रही है.



12वीं तक की कक्षाएं होंगी संचालित : बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, मुख्यमंत्री मॉडल कम्पोजिट विद्यालय के निर्माण को लेकर जो योजना है उसके अनुसार यहां प्री प्राइमरी (बाल वाटिका) के साथ 12वीं तक की कक्षाएं संचालित की जाएंगी. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप छात्र-छात्राओं के समग्र विकास पर फोकस किया जाएगा. यहां छात्रों को यूपी बोर्ड पाठ्यक्रम पर आधारित विज्ञान, गणित, वाणिज्य एवं कला वर्ग में अध्ययन का अवसर मिलेगा. इन विद्यालयों में पूर्व से कार्यरत शिक्षकों में से उत्कृष्ट शिक्षकों की प्रमाणिकता आधारित तैनाती की जाएगी. योजना के अनुसार प्री प्राइमरी, प्राथमिक, उच्च प्राथमिक एवं सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी कक्षाओं के लिए अलग-अलग शैक्षणिक ब्लॉक निर्मित किए जाएंगे. आधुनिक गणित, विज्ञान, प्रयोगशाला, स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर लैब, खेल का मैदान, स्किल लैब और केंद्रीकृत किचन का भी निर्माण होगा.

ओपन जिम के साथ मल्टीपल एक्टिविटी हॉल की भी सुविधा : बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, विद्यालय भवन भूकंपरोधी निर्माण तकनीक, हरित ऊर्जा और ऊर्जा कुशल वास्तुकला के मानदंड पर आधारित होगा. विद्यालयों में वर्ल्ड क्लास अवस्थापना सुविधाएं सुलभ कराई जाएंगी. इनमें प्रत्येक क्लास रूम के लिए स्मार्ट क्लास, स्किल हब सेंटर, कक्षा एक से 8 के लिए कम्पोजिट विज्ञान गणित प्रयोगशाला, कक्षा 9 से 12 के लिए रसायन, भौतिकी विज्ञान के लिए मॉड्यूलर प्रयोगशाला, कम्प्यूटर लैब एवं लैंग्वेज लैब, कक्षा एक से 8 एवं कक्षा 9 से 12 के लिए अलग-अलग पुस्तकालय, खेल का मैदान व ओपन जिम के साथ मल्टीपल एक्टिविटी हॉल की सुविधा होगी. इसके साथ ही, सोलर पैनल एवं वर्षा जल संचयन इकाइ की स्थापना, आरओ एंड यूवी वाटर प्लांट, मिड डे मील, किचन व डायनिंग हॉल, वॉशिंग एरिया, मल्टीपल हैंडवॉशिंग यूनिट की व्यवस्था होगी. साथ ही शिक्षक व शिक्षिकाओं के लिए अलग-अलग स्टाफ रूम भी निर्मित किए जाने की योजना है.

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