रांची: झारखंड के 13वें मुख्यमंत्री के रूप में सत्ता संभालने के बाद हेमंत सोरेन अपने पुराने अंदाज में नजर आए. सीएम पद की शपथ लेने के बाद ही वे प्रोजेक्ट भवन पहुंच गए और जरूरी फाइलों का निपटारा किया. इस दौरान वे कई मंत्री और अधिकारियों से मिले और उनसे बात की.
बता दें कि गुरुवार को हेमंत सोरेन का पूरा कार्यक्रम काफी व्यस्तता भरा रहा. राजभवन में शपथ लेने और वहां औपचारिकताएं पूरी करने के बाद हेमंत सोरेन ने सबसे पहले उन वीर शहीदों की प्रतिमाओं पर एक-एक कर माल्यार्पण किया, जिन्होंने अपने बलिदान से झारखंड की धरती को गौरवान्वित किया है.
इसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना सोरेन के साथ कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास में पवनपुत्र बजरंगबली के मंदिर पहुंचे और पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान हनुमान की पूजा-अर्चना की. इसके बाद हेमंत सोरेन का काफिला एचईसी स्थित प्रोजेक्ट भवन मंत्रालय के लिए रवाना हुआ.
सीएम की कुर्सी पर बैठे हेमंत
पांच महीने से अधिक समय के बाद एक बार फिर हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे, इस बार विधायक पत्नी कल्पना सोरेन भी उनके साथ थीं. इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण फाइलों का निपटारा किया, कुछ भविष्य की योजनाएं बनाईं, तो कई निवर्तमान मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों से हेमंत सोरेन उसी आत्मीयता के साथ मिले, जैसे पहले मिला करते थे. जब वे मुख्यमंत्री कार्यालय से घर लौटने के लिए सीढ़ियों से नीचे उतरे तो हर बार की तरह मीडियाकर्मियों के पास आए, उन्हें धन्यवाद दिया, कुछ सवालों के जवाब दिए और फिर खुद ड्राइविंग सीट पर जाकर बैठ गए.
कुछ देर बाद विधायक की पत्नी कल्पना सोरेन उनके बगल वाली सीट पर बैठीं. मीडियाकर्मियों के सवालों के जवाब में कल्पना सोरेन ने कहा कि वे चाहती हैं कि प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर हमारे राज्य का हर व्यक्ति खुशहाल रहे. घर पहुंचने के बाद एक बार फिर हेमंत सोरेन देर रात तक अपने उन शुभचिंतकों से मिलते रहे, जो उन्हें बधाई देने आए थे.
बहुत काम करना है - सीएम हेमंत
प्रोजेक्ट भवन में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि अब बहुत कम समय बचा है, बहुत काम करना है. उन्होंने कोरोना के संदर्भ में कहा कि सत्ता संभालते ही उन्हें प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ा और जब इससे निपटे तो आर्टिफिशियल समस्याएं खड़ी हो गईं. उन्होंने कहा कि जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा और हमारी पूरी टीम पैड पहनकर, हाथ में बल्ला थामकर चौके-छक्के लगाने के लिए तैयार है.
सीएम ने कहा कि वे हमेशा से जेलों की व्यवस्था को सुधारने का प्रयास करते रहे हैं, इसके लिए उनके मन में कई विचार थे. फिर जब वे खुद जेल गए तो वहां की कमियों को करीब से देखा. अब हम कुछ ऐसा करेंगे कि जेलों की व्यवस्था में कमियां या खामियां कम से कम हों.
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