रांचीः उत्पाद सिपाही परीक्षा के लिए अलग-अलग जिलों में चल रही दौड़ प्रतियोगिता के दौरान अबतक 12 अभ्यर्थियों की मौत हो चुकी है. इसको लेकर एक तरफ राजनीति भी हो रही है. दूसरी ओर प्रदेश के डीजीपी ने भी इस मामले को लेकर गंभीरता दिखाते हुए मारे गये अभ्यर्थियों के शवों का पोस्टमार्टम कर जांच की बात कही है. वहीं इसको लेकर सीएम हेमंत सोरेन ने भी सरकार की ओर से कड़े कदम उठाए हैं.
जोहार साथियों,
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) September 2, 2024
उत्पाद सिपाही की नियुक्ति प्रक्रिया में दौड़ के क्रम में प्रतिभागियों की असामयिक मृत्यु दुःखद और मर्माहत करने वाली है। पूर्ववर्ती सरकार द्वारा बनाये गये नियमावली की अविलंब समीक्षा का निर्देश देते हुए हमने इस ढंग की भविष्य की सभी बहालियों के लिए नियमावली में बदलाव…
सीएम हेमंत सोरेन ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट लिखते हुए जानकारी दी है कि अगले तीन दिन तक उत्पाद सिपाही की नियुक्ति प्रक्रिया स्थगित रखने के निर्देश दिए हैं. सीएम हेमंत सोरेन द्वारा अपने लिखे गये पोस्ट में उन्होंने पूर्व की भाजपा सरकार को भी निशाने पर लिया है. इसके साथ ही उत्पाद सिपाही भर्ती की नियमावली पर भी सवाल उठाया है. इसके साथ ही सीएम ने शोकाकुल परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना भी प्रकट की है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पूर्व की रघुवर सरकार के समय में बनाई गई नियुक्ति नियमावली 2016 के समीक्षा कर उसमें जरूरी बदलाव करने की बात कही है. राज्य में उत्पाद सिपाही भर्ती दौड़ के दौरान बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के बीमार होने और राज्य भर में कुल मिला कर 12 अभ्यर्थियों की मौत हो जाने के बाद सरकार को यह कदम उठाने को मजबूर होना पड़ा है.
सुबह 09 बजे के बाद नहीं होगी दौड़
मुख्यमंत्री ने अपने पोस्ट के माध्यम से साफ कर दिया है कि जब भी आगामी दिनों में दोबारा दौड़ का आयोजन होगा तो वह किसी भी सूरत में प्रातः 9 बजे के बाद नहीं होगी. उन्होंने यह भी निर्देश दिया है कि दौड़ से पहले हर अभ्यर्थी का स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित किया जाए. जिन अभ्यर्थियों को दौड़ के पूर्व स्वास्थ्य परीक्षण की जरूरत महसूस होगी उनके लिए चिकित्सकों की पर्याप्त व्यवस्था दौड़ स्थल पर किया जाए तथा सभी प्रतियोगिता स्थलों पर प्रतिभागियों के लिए फल-नाश्ते की व्यवस्था की जाए ताकि कोई भी अभ्यर्थी भूखे पेट दौड़ में हिस्सा न ले.
स्वास्थ्य विभाग की एक विशेष कमिटी करेगी मामले की जांच
मुख्यमंत्री ने पूरे मामले की जांच के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक समिति बनाने के निर्देश दिए हैं जो यह पता लगायेगी कि आखिर पिछले तीन चार वर्षों में ऐसा क्या हुआ कि गांव-समाज के अपेक्षाकृत स्वस्थ और चुस्त दुरुस्त लोग, पूर्व से चली आ रही शारीरिक परीक्षा में इस बार हताहत हो रहे हैं. विशेष टीम दौड़ के दौरान बीमार होने और बाद में जिनकी मौत हुई है उन युवाओं की असामयिक मृत्यु के कारणों की भी समीक्षा करेगी. स्वास्थ्य विशेषज्ञों की भी एक समिति का गठन कर परामर्श रिपोर्ट देने का भी निर्देश दिया गया है.
क्या है सीएम के पोस्ट में
सीएम ने अपने सोशल मीडिया में लिखा है कि "उत्पाद सिपाही की नियुक्ति प्रक्रिया में दौड़ के क्रम में प्रतिभागियों की असामयिक मृत्यु दुःखद और मर्माहत करने वाली है. पूर्ववर्ती सरकार द्वारा बनाये गये नियमावली की अविलंब समीक्षा का निर्देश देते हुए हमने इस ढंग की भविष्य की सभी बहालियों के लिए नियमावली में बदलाव करने का निर्देश दिया है, साथ ही इस प्रक्रिया में दुर्भाग्यवश पीड़ित और शोकाकुल परिवार को सरकार की तरफ से तत्काल राहत पहुंचाने के लिए प्रस्ताव बनाने का भी निर्देश दिया गया है. एहतियातन अगले 3 दिनों के लिए हमने इस भर्ती प्रक्रिया को स्थगित करने का निर्देश दिया है. दौड़ का आयोजन अब प्रातः 9 बजे के बाद किसी भी सूरत में नहीं की जाएगी. जिन अभ्यर्थियों को दौड़ के पूर्व स्वास्थ्य परीक्षण की जरूरत महसूस होगी उनके लिए चिकित्सकों की पर्याप्त व्यवस्था होगी तथा सभी प्रतियोगिता स्थलों पर प्रतिभागियों के लिए नाश्ते/फल का व्यवस्था होगी जिससे कि कोई भूखे पेट दौड़ में हिस्सा न ले. आखिर किन कारणों से हमारे गांव-समाज के अपेक्षाकृत स्वस्थ/चुस्त लोग, पूर्व से चली आ रही शारीरिक परीक्षा में हताहत हो जा रहे हैं, आखिर झारखंड सहित देश में पिछले 3-4 वर्षों में सामान्य जन के स्वास्थ्य में ऐसा क्या बदलाव आया है? इन युवाओं की असामयिक मृत्यु के कारणों की समीक्षा करने के लिए, जिससे की भविष्य में ऐसी दुर्घटना घटित न हो, हमने स्वास्थ्य विशेषज्ञों की भी एक समिति का गठन कर परामर्श रिपोर्ट देने का भी निर्देश दिया है".