देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 27 जुलाई को दिल्ली में नीति आयोग की नौवीं गवर्निंग काउंसिल बैठक होने जा रही है. नीति आयोग की इस बैठक में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में 'विकसित भारत@2047' दस्तावेज पर चर्चा की जाएगी. इस बैठक में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी शामिल होंगे. मीटिंग में सीएम धामी एक नदी को दूसरे नदी से जोड़ने और 8 करोड़ आबादी के आधार पर योजनाएं आवंटित करने का प्रस्ताव रखेंगे
नीति आयोग की बैठक में उत्तराखंड से संबंधित विषयों के सवाल पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि नीति आयोग की बैठक मुख्यमंत्री कॉन्क्लेव भी है, जो प्रधानमंत्री के नेतृत्व में साल में दो बार होता है. ऐसे में बैठक के दौरान उत्तराखंड से जुड़े तमाम महत्वपूर्ण विषयों पर बात की जाएगी. उन्होंने कहा कि एक बिंदु मॉडल उत्तराखंड है, जिस पर सरकार लगातार बात करती रही है, उस पर भी बात की जाएगी.
सीएम धामी ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से प्रदेश की जनसंख्या के आधार पर तमाम योजनाएं दी जाती हैं. ऐसे में नीति आयोग की बैठक के दौरान यह विषय उठाया जाएगा कि उत्तराखंड की जनसंख्या भले ही एक करोड़ 25 लाख हो, लेकिन हर साल चारधाम की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु, कांवड़ यात्रा पर आने वाले कांवड़िया और प्रदेश में पूरे साल पर्यटन आते हैं. ऐसे में सभी को जोड़ दिया जाए, तो यह संख्या 8 करोड़ तक पहुंच जाती है. प्रदेश की जितनी जनसंख्या है, उससे कई गुना अधिक लोगों के लिए अवस्थापना सुविधाओं की व्यवस्था करनी पड़ती है. ऐसे में floating population को देखते हुए भी योजनाएं दी जाएं.
पूरे देश के अंदर जो योजनाएं बनती हैं, वो पूरे देश के लिए एक समान योजनाएं बन जाती हैं, जिसको लेकर 16वें वित्त आयोग के चेयरमैन से भी मुलाकात करके ये अनुरोध किया था कि जो उत्तराखंड जैसे हिमालय राज्य हैं, उनके लिए विकास का फार्मूला अन्य राज्यों से अलग होना चाहिए, क्योंकि मैदानी राज्यों में जिस काम को करने में कम लागत और कम समय लगता है. उसी काम को पर्वतीय क्षेत्रों में करने पर काफी अधिक लागत और काफी समय लगता है. लिहाजा इन तमाम बिंदुओं को नीति आयोग के समक्ष रखा जाएगा. इसके अलावा प्रदेश की तमाम नदियां ऐसी हैं, जो सूख रही हैं. ऐसे में एक नदी को दूसरे नदी से जोड़ने को लेकर भी सरकार काम करने वाली है. इस संबंध में जल्द ही अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी और बैठक से जो निष्कर्ष निकलेगा, उसको नीति आयोग के सामने रखा जाएगा.
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