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उत्तराखंड में राजनीतिक चर्चाओं में सड़कों के गड्ढे, सीएम ने दिया अल्टीमेटम, विपक्ष ने ली चुटकी

गड्ढा मुक्त प्रदेश को लेकर सीएम धामी ने फिर दिया अल्टीमेटम, बढ़ाया 10 दिन का समय, विपक्ष ले रहा चुटकी.

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उत्तराखंड में राजनीतिक चर्चाओं में सड़कों के गड्ढे, सीएम ने दिया अल्टीमेटम, विपक्ष ने ली चुटकी (PHOTO-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 3 hours ago

Updated : 11 minutes ago

देहरादूनः उत्तराखंड में यूसीसी, आपदा और महिला अपराध के बाद इन दिनों सड़कों के गड्ढे सुर्खियों में हैं. दरअसल सीएम धामी ने अधिकारियों को अल्टीमेटम देकर सड़कों के गड्ढे भरने के निर्देश दिए हैं. खुद लगातार सीएम धामी अधिकारियों को सड़कों के गड्ढे भरने की समय सीमा याद दिलवा रहे हैं. दूसरी तरफ विपक्ष मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को गड्ढा मुक्त प्रदेश का वादा याद दिलाकर बार-बार चुटकी ले रहा है. ऐसे में प्रदेश की सड़कों के गड्ढों ने उत्तराखंड की राजनीति में चर्चाओं को लिए मजबूत जगह बना ली है.

सड़कों के गड्ढ़ों के पीछे पड़े सीएम धामी: भले ही सरकारें सड़कों के गड्ढे को लेकर इतनी सजक ना रहती हो लेकिन मॉनसून के दौरान खराब हो चुकी सड़कें और लगातार दुर्घटनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अब इन सड़कों के गड्ढों के पीछे पड़ गए हैं. सीएम धामी ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को यह दिशा निर्देश दिए थे कि 15 अक्टूबर तक प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त कर दें.

गड्ढा मुक्त प्रदेश को लेकर सीएम धामी ने फिर दिया अल्टीमेटम (VIDEO-ETV Bharat)

सीएम की समीक्षा बैठक, विभाग परेशान: मुख्यमंत्री ने सबसे पहले सचिव स्तर के अधिकारियों और उसके बाद जिले के तमाम अधिकारियों को निर्देश दिए कि जल्द से जल्द सड़कों को ठीक किया जाए. समय सीमा रखी गई. उम्मीद यही जताई गई कि मुख्यमंत्री के निर्देशों का अधिकारी शक्ति से पालन करेंगे. अब आलम यह है कि हर 10 दिन बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी गड्ढे मुक्त प्रदेश की समीक्षा कर रहे हैं. बैठकों में सभी 13 जिलों के अधिकारियों से हो चुके कार्यों का ब्योरा लिया जा रहा है.

इस हफ्ते की बैठक 21 अक्टूबर को मुख्यमंत्री आवास में हुई, जिसमें इस अभियान से जुड़े अधिकारियों से पूछा गया कि डेडलाइन के 8 दिन और अधिक बीत जाने के बाद अब तक यह काम पूरा क्यों नहीं हो सका है? बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को यह तक कहा कि अगर कहीं से भी जनता की तरफ से सुगम यात्रा में सड़कों के गड्ढे परेशानी बनने की बात उन तक पहुंची तो उस जिले के अधिकारी कार्रवाई के लिए तैयार रहे.

बढ़ा 10 दिन का समय: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बैठक के समापन के दौरान अधिकारियों को 10 दिन का और अधिक समय दिया. पीडब्ल्यूडी और सड़क से जुड़े दूसरे अधिकारियों को यह कहा गया कि जो काम 15 अक्टूबर तक नहीं हो पाया है, उसके लिए आपको 10 दिन और दिए जाते हैं. अगर इन 10 दिनों में भी सभी 13 जिलों से सड़कें गड्ढा मुक्त नहीं हुईं तो फिर वह खुद इन अधिकारियों की फाइल अपने पास तलब करेंगे.

कांग्रेस ने ली चुटकी: कांग्रेस भी सड़कों के गड्ढों को लेकर कभी सीधे तौर पर तो कभी घुमा फिरा कर सरकार के ऊपर हमला बोल रही है. कांग्रेस नेता हरीश रावत जब अपने घर से बाहर पैदल निकल रहे हैं तो सड़कों पर चल रहे लोगों से सड़कों और सड़कों के गड्ढों का हाल जान रहे हैं. बातों ही बातों में बता रहे हैं कि कौन सी सड़क उनके कार्यकाल में बनी थी और कितने गड्ढे मौजूदा सरकार के कार्यकाल में हो चुके हैं. कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने भी मुद्दे पर चुटकी लेते हुए भाजपा सरकार के सभी नेताओं को सड़क पर उतरकर हकीकत देखने की नसीहत दी है.

सीएम बोले जल्द हो जाएगा काम पूरा: सड़कों से गड्ढे हटाने के अभियान को तेजी से चलाने के निर्देश देने वाले सीएम धामी का कहना है कि ये समस्या अधिक दिनों तक नहीं रहने वाली है. बल्कि जल्द ही उत्तराखंड गड्डा मुक्त प्रदेश हो जाएगा, ऐसा उन्हें विश्वास है.

बेहद खतरनाक हैं सड़क के गड्ढे: भले ही इस मामले पर कोई कुछ भी कहे. लेकिन सड़क में गड्ढे या खराब सड़क उत्तराखंड ही नहीं बल्कि देशभर में लोगों के मौत का कारण बनते हैं. उत्तराखंड में सरकारी आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में खराब सड़कों के कारण हर साल 1 हजार से अधिक सड़क हादसे होते हैं. इन हादसों में कई लोग अपनी जान भी गंवाते हैं. सरकारी आंकड़े बताते हैं कि इसी साल शुरुआती 5 महीनों में 400 से ज्यादा लोगों ने सड़क हादसों में अपनी जान गंवाई है.

ये भी पढ़ेंः मानसून खत्म होते ही उत्तराखंड में गड्ढा मुक्त होंगी सड़कें, जीएसटी कलेक्शन को बढ़ाने के दिए निर्देश

ये भी पढ़ेंः देहरादून में राह चलते व्यक्ति ने हरीश रावत से ऐसा क्या कहा कि वो बोले- 'जय श्रीराम' हो गया

ये भी पढ़ेंः डेडलाइन में सड़कों की मरम्मत पूरी नहीं होने पर सीएम नाराज, लापरवाह अफसरों पर होगी कड़ी कार्रवाई

देहरादूनः उत्तराखंड में यूसीसी, आपदा और महिला अपराध के बाद इन दिनों सड़कों के गड्ढे सुर्खियों में हैं. दरअसल सीएम धामी ने अधिकारियों को अल्टीमेटम देकर सड़कों के गड्ढे भरने के निर्देश दिए हैं. खुद लगातार सीएम धामी अधिकारियों को सड़कों के गड्ढे भरने की समय सीमा याद दिलवा रहे हैं. दूसरी तरफ विपक्ष मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को गड्ढा मुक्त प्रदेश का वादा याद दिलाकर बार-बार चुटकी ले रहा है. ऐसे में प्रदेश की सड़कों के गड्ढों ने उत्तराखंड की राजनीति में चर्चाओं को लिए मजबूत जगह बना ली है.

सड़कों के गड्ढ़ों के पीछे पड़े सीएम धामी: भले ही सरकारें सड़कों के गड्ढे को लेकर इतनी सजक ना रहती हो लेकिन मॉनसून के दौरान खराब हो चुकी सड़कें और लगातार दुर्घटनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अब इन सड़कों के गड्ढों के पीछे पड़ गए हैं. सीएम धामी ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को यह दिशा निर्देश दिए थे कि 15 अक्टूबर तक प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त कर दें.

गड्ढा मुक्त प्रदेश को लेकर सीएम धामी ने फिर दिया अल्टीमेटम (VIDEO-ETV Bharat)

सीएम की समीक्षा बैठक, विभाग परेशान: मुख्यमंत्री ने सबसे पहले सचिव स्तर के अधिकारियों और उसके बाद जिले के तमाम अधिकारियों को निर्देश दिए कि जल्द से जल्द सड़कों को ठीक किया जाए. समय सीमा रखी गई. उम्मीद यही जताई गई कि मुख्यमंत्री के निर्देशों का अधिकारी शक्ति से पालन करेंगे. अब आलम यह है कि हर 10 दिन बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी गड्ढे मुक्त प्रदेश की समीक्षा कर रहे हैं. बैठकों में सभी 13 जिलों के अधिकारियों से हो चुके कार्यों का ब्योरा लिया जा रहा है.

इस हफ्ते की बैठक 21 अक्टूबर को मुख्यमंत्री आवास में हुई, जिसमें इस अभियान से जुड़े अधिकारियों से पूछा गया कि डेडलाइन के 8 दिन और अधिक बीत जाने के बाद अब तक यह काम पूरा क्यों नहीं हो सका है? बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को यह तक कहा कि अगर कहीं से भी जनता की तरफ से सुगम यात्रा में सड़कों के गड्ढे परेशानी बनने की बात उन तक पहुंची तो उस जिले के अधिकारी कार्रवाई के लिए तैयार रहे.

बढ़ा 10 दिन का समय: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बैठक के समापन के दौरान अधिकारियों को 10 दिन का और अधिक समय दिया. पीडब्ल्यूडी और सड़क से जुड़े दूसरे अधिकारियों को यह कहा गया कि जो काम 15 अक्टूबर तक नहीं हो पाया है, उसके लिए आपको 10 दिन और दिए जाते हैं. अगर इन 10 दिनों में भी सभी 13 जिलों से सड़कें गड्ढा मुक्त नहीं हुईं तो फिर वह खुद इन अधिकारियों की फाइल अपने पास तलब करेंगे.

कांग्रेस ने ली चुटकी: कांग्रेस भी सड़कों के गड्ढों को लेकर कभी सीधे तौर पर तो कभी घुमा फिरा कर सरकार के ऊपर हमला बोल रही है. कांग्रेस नेता हरीश रावत जब अपने घर से बाहर पैदल निकल रहे हैं तो सड़कों पर चल रहे लोगों से सड़कों और सड़कों के गड्ढों का हाल जान रहे हैं. बातों ही बातों में बता रहे हैं कि कौन सी सड़क उनके कार्यकाल में बनी थी और कितने गड्ढे मौजूदा सरकार के कार्यकाल में हो चुके हैं. कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने भी मुद्दे पर चुटकी लेते हुए भाजपा सरकार के सभी नेताओं को सड़क पर उतरकर हकीकत देखने की नसीहत दी है.

सीएम बोले जल्द हो जाएगा काम पूरा: सड़कों से गड्ढे हटाने के अभियान को तेजी से चलाने के निर्देश देने वाले सीएम धामी का कहना है कि ये समस्या अधिक दिनों तक नहीं रहने वाली है. बल्कि जल्द ही उत्तराखंड गड्डा मुक्त प्रदेश हो जाएगा, ऐसा उन्हें विश्वास है.

बेहद खतरनाक हैं सड़क के गड्ढे: भले ही इस मामले पर कोई कुछ भी कहे. लेकिन सड़क में गड्ढे या खराब सड़क उत्तराखंड ही नहीं बल्कि देशभर में लोगों के मौत का कारण बनते हैं. उत्तराखंड में सरकारी आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में खराब सड़कों के कारण हर साल 1 हजार से अधिक सड़क हादसे होते हैं. इन हादसों में कई लोग अपनी जान भी गंवाते हैं. सरकारी आंकड़े बताते हैं कि इसी साल शुरुआती 5 महीनों में 400 से ज्यादा लोगों ने सड़क हादसों में अपनी जान गंवाई है.

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Last Updated : 11 minutes ago
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