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हिमालयी राज्यों के लिए बने अलग नीतियां, नीति आयोग की बैठक में सीएम धामी ने उठाया मुद्दा - CM DHAMI IN NITI Aayog Meeting

NITI Aayog Meeting, CM DHAMI IN NITI Aayog Meeting नीति आयोग की बैठक में सीएम धामी ने शिरकत की. इस बैठक में सीएम धामी ने हिमालयी राज्यों के लिए अलग नीतियां बनाने का मुद्दा उठाया. साथ ही सीएम धामी ने ऊर्जा की कमी को पूरा करने के लिए चलाई जा रही योजनाओं को सब्सिडी देने का अनुरोध किया है.

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नीति आयोग बैठक में धामी (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 27, 2024, 7:11 PM IST

Updated : Jul 27, 2024, 8:49 PM IST

देहरादून: दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार को नीति आयोग की बैठक आयोजित हुई. इस बैठक में तमाम राज्यों के मुख्यमंत्री के साथ ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी शामिल हुए. नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिमालयी राज्यों के लिए विशिष्ट नीतियां बनाने का अनुरोध किया. साथ ही ऊर्जा की कमी को पूरा करने के लिए राज्यों को 25 मेगावाट से कम क्षमता की जल विद्युत परियोजनाओं की अनुमति देने, लघु जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के लिए प्रस्तावित 24 फीसदी कैपिटल सब्सिडी के प्रस्ताव को पूर्वोत्तर राज्यों के साथ ही हिमालयी राज्यों में भी लागू करने समेत 'पीएम कृषि सिंचाई योजना’ की गाईडलाइन्स में लिफ्ट इरिगेशन को शामिल करने का अनुरोध किया.

नीति आयोग के बैठक के दौरान सीएम धामी ने कहा पीएम नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए उत्तराखण्ड भी लगातार काम कर रहा है. सीएम धामी ने कहा उत्तराखण्ड आपदा के लिहाज से काफी संवेदनशील है, ऐसे में इस पहलू को ध्यान में रखते हुए केन्द्रीय बजट में विशेष वित्तीय प्रावधान किया गया है. हाल ही में जारी सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स इंडेक्स रैंकिंग में उत्तराखण्ड ने पहला स्थान प्राप्त किया है, जो राज्य के लिए हर्ष का विषय है.

सीएम धामी ने कहा देश के कई शहरों में पेयजल का गंभीर संकट दिखाई दिया है. इस समस्या के निदान के लिए भू-जल स्तर बढ़ाने के साथ-साथ जल संरक्षण पर भी काम करने की जरूरत है. इसको लेकर उत्तराखंड में इसके लिए स्प्रिंग एंड रिवर रिज्यूविनेशन ऑथोरिटी का गठन किया है, जो जल संरक्षण और जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने के साथ ही ग्लेशियर आधारित नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोड़े जाने की परियोजना पर काम कर रही है. इसके लिए सीएम ने केन्द्र सरकार से विशेष वित्तीय सहायता और तकनीकि सहयोग का अनुरोध किया.

सीएम ने कहा विकसित भारत के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता को और अधिक बढ़ावा देने की जरूरत है. इसके लिए कलस्टर आधारित इंक्यूबेशन सेंटर और ग्रोथ सेंटर, बेहतर साबित होंगे. उत्तराखण्ड में पायलट प्रोजक्ट के रूप में दो रूरल इंक्यूबेशन सेंटर और 110 ग्रोथ सेंटर स्थापित किये गये हैं. ऐसे में इंक्यूबेशन सेंटर्स स्थापित करने के लिए केन्द्र सरकार से तकनीकि और वित्तीय सहयोग के लिए अनुरोध किया.

मुख्यमंत्री ने कहा ग्लोबल वार्मिंग और क्लाईमेट चेंज जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है. इसको देखते हुए उत्तराखण्ड सरकार, ईकोलॉजी और ईकॉनॉमी के बीच बेहतर तालमेल बनाते हुए विकास योजनाओं को संचालित करने पर जोर दे रही है. राज्य में जीडीपी की तर्ज पर जीईपी जारी करने की भी शुरूआत की गई है. मुख्यमंत्री धामी ने कहा पिछले साल नीति आयोग की आठवीं बैठक में हिमालयी राज्यों के विकास संबंधित कुछ प्रस्ताव रखे गये थे, उन प्रस्तावों पर हिमालयी राज्यों के परिपेक्ष में विशिष्ट नीतियां बनाने का भी अनुरोध किया.

पढे़ं- तीन दिवसीय दिल्ली दौरे पर सीएम धामी, नीति आयोग की बैठक में लेंगे हिस्सा - CM Pushkar Dhami Delhi Visit

देहरादून: दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार को नीति आयोग की बैठक आयोजित हुई. इस बैठक में तमाम राज्यों के मुख्यमंत्री के साथ ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी शामिल हुए. नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिमालयी राज्यों के लिए विशिष्ट नीतियां बनाने का अनुरोध किया. साथ ही ऊर्जा की कमी को पूरा करने के लिए राज्यों को 25 मेगावाट से कम क्षमता की जल विद्युत परियोजनाओं की अनुमति देने, लघु जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के लिए प्रस्तावित 24 फीसदी कैपिटल सब्सिडी के प्रस्ताव को पूर्वोत्तर राज्यों के साथ ही हिमालयी राज्यों में भी लागू करने समेत 'पीएम कृषि सिंचाई योजना’ की गाईडलाइन्स में लिफ्ट इरिगेशन को शामिल करने का अनुरोध किया.

नीति आयोग के बैठक के दौरान सीएम धामी ने कहा पीएम नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए उत्तराखण्ड भी लगातार काम कर रहा है. सीएम धामी ने कहा उत्तराखण्ड आपदा के लिहाज से काफी संवेदनशील है, ऐसे में इस पहलू को ध्यान में रखते हुए केन्द्रीय बजट में विशेष वित्तीय प्रावधान किया गया है. हाल ही में जारी सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स इंडेक्स रैंकिंग में उत्तराखण्ड ने पहला स्थान प्राप्त किया है, जो राज्य के लिए हर्ष का विषय है.

सीएम धामी ने कहा देश के कई शहरों में पेयजल का गंभीर संकट दिखाई दिया है. इस समस्या के निदान के लिए भू-जल स्तर बढ़ाने के साथ-साथ जल संरक्षण पर भी काम करने की जरूरत है. इसको लेकर उत्तराखंड में इसके लिए स्प्रिंग एंड रिवर रिज्यूविनेशन ऑथोरिटी का गठन किया है, जो जल संरक्षण और जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने के साथ ही ग्लेशियर आधारित नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोड़े जाने की परियोजना पर काम कर रही है. इसके लिए सीएम ने केन्द्र सरकार से विशेष वित्तीय सहायता और तकनीकि सहयोग का अनुरोध किया.

सीएम ने कहा विकसित भारत के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता को और अधिक बढ़ावा देने की जरूरत है. इसके लिए कलस्टर आधारित इंक्यूबेशन सेंटर और ग्रोथ सेंटर, बेहतर साबित होंगे. उत्तराखण्ड में पायलट प्रोजक्ट के रूप में दो रूरल इंक्यूबेशन सेंटर और 110 ग्रोथ सेंटर स्थापित किये गये हैं. ऐसे में इंक्यूबेशन सेंटर्स स्थापित करने के लिए केन्द्र सरकार से तकनीकि और वित्तीय सहयोग के लिए अनुरोध किया.

मुख्यमंत्री ने कहा ग्लोबल वार्मिंग और क्लाईमेट चेंज जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है. इसको देखते हुए उत्तराखण्ड सरकार, ईकोलॉजी और ईकॉनॉमी के बीच बेहतर तालमेल बनाते हुए विकास योजनाओं को संचालित करने पर जोर दे रही है. राज्य में जीडीपी की तर्ज पर जीईपी जारी करने की भी शुरूआत की गई है. मुख्यमंत्री धामी ने कहा पिछले साल नीति आयोग की आठवीं बैठक में हिमालयी राज्यों के विकास संबंधित कुछ प्रस्ताव रखे गये थे, उन प्रस्तावों पर हिमालयी राज्यों के परिपेक्ष में विशिष्ट नीतियां बनाने का भी अनुरोध किया.

पढे़ं- तीन दिवसीय दिल्ली दौरे पर सीएम धामी, नीति आयोग की बैठक में लेंगे हिस्सा - CM Pushkar Dhami Delhi Visit

Last Updated : Jul 27, 2024, 8:49 PM IST
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