रांची: झारखंड में सत्ता परिवर्तन के बाद से कई चौंकाने वाली चीजें देखने को मिल रही है. आज खेलगांव में गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड और मानकी मुंडा छात्रवृति योजना के शुभारंभ से ठीक पहले मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन का काफिला अचानक बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा की ओर मुड़ गया. चर्चा है कि सीएम चंपाई सोरेन ने जेल में जाकर पूर्व सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात की है. यह मुलाकात करीब आधे घंटे तक चली है. लेकिन यह किसी को नहीं मालूम की आखिर बात क्या हुई है. इस मुलाकात को लेकर सिर्फ कयास लगाए जा रहे हैं.
दरअसल, 31 जनवरी को बड़गांई स्थित लैंड स्कैम मामले में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को उनके आवास पर पूछताछ के दौरान हिरासत में लिया था. कई दिनों तक रिमांड पर पूछताछ के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में रखा गया है. उनकी गिरफ्तारी के बाद पहली बार मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन सोमवार को होटवार जेल पहुंचे. इससे पहले कल्पना सोरेन अपने पति से मुलाकात करने गई थीं. उन्होंने इस मुलाकात को लेकर एक्स हैंडल पर पोस्ट भी किया था और बताया था कि हेमंत सोरेन संविधान और क्रांतिकारियों के योगदान से जुड़ी किताबें पढ़ रहे हैं.
मुख्यमंत्री का आज बेहद व्यस्त व्यस्त शिड्यूल था. खेलगांव में दो योजनाओं के शुभारंभ के बाद उन्हें इंडिया गठबंधन के राज्यसभा प्रत्याशी सरफराज अहमद के नामांकन में शामिल होना था. आवास से उनका काफिला खेलगांव की ओर बढ़ रहा था. लेकिन कार्यक्रम स्थल पर जाने की बजाए काफिला जेल की तरफ मुड़ गया. जेल में पूर्व सीएम से मुलाकात के बाद सीएम चंपाई सोरेन खेलगांव पहुंचे. दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन के राज्यसभा प्रत्याशी सरफराज अहमद के नामांकन को लेकर विधानसभा में सीएम का इंतजार हो रहा था. इसकी वजह से खेलगांव में उनके कार्यक्रम की अवधि सीमित की गई.
अब सवाल है कि आखिर मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन की हेमंत सोरेन से किन मसलों को लेकर बातचीत हुई होगी. चर्चा है कि हाल के दिनों में कई ऐसे ट्रांसफर पोस्टिंग हुए हैं, जिनको लेकर विपक्ष ने भी सवाल खड़े किए हैं. कृषि विभाग के सचिव अबु बकर सिद्दिकी के ट्रांसफर को तो 48 घंटे के भीतर ही विलोपित कर उन्हें दोबारा कृषि विभाग में भेज दिया गया. वहीं सीएम के प्रधान सचिव रहे विनय कुमार चौबे को पंचायती राज विभाग में भेज दिया गया है. संभावना जताई जा रही है कि इन मसलों पर चर्चा हुई होगी. पिछले दिनों गिरिडीह में पार्टी के स्थापना दिवस कार्यक्रम के दौरान भी पूर्व सीएम के करीबियों के साथ मंच पर अपमानजक स्थिति देखने को मिली थी. लिहाजा, इस मुलाकात को पावर बैलेंस के तौर पर भी देखा जा रहा है. क्योंकि शपथ लेने के बाद खुद सीएम चंपाई सोरेन कह चुके हैं कि यह हेमंत पार्ट- 2 सरकार है.
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