जयपुर. भीषण गर्मी में पानी-बिजली की किल्लत और हीटवेव से जनजीवन पर पड़ रहे प्रभाव को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शुक्रवार को सभी अधिकारियों को सख्त हिदायत दी है. उच्चस्तरीय बैठक में उन्होंने कहा कि हर गांव-कस्बे से शहर तक पानी-बिजली की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित हो. आमजन को हीटवेव से बचाने के भी पुख्ता इंतजाम किए जाएं. उन्होंने कहा कि प्रभारी जिला सचिव अपने दौरे के दौरान औपचारिक समीक्षा बैठकों तक ही सीमित न रहें, बल्कि फील्ड में औचक निरीक्षण कर परिवादों व शिकायतों का वास्तविक समाधान सुनिश्चित कराएं.
उन्होंने प्रशासनिक कार्यों में लापरवाही करने वाले कर्मचारियों के विरूद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए भी निर्देश दिए. सचिवालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में अधिकारियों की बैठक में उन्होंने यह बात कही. सीएम ने कहा कि भीषण गर्मी के दौर में आमजन को बिजली और पानी की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता है. जिस भी दर पर बिजली उपलब्ध हो रही है, एक्सचेंज से खरीद कर राज्य सरकार आमजन को उपलब्ध करवा रही है उन्होंने निर्देश दिए कि खराब ट्रांसफार्मर को रिपेयर या रिप्लेस कर ट्रिपिंग की समस्या का त्वरित समाधान किया जाए. कमी होने पर जिलों में अतिरिक्त ट्रांसफार्मर की आपूर्ति भी की जाए.
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जलापूर्ति की हो सघन मॉनिटरिंग : सीएम भजनलाल ने कहा कि प्रदेशवासियों को साफ पानी उपलब्ध कराने के लिए प्रभारी जिला सचिव जलापूर्ति से संबधित परियोजनाओं व कार्यों की सघन मॉनिटिरिंग करें. उन्होंने हर जिले में ट्यूबवेल की समीक्षा कर अधिकारियों को ट्यूबवेल सूखने के कारणों की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके संज्ञान में ऐसे कई प्रकरण आए हैं. जहां पानी नहीं है लेकिन लाइन डाल दी गई है और टंकी भी बना दी गई है. ऐसे मामलों में लिप्त कर्मचारियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाए. उन्होंने अधिकारियों को बिजली व पानी के अवैध कनेक्शन काटने के निर्देश दिए, ताकि उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना न करना पड़े.
रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची बिजली की डिमांड : मुख्यमंत्री ने कहा कि गर्मी के मौसम में बिजली की मांग 3,777 लाख यूनिट के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचने के बावजूद भी सरकार ने आमजन को पर्याप्त बिजली उपलब्ध कराई है. पिछली सरकार ने प्रदेश को ऐसी स्थिति डाल दिया कि हमें 147 लाख यूनिट बिजली दूसरे राज्यों को देनी पड़ी उन्होंने कहा कि अब बिजली संबंधी जो भी परेशानी आ रही है, वह ज्यादातर स्थानीय खराबी और गड़बड़ी के कारण है.
ऊर्जा संरक्षण के लिए चलाएं अभियान : भजनलाल शर्मा ने आमजन से बिजली और पानी का विवेकपूर्ण उपयोग करने की अपील करते हुए कहा कि पानी और बिजली मूलभूत एवं सीमित संसाधन हैं. भीषण गर्मी के इस दौर में इनकी बचत ही इनके उत्पादन के समान है. उन्होंने अधिकारियों को ऊर्जा संरक्षण के लिए जन जागरुकता अभियान चलाने के निर्देश प्रदान किए.
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जल स्त्रोतों के मार्ग में आने वाले अतिक्रमण हटाएं : मुख्यमंत्री ने प्रदेश में मानसून से पहले जल संग्रहण एवं संचयन के ढांचों (वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर) के कार्यों को प्राथमिकता से पूरा करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 के तहत निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति के लिए युद्धस्तर पर कार्य किए जाएं. साथ ही, परंपरागत पेयजल एवं जल स्त्रोतों को पुनर्जीवित करने और भू-जल स्तर बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाए.
फोटोग्राफी के साथ भेजें नियमित रिपोर्ट : मुख्यमंत्री ने कहा कि अभियान के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की नियमित फोटोग्राफी कराकर प्रगति रिपोर्ट प्राप्त की जाए. इन सभी कार्यों के लिए संबंधित जिला कलक्टर जिम्मेदार होंगे और जिला प्रभारी सचिव भी इन कार्यों का नियमित रूप से सत्यापन करेंगे. सभी जिलों में अभियान चलाकर जल स्त्रोतों के मार्ग में आने वाले अतिक्रमणों को हटाने और नालों की सफाई के भी निर्देश दिए.
अस्पतालों में पर्याप्त कूलर-एसी व वाटर कूलर हो : सीएम ने कहा कि हीटवेव एवं मौसमी बीमारियों से उत्पन्न स्थितियों को नियंत्रित करने के लिए अधिकारी आवश्यक कदम उठाएं. सभी चिकित्सा संस्थानों में चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ व अन्य कार्मिकों की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित हो. साथ ही, उन्होंने उच्च अधिकारियों को सभी चिकित्सा संस्थानों का औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिए, ताकि चिकित्सा सुविधाओं की नियमित मॉनिटरिंग और समीक्षा हो सके. अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में कूलर, एसी, वाटर कूलर आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए.
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गोवंश के लिए नहीं हो पानी की किल्लत : उन्होंने कहा कि गौशालाओं में पर्याप्त सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए समय पर अनुदान जारी किया जाए. जिला प्रशासन द्वारा संसाधनों की पूर्ति के लिए भामाशाहों का सहयोग लेकर व्यवस्थाओं को भी दुरुस्त किया जाए. उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि पानी की कमी या गर्मी के कारण किसी भी गोवंश को किसी भी तरह की हानि नहीं होनी चाहिए.
संवाद से करें समस्याओं का समाधान : मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासन के सभी स्तरों पर कार्यों के शीघ्र निष्पादन के प्रति आमजन की अपेक्षाएं रहती हैं. फील्ड में कार्यरत अधिकारी परिवादी से संवाद कायम कर उनकी समस्याओं एवं परिवादों का निस्तारण सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि अधिकारी अपने कार्य का खुद आंकलन करें और अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए लघु, मध्यम एवं दीर्घ अवधि के लक्ष्य तय करें. ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं के प्रति उच्च अधिकारी संवेदनशीलता एवं जवाबदेही से कार्य करें. वे नियमित रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रात्रि विश्राम और चौपाल कर लोगों की समस्याओं का समाधान करें.
चुनाव आयोग की अनुमति से करवाए काम : मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि चुनाव आचार संहिता में पहले सभी काम ठप पड़ जाया करते थे. इस बार सरकार ने भर्ती प्रक्रिया से लेकर टेंडर, खरीद आदि के 141 मामलों में भारत निर्वाचन आयोग से अनुमति लेकर यह सुनिश्चित किया कि जरूरी कार्य बाधित न हो. उन्होंने कहा कि राजकीय अधिकारियों एवं कार्मिकों की स्थानांतरण नीति का प्रारूप तैयार कर लिया गया है और शीघ्र ही इसका प्रस्तुतीकरण मुख्यमंत्री के समक्ष किया जाएगा. गत 15 दिन में ही दो हजार नई नियुक्तियां दी गई हैं.
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ई-फाइलिंग से आई कामकाज में आई तेजी : बैठक में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया गया कि ई-फाइलिंग सिस्टम से फाइलों का तेजी से निस्तारण सुनिश्चित हुआ है. जिला कलक्टर्स के स्तर पर फाइलों के निस्तारण में गत जनवरी तक जहां औसतन 36 घंटे लग रहे थे. वहीं, मई माह में यह अवधि घटकर मात्र 2 घंटे 23 मिनट रह गई है. साथ ही, मुख्य सचिव एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव के स्तर पर ई-फाइल के निष्पादन का समय औसतन 22 घंटे से घटकर 6 घंटे ही रह गया है.
शिकायतों के निस्तारण का समय 30 दिन घटा : एक अन्य प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि राजस्थान संपर्क पर प्राप्त होने वाली शिकायतों के निस्तारण में लगने वाला औसत समय भी इस वर्ष कम होकर 16 दिन रह गया है. गत वर्ष तक इन शिकायतों के निस्तारण की औसत अवधि 46 दिन थी. बैठक में बताया गया कि लम्बित चले आ रहे प्रकरणों के निस्तारण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. शिकायतों के निस्तारण को लेकर लोगों की संतुष्टि का स्तर भी 3-4 प्रतिशत बढ़ा है.