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दिल्ली : AAP सरकार के निशाने पर अर्बन डेवलपमेंट के मुख्य सचिव, LG से की शिकायत

CM Arvind Kejriwal met LG: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कई मंत्रियों ने उपराज्यपाल से मिल अर्बन डेवलपमेंट के मुख्य सचिव के खिलाफ शिकायत की है. ऐसे सरकार को उम्मीद है कि जल्द ही वन टाइम सेटलमेंट स्कीम पास होगी. लोग बकाया पानी के बिल का भुगतान कर सकेंगे.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 15, 2024, 7:25 PM IST

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी का कहना है कि दिल्ली में 10 लाख से अधिक लोगों का पानी का बिल बकाया है, जिससे लोग परेशान हैं. दिल्ली सरकार इसके लिए वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लाना चाहती है. लेकिन अर्बन डेवलपमेंट विभाग के मुख्य सचिव इस प्रस्ताव को काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स के सामने नहीं ला रहे हैं. इसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, वित्त मंत्री आतिशी, अर्बन डेवलपमेंट मिनिस्टर सौरभ भारद्वाज गुरुवार को एलजी वीके सक्सेना से मिलकर और अपनी समस्याओं को रखा. इस पर एलजी ने आश्वासन दिया है कि मुख्य सचिव आदेश का पालन करेंगे.

दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जल बोर्ड के 27 लाख में से 10 लाख उपभोक्ता ऐसे हैं, जिन्होंने बकाया नहीं जमा किया है. ज्यादातर उपभोक्ताओं का मानना है कि जितना बिल उन्हें दिया गया है. उन्होंने उतने पानी की खपत नहीं की है. जिन रीडिंग पर यह बिल बने हैं. यह उनके मीटर की नहीं है. कोरोना के समय में यह समस्या बढ़ी थी. क्योंकि उस समय मीटर रीडर लोगों के घर पर नहीं जाते थे. वह अपने दफ्तर से ही बिल बनाते थे.दिल्ली के लाखों लोग जल बोर्ड के दफ्तर में बिल ठीक करने के लिए गए लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ.

उसके बाद जल बोर्ड वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लेकर आया था. बोर्ड के अंदर यह पॉलिसी पास हो गई थी. अब इसे कैबिनेट में ले जाने की तैयारी है. जल बोर्ड का एडमिनिस्ट्रेटिव डिपार्मेंट अर्बन डेवलपमेंट होता है. और यह मेरा विभाग है इसलिए मैंने अर्बन डेवलपमेंट विभाग के प्रमुख को बोर्ड के सामने लाने के लिए कहा लेकिन उन्होंने यह करने से मना कर दिया. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय के प्रमुख वित्त मंत्री नहीं प्रधान सचिव हैं. यानी कि जो बाबू है वह मंत्रालय है जो मंत्री है वह मंत्री नहीं है. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इस समस्या को लेकर आज उपराज्यपाल से मेरी मुलाकात हुई.

इस तरह नहीं चल पाएगी सरकार: वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि सभी नियमों के अनुसार पॉलिसी मेकिंग का अधिकार मंत्री को भी है. लेकिन दिल्ली में अर्बन डेवलपमेंट विभाग के सचिव मना कर रहे हैं कि प्रस्ताव को हम कॉउन्सिल ऑफ़ मिनिस्टर्स के सामने नहीं लाएंगे. ऐसे में मिनिस्टर पॉलिसी कैसे बना सकेंगे. इसकी समस्या उपराज्यपाल के सामने रखी. अगर अधिकारी मंत्री का कहना नहीं मानेंगे. कॉउन्सिल ऑफ़ मिनिस्टर्स के सामने प्रस्ताव नहीं लेकर आएंगे तो ऐसे में सरकार नहीं चल सकती. इसपर उपराज्यपाल ने कहा कि काउंसिल आफ मिनिस्टर्स के सामने प्रस्ताव आना चाहिए. इसके बाद अर्बन डेवलपमेंट मिनिस्टर ने प्रमुख सचिव को कैबिनेट का नोट भेजा है. और आदेश दिया है कि अगले हफ्ते वन टाइम सेटलमेंट स्कीम को काउंसिल आफ मिनिस्टर्स के सामने रखा जाए.

भाजपा पर अधिकारियों को डराने का आरोप: मंत्री आतिशी ने कहा की यह समस्या जीएनसीटीडी एक्ट के बाद से आ रही है. आज दिल्ली के सरकार अफसरों को लगता है कि उनपर दिल्ली की चुनी हुई सरकार का कंट्रोल नहीं है. उनपर केंद्र सरकार का कंट्रोल है. अगर ये अधिकारी केजरीवाल सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे तो भाजपा शासित केंद्र सरकार इन्हें छोड़ेंगे नहीं. अधिकारी दबी आवाज में बताते है कि उन्हें धमकाया जाता है.

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी का कहना है कि दिल्ली में 10 लाख से अधिक लोगों का पानी का बिल बकाया है, जिससे लोग परेशान हैं. दिल्ली सरकार इसके लिए वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लाना चाहती है. लेकिन अर्बन डेवलपमेंट विभाग के मुख्य सचिव इस प्रस्ताव को काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स के सामने नहीं ला रहे हैं. इसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, वित्त मंत्री आतिशी, अर्बन डेवलपमेंट मिनिस्टर सौरभ भारद्वाज गुरुवार को एलजी वीके सक्सेना से मिलकर और अपनी समस्याओं को रखा. इस पर एलजी ने आश्वासन दिया है कि मुख्य सचिव आदेश का पालन करेंगे.

दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जल बोर्ड के 27 लाख में से 10 लाख उपभोक्ता ऐसे हैं, जिन्होंने बकाया नहीं जमा किया है. ज्यादातर उपभोक्ताओं का मानना है कि जितना बिल उन्हें दिया गया है. उन्होंने उतने पानी की खपत नहीं की है. जिन रीडिंग पर यह बिल बने हैं. यह उनके मीटर की नहीं है. कोरोना के समय में यह समस्या बढ़ी थी. क्योंकि उस समय मीटर रीडर लोगों के घर पर नहीं जाते थे. वह अपने दफ्तर से ही बिल बनाते थे.दिल्ली के लाखों लोग जल बोर्ड के दफ्तर में बिल ठीक करने के लिए गए लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ.

उसके बाद जल बोर्ड वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लेकर आया था. बोर्ड के अंदर यह पॉलिसी पास हो गई थी. अब इसे कैबिनेट में ले जाने की तैयारी है. जल बोर्ड का एडमिनिस्ट्रेटिव डिपार्मेंट अर्बन डेवलपमेंट होता है. और यह मेरा विभाग है इसलिए मैंने अर्बन डेवलपमेंट विभाग के प्रमुख को बोर्ड के सामने लाने के लिए कहा लेकिन उन्होंने यह करने से मना कर दिया. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय के प्रमुख वित्त मंत्री नहीं प्रधान सचिव हैं. यानी कि जो बाबू है वह मंत्रालय है जो मंत्री है वह मंत्री नहीं है. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इस समस्या को लेकर आज उपराज्यपाल से मेरी मुलाकात हुई.

इस तरह नहीं चल पाएगी सरकार: वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि सभी नियमों के अनुसार पॉलिसी मेकिंग का अधिकार मंत्री को भी है. लेकिन दिल्ली में अर्बन डेवलपमेंट विभाग के सचिव मना कर रहे हैं कि प्रस्ताव को हम कॉउन्सिल ऑफ़ मिनिस्टर्स के सामने नहीं लाएंगे. ऐसे में मिनिस्टर पॉलिसी कैसे बना सकेंगे. इसकी समस्या उपराज्यपाल के सामने रखी. अगर अधिकारी मंत्री का कहना नहीं मानेंगे. कॉउन्सिल ऑफ़ मिनिस्टर्स के सामने प्रस्ताव नहीं लेकर आएंगे तो ऐसे में सरकार नहीं चल सकती. इसपर उपराज्यपाल ने कहा कि काउंसिल आफ मिनिस्टर्स के सामने प्रस्ताव आना चाहिए. इसके बाद अर्बन डेवलपमेंट मिनिस्टर ने प्रमुख सचिव को कैबिनेट का नोट भेजा है. और आदेश दिया है कि अगले हफ्ते वन टाइम सेटलमेंट स्कीम को काउंसिल आफ मिनिस्टर्स के सामने रखा जाए.

भाजपा पर अधिकारियों को डराने का आरोप: मंत्री आतिशी ने कहा की यह समस्या जीएनसीटीडी एक्ट के बाद से आ रही है. आज दिल्ली के सरकार अफसरों को लगता है कि उनपर दिल्ली की चुनी हुई सरकार का कंट्रोल नहीं है. उनपर केंद्र सरकार का कंट्रोल है. अगर ये अधिकारी केजरीवाल सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे तो भाजपा शासित केंद्र सरकार इन्हें छोड़ेंगे नहीं. अधिकारी दबी आवाज में बताते है कि उन्हें धमकाया जाता है.

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