नई दिल्ली: AAP नेता आतिशी मार्लेना दिल्ली की नई मुख्यमंत्री होंगी. अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी की विधायक दल की बैठक में उनके नाम का प्रस्ताव रखा. गोपाल राय ने आतिशी के नाम का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि हमने विषम परिस्थियों में ये फैसला लिया है. केजरीवाल की ईमानदारी पर कीचड़ उछाला, इसलिए उन्होंने जेल से जनहित सरकार चलाई और बाहर आकर इस्तीफे का ऐलान किया. शाम 4:30 बजे केजरीवाल उपराज्यपाल (LG) विनय सक्सेना को इस्तीफा सौंपेंगे. इसी हफ्ते नए CM और कैबिनेट का शपथ ग्रहण भी होगा. 26 और 27 सितंबर को 2 दिन का विधानसभा सत्र बुलाया गया है.
आतिशी को मंगलवार को AAP की विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मती से नेता चुने जाने के बाद विधायकों ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सभी विधायकों ने एक स्वर में अरविंद केजरीवाल पर पूरा भरोसा जताते हुए उन्हें ही सीएम पद के लिए नाम प्रस्तावित करने की बात कही. त्रिलोकपुरी विधायक रोहित मेहरोलिया ने बताया कि जब अरविंद केजरीवाल ने आतिशी का नाम प्रस्तावित किया तो सब विधायकों ने एक साथ हाथ उठाकर उनके प्रस्ताव पर सहमति जताई. इसे सीएम केजरीवाल का मास्टर स्ट्रोक बताया.
केजरीवाल हमारे नेताः मेहरोलिया ने भी कहा कि केजरीवाल की अनुपस्थिति में हर मौके पर आतिशी ने पार्टी और मुख्यमंत्री की बात मजबूत तरीके से रखा. इसलिए वो इस फैसले से खुश है. वहीं, विधायक आम आदमी पार्टी गोकलपुरी चौधरी सुरेंद्र कुमार ने भी आतिशी पर पूरा भरोसा जताते हुए कहा कि आतिशी जी इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाएंगी. विधायकों ने कहा कि केजरीवाल जी हमारे नेता हैं. हम उनके मार्गदर्शन में विधानसभा चुनाव लड़ेगें और दिल्ली में फिर आप की सरकार बनाएंगे.
दिल्ली की नवीन मुख्यमंत्री आतिशी जी को बहुत बहुत बधाई।#AAP pic.twitter.com/nG3L1ylW7n
— GNT75 (@Guneetjha) September 17, 2024
नवंबर में चुनाव कराने की मांगः 13 सितंबर को शराब नीति केस में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद केजरीवाल ने 15 सितंबर को मुख्यमंत्री पद छोड़ने का ऐलान किया था. उन्होंने कहा था कि अब जनता तय करे कि मैं ईमानदार हूं या बेईमान. शनिवार को केजरीवाल ने घोषणा की कि वे इस्तीफा दे देंगे और तब तक सीएम के रूप में काम नहीं करेंगे, जब तक दिल्ली की जनता उन्हें "ईमानदार" घोषित नहीं कर देती. उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में चुनाव इस साल नवंबर में कराने की भी मांग की है, जो फरवरी में होने वाले चुनाव से पहले होने चाहिए. केजरीवाल ने कहा कि अगर जनता उन्हें फिर से चुनती है, तो यह उनकी ईमानदारी का "प्रमाणपत्र" होगा.
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दिल्ली का चुनाव जल्द चुनाव कराने पर जोरः उन्होंने कहा कि वे महाराष्ट्र के साथ-साथ जल्द चुनाव कराने पर जोर देंगे. सर्वोच्च न्यायालय ने केजरीवाल की रिहाई पर कुछ शर्तें भी लगाईं, जिनमें यह भी शामिल है कि उन्हें मामले के बारे में सार्वजनिक टिप्पणी करने से बचना होगा और जब तक छूट न दी जाए, उन्हें ट्रायल कोर्ट के समक्ष सभी सुनवाइयों में उपस्थित होना होगा.
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