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सरकार ने IFS अफसर को दी क्लीन चिट, सीएम की मुहर के बाद भी अटका प्रमोशन, UPSC लेगा थिरूज्ञानसंबंधम पर फैसला - Clean Chit To IFS TR Bijulal

Clean Chit To IFS TR Bijulal भारतीय वन सेवा के अफसर टीआर बिजूलाल का प्रमोशन को लेकर इंतजार खत्म नहीं हो पा रहा है. यह स्थिति तब है जब सीएम पुष्कर सिंह धामी इस अधिकारी को मिली क्लीन चिट पर मुहर लगा चुके हैं. दरअसल टीआर बिजूलाल पर गोविंद पशु विहार राष्ट्रीय उद्यान में रहते हुए वित्तीय अनियमितता करने का आरोप लगा था. जिस पर जांच के बाद आईएफएस अधिकारी को क्लीन चिट दे दी गई है.

Clean Chit To IFS TR Bijulal
आईएफएस टीआर बिजूलाल और थिरूज्ञानसंबंधम (FILE PHOTO ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 31, 2024, 3:17 PM IST

Updated : Jul 31, 2024, 5:53 PM IST

देहरादूनः गोविंद पशु विहार राष्ट्रीय उद्यान में तैनाती के दौरान तमाम वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों में घिरे टीआर बिजूलाल को सरकार ने क्लीन चिट दे दी है. हालांकि, पिछले कई सालों से वित्तीय अनियमितताओं के इन्हीं आरोपों के चलते आईएफएस अफसर बिजूलाल का प्रमोशन नहीं हो पाया था. ऐसे में क्लीन चिट मिलते ही अब इन्हें एक नहीं बल्कि दो-दो प्रमोशन मिलने की उम्मीद थी. लेकिन ऐसा हुआ नहीं और सीएम धामी का क्लीन चिट पर अनुमोदन बिजूलाल के काम नहीं आ सका.

जानिए क्या था ये पूरा मामला: उत्तराखंड के गोविंद पशु विहार राष्ट्रीय उद्यान, उत्तरकाशी में साल 2016-17 के दौरान वित्तीय अनियमितताओं का मामला एक शिकायत से सामने आया था. जिसमें आईएफएस अधिकारी टीआर बिजूलाल पर कई गंभीर आरोप लगे थे. मामला सामने आने के बाद प्रकरण पर जांच के आदेश किए गए और आईफएस अधिकारी को सितंबर साल 2019 में चार्जशीट दे दी गई. इसके बाद मामले की जांच सीनियर आईएफएस अफसर तेजस्वनी पाटिल को दे दी गई. जिन्होंने जून 2022 में पूरे प्रकरण की जांच करने के बाद रिपोर्ट वन मुख्यालय को भेज दी. इस जांच में आईएफएस अधिकारी पर लगाया गया कोई भी आरोप सिद्ध नहीं हुआ.

जांच होने के बाद लंबे समय तक नहीं हुई कार्रवाई: मामले पर जांच 2022 में ही पूरी कर ली गई. लेकिन इसके बावजूद जांच रिपोर्ट की फाइल को शासन स्तर पर लंबे समय तक लंबित रखा गया. इसके बाद इसी साल फरवरी में बिजूलाल की फाइल आगे बढ़ी और सीएम धामी ने क्लीन चिट पर अपना अनुमोदन दे दिया. हालांकि, इसके बावजूद करीब 5 महीने से बिजूलाल का प्रमोशन को लेकर इंतजार बाकी है.

बिजूलाल को दोहरे प्रमोशन का मिलेगा लाभ: IFS अफसर बिजूलाल को क्लीन चिट मिलने के बाद दोहरे प्रमोशन का लाभ मिल सकता है. दरअसल, टीआर बिजूलाल 2004 के आईएफएस अफसर हैं और उनके साथ के अधिकारी चीफ कंजरवेटर बन चुके हैं. लेकिन बिजूलाल अब भी कंजरवेटर के प्रभारी पद पर ही काम कर रहे हैं. यानी अभी वो डीएफओ स्तर के ही अधिकारी बने हुए हैं. पूर्व में हुए प्रमोशन के दौरान उनका लिफाफा बंद रखा गया था.

जानिए क्या बोले टीआर बिजूलाल: पूरे मामले पर संबंधित अधिकारी टीआर बिजूलाल ने ईटीवी भारत को फोन पर जानकारी दी कि, 'सरकार ने उन्हें क्लीन चिट दी है. क्लीन चिट मिलने के बाद अभी फिलहाल उनका प्रमोशन नहीं हुआ है. आगे की कार्रवाई शासन को करनी है. उन्हें खुशी है कि उन पर लगे आरोप की सत्यता जांच के बाद सामने आ गई है'.

प्रमुख सचिव ने की पुष्टि: वहीं अफसर को क्लीन चिट देने को लेकर ईटीवी भारत ने प्रमुख सचिव आरके सुधांशु से बात की. प्रमुख सचिव ने बिजूलाल को क्लीन चिट मिलने की पुष्टि की है. इस दौरान क्लीन चिट मिलने के बाद नियमानुसार आगे की कार्रवाई करने की उन्होंने बात कही. हालांकि, अफसर को प्रमोशन कब तक मिल पाएगा? और आगे क्या प्रक्रिया रहेगी? इस पर उन्होंने कुछ भी नहीं कहा.

इस IFS अफसर पर भी अंतिम निर्णय होना बाकी: एक तरफ बिजूलाल क्लीन चिट मिलने के बाद अपने प्रमोशन का इंतजार कर रहे हैं तो दूसरी तरफ 2007 बैच के आईएफएस अफसर थिरूज्ञानसंबंधम पर भी अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है. थिरूज्ञानसंबंधम पर बिना जानकारी के अपनी तैनाती से गायब रहने का आरोप है. इसके लिए उत्तराखंड सरकार ने इस आईएफएस अधिकारी की सेवाओं से उसे बर्खास्त करने तक की सिफारिश की है. इसके लिए उत्तराखंड सरकार ने यूपीएससी को पत्र भेज दिया है जिसपर यूपीएससी द्वारा कुछ जानकारी मांगी गई है.

ये भी पढ़ेंः वन प्रभागों में 3 प्रभारी DFO की नियुक्ति, 41 नए ACF को मिली तैनाती, उठ सकता है सीनियरिटी विवाद

देहरादूनः गोविंद पशु विहार राष्ट्रीय उद्यान में तैनाती के दौरान तमाम वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों में घिरे टीआर बिजूलाल को सरकार ने क्लीन चिट दे दी है. हालांकि, पिछले कई सालों से वित्तीय अनियमितताओं के इन्हीं आरोपों के चलते आईएफएस अफसर बिजूलाल का प्रमोशन नहीं हो पाया था. ऐसे में क्लीन चिट मिलते ही अब इन्हें एक नहीं बल्कि दो-दो प्रमोशन मिलने की उम्मीद थी. लेकिन ऐसा हुआ नहीं और सीएम धामी का क्लीन चिट पर अनुमोदन बिजूलाल के काम नहीं आ सका.

जानिए क्या था ये पूरा मामला: उत्तराखंड के गोविंद पशु विहार राष्ट्रीय उद्यान, उत्तरकाशी में साल 2016-17 के दौरान वित्तीय अनियमितताओं का मामला एक शिकायत से सामने आया था. जिसमें आईएफएस अधिकारी टीआर बिजूलाल पर कई गंभीर आरोप लगे थे. मामला सामने आने के बाद प्रकरण पर जांच के आदेश किए गए और आईफएस अधिकारी को सितंबर साल 2019 में चार्जशीट दे दी गई. इसके बाद मामले की जांच सीनियर आईएफएस अफसर तेजस्वनी पाटिल को दे दी गई. जिन्होंने जून 2022 में पूरे प्रकरण की जांच करने के बाद रिपोर्ट वन मुख्यालय को भेज दी. इस जांच में आईएफएस अधिकारी पर लगाया गया कोई भी आरोप सिद्ध नहीं हुआ.

जांच होने के बाद लंबे समय तक नहीं हुई कार्रवाई: मामले पर जांच 2022 में ही पूरी कर ली गई. लेकिन इसके बावजूद जांच रिपोर्ट की फाइल को शासन स्तर पर लंबे समय तक लंबित रखा गया. इसके बाद इसी साल फरवरी में बिजूलाल की फाइल आगे बढ़ी और सीएम धामी ने क्लीन चिट पर अपना अनुमोदन दे दिया. हालांकि, इसके बावजूद करीब 5 महीने से बिजूलाल का प्रमोशन को लेकर इंतजार बाकी है.

बिजूलाल को दोहरे प्रमोशन का मिलेगा लाभ: IFS अफसर बिजूलाल को क्लीन चिट मिलने के बाद दोहरे प्रमोशन का लाभ मिल सकता है. दरअसल, टीआर बिजूलाल 2004 के आईएफएस अफसर हैं और उनके साथ के अधिकारी चीफ कंजरवेटर बन चुके हैं. लेकिन बिजूलाल अब भी कंजरवेटर के प्रभारी पद पर ही काम कर रहे हैं. यानी अभी वो डीएफओ स्तर के ही अधिकारी बने हुए हैं. पूर्व में हुए प्रमोशन के दौरान उनका लिफाफा बंद रखा गया था.

जानिए क्या बोले टीआर बिजूलाल: पूरे मामले पर संबंधित अधिकारी टीआर बिजूलाल ने ईटीवी भारत को फोन पर जानकारी दी कि, 'सरकार ने उन्हें क्लीन चिट दी है. क्लीन चिट मिलने के बाद अभी फिलहाल उनका प्रमोशन नहीं हुआ है. आगे की कार्रवाई शासन को करनी है. उन्हें खुशी है कि उन पर लगे आरोप की सत्यता जांच के बाद सामने आ गई है'.

प्रमुख सचिव ने की पुष्टि: वहीं अफसर को क्लीन चिट देने को लेकर ईटीवी भारत ने प्रमुख सचिव आरके सुधांशु से बात की. प्रमुख सचिव ने बिजूलाल को क्लीन चिट मिलने की पुष्टि की है. इस दौरान क्लीन चिट मिलने के बाद नियमानुसार आगे की कार्रवाई करने की उन्होंने बात कही. हालांकि, अफसर को प्रमोशन कब तक मिल पाएगा? और आगे क्या प्रक्रिया रहेगी? इस पर उन्होंने कुछ भी नहीं कहा.

इस IFS अफसर पर भी अंतिम निर्णय होना बाकी: एक तरफ बिजूलाल क्लीन चिट मिलने के बाद अपने प्रमोशन का इंतजार कर रहे हैं तो दूसरी तरफ 2007 बैच के आईएफएस अफसर थिरूज्ञानसंबंधम पर भी अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है. थिरूज्ञानसंबंधम पर बिना जानकारी के अपनी तैनाती से गायब रहने का आरोप है. इसके लिए उत्तराखंड सरकार ने इस आईएफएस अधिकारी की सेवाओं से उसे बर्खास्त करने तक की सिफारिश की है. इसके लिए उत्तराखंड सरकार ने यूपीएससी को पत्र भेज दिया है जिसपर यूपीएससी द्वारा कुछ जानकारी मांगी गई है.

ये भी पढ़ेंः वन प्रभागों में 3 प्रभारी DFO की नियुक्ति, 41 नए ACF को मिली तैनाती, उठ सकता है सीनियरिटी विवाद

Last Updated : Jul 31, 2024, 5:53 PM IST
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