हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश में लोकसभा की चार सीटों विधानसभा की छह सीटों पर उपचुनाव के लिए एक जून को मतदान होगा. हमीरपुर जिला सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का गृह जिला है. लोकसभा के साथ-साथ उपचुनाव में जिले की दोनों सीटों बड़सर-सुजानपुर पर जीत हासिल की जिम्मेदारी उन्होंने अपने कंधों पर ले रखी है. उपचुनाव के नतीजे प्रदेश सरकार का भविष्य तय करेंगे.
विधानसभा क्षेत्र बड़सर में आईडी लखनपाल की बगावत के बाद सियासी माहौल गर्माया हुआ है. मतदान का समय नजदीक आते-आते ही पार्टी कार्यकर्ता जोश से लबरेज हैं. बीते बुधवार को बीजेपी-कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच हाथापाई की नौबत आ गई. इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. वीडियो के मुताबिक मामला सलौणी बाजार का है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस कार्यकर्ता बाजार में होर्डिंग लगा रहे थे, लेकिन इसी बीच बीजेपी के कुछ कार्यकर्ता ने कांग्रेस के बैनर पर पूर्व सीएम शांता कुमार और प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल की फोटो मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ लगाए जाने पर आपत्ति जताई.
दोनों पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच बना तनातनी का माहौल
बीजेपी कार्यकर्ताओं ने ये कहकर इसका विरोध जताया कि कांग्रेस शांता कुमार और प्रो. प्रेम कुमार धूमल के नाम पर वोट मांकर लोगों को गुमराह कर रही है. ऐसी हरकतों को सहन नहीं किया जाएगा. वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना था कि होर्डिंग्स में ऐसा कुछ भी नहीं था जो आपत्तिजनकहो. होर्डिंग्स के जरिए केवल यही संदेश दिया जा रहा है कि जनता जिला हमीरपुर के मुख्यमंत्री के साथ खड़ी होकर उनके प्रत्याशी को जिताए. इस दौरान कुछ होर्डिंग्स फाड़ भी दी गई। मौके पर तनातनी के माहौल बन गया था.
कांग्रेस मीडिया प्रभारी अंशुल शर्मा ने कहा 'बीजेपी कार्यकर्ताओं की ओर से अंजाम दी गई ये पूरी घटना निंदनीय है. चुनाव के समय बीजेपी इसी तरह के हथकंडे अपनाती है. इसका जवाब जनता 4 जून को दे देगी. पूर्व में शांता कुमार भी कांग्रेस सरकार के काम की तारीफ कर चुके हैं.' वहीं, बीजेपी मीडिया प्रभारी विकास शर्मा ने कहा 'इस तरह की राजनीति बीजेपी ना करती है ना सहन करेगी. कांग्रेस इस तरह की राजनीति कर ध्रुवीकरण और वोटर्स को बहकाने का प्रयास कर रही है.'
चुनाव प्रचार को समाप्त होने में चंद घंटे बाकी हैं. ऐसे में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए दोनों ही दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. व्यक्तिगत आरोप और प्रत्यारोप की सिलसिला जारी है. कांग्रेस प्रत्याशी सुभाष चंद ढटवालिया सीएम जिला और उनके नाम पर वोट मांग रहे हैं. वहीं, लखनपाल अपने कोर वोटर्स को साधने में लगे हैं. सीएम सुक्खू का गृह जिला होने के नाते बड़सर और सुजानपुर सीट उनकी प्रतिष्ठा का सवाल बनी हुई है.
दोनों प्रत्याशियों की अलग-अलग रणनीति: चुनाव प्रचार को समाप्त होने में कुछ ही घंटे बाकी हैं. ऐसे में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए दोनों ही दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. व्यक्तिगत आरोप और प्रत्यारोप की सिलसिला जारी है. कांग्रेस प्रत्याशी सुभाष चंद ढटवालिया सीएम जिला और उनके नाम पर वोट मांग रहे हैं. वहीं, लखनपाल अपने कोर वोटर्स को साधने में लगे हैं. सीएम सुक्खू का गृह जिला होने के नाते बड़सर और सुजानपुर सीट उनकी प्रतिष्ठा का सवाल बनी हुई है.
तीन बार जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं लखनपाल: बता दें कि बड़सर सीट पर मुकाबला कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए आईडी लखनपाल और सुभाष चंद ढटवालिया के बीच है. बीजेपी प्रत्याशी इंद्र दत्त लखनपाल ने वर्ष 2012, 2017, 2022 में कांग्रेस की टिकट पर बड़सर से जीत हासिल की थी. इस बार लखनपाल ने हाथ का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया है. वहीं, कांग्रेस उम्मीदवार सुभाष चंद जिला कांग्रेस के कोषाध्यक्ष हैं. इसके अलावा वो बड़सर वार्ड से जिला परिषद सदस्य, कलवाड पंचायत से प्रधान और बिझड़ी वार्ड से सदस्य भी रह चुके हैं. स्थानीय लोगों का मानना है कि पार्टी से हटकर लखनपाल का यहां अपना एक वोट बैंक हैं. उन्हें काफी मिलनसार नेता माना जाता है. ऐसे में उनके दलबदल के बावजूद कांग्रेस उम्मीदवार सुभाष चंद के लिए ये चुनाव आसान नहीं होने वाला है. सुभाष ढटवालिया पहली बार चुनाव मैदान में उतरे हैं.