मेरठ: मेरठ में सिटी मजिस्ट्रेट ने मारपीट प्रकरण में पेश हुए दोनों पक्षों के चार आरोपियों को जेल नहीं, बल्कि एक अनोखी सजा सुना दी है. सिटी मजिस्ट्रेट ने उनको गलती सुधारने का मौका दिया. अब चारों आरोपियों को सिटी मजिस्ट्रेट के कार्यालय में 10 दिन तक कार्यालय के खुलने से लेकर बन्द होने तक यहां बैठना (City Magistrate gave unique punishment in Meerut) होगा.
उन्होंने कहा कि अगर आरोपियों के बीच समझौता नहीं हुआ, तो इन चारों आरोपियों को अभिलेखों से पाबंद किया जायेगा. कोतवाली थाना क्षेत्र के तोपचीवाड़ा में अबरार ओर इमरान का मकान है. उनका कहना है कि वे मकान का निर्माण करा रहे थे. दो दिन पहले मकान निर्माण को लेकर सामग्री आनी थी. पड़ोस में रहने वाले जावेद और अय्यूब ने अपने परिवार के साथ मिलकर सामग्री से भरे वाहन को रोक दिया.
अबरार का कहना है कि एक माह पहले उनके भतीजे दिलशाद पर अय्यूब के बेटे जुनैद और शारीक ने जानलेवा हमला किया था. पुलिस ने जुनैद ओर शारिक ने जानलेवा हमला करने पर मुकदमा दर्ज किया था. आरोप है कि समझौते का दबाव बनाने के लिये जावेद ओर अय्यूब ने मारपीट की थी. पुलिस ने मौके से अबरार, अय्यूब और जावेद को हिरासत में ले लिया. उन्हें सिटी मजिस्ट्रेट न्यायालय में पेश किया गया.
सिटी मजिस्ट्रेट अनिल कुमार ने बताया कि दोनों पक्ष एक दूसरे के करीबी हैं. इन्होंने आपस मे झगड़ा कर लिया है. ऐसे में उनके आचरण को सुधारने के लिये इन चारों को सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय के अंदर प्रतिदिन सुबह से शाम तक एक साथ बैठने का आदेश दिया गया है. उन्होंने कहा कि एक साथ बैठने से एक दूसरे के प्रति व्यवहार सुधार करने का मौका मिलेगा. एक दूसरे के व्यवहार से शांति बनाई जा सकती है और दोनों पक्षो में समझौता हो सकता है.
सिटी मजिस्ट्रेट ने सोमवार से कार्यालय में उपस्थिति दर्ज करने के निर्देश दिए थे. बुधवार को इन चारों का तीसरा दिन बताया जा रहा है. दोनों पक्ष अपने साथ खाना लेकर आते हैं. कार्यालय में ही खाने के समय अपना खाना खाते हैं. कार्यालय कर्मचारियों का कहना है कि दोनों पक्षों की ओर से मामले का हल निकालने का प्रयास किया जा रहा है. बातचीत जारी है.
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