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जगदलपुर में बनी सिटी बसों की कब्रगाह, जनता के पैसों से खरीदी गई करोड़ों की गाड़ियां बन रही कबाड़ - City buses become junk

गरीबों और मध्यमवर्गीय परिवार को राहत देने के लिए सिटी बसों का संचालन किया गया था. कुछ दिनों तक सिटी बसों का संचालन ठीक ठाक से हुआ. कोरोना के वक्त बसों के पहिए थम गए. कोरोना का बुरा दौर भी बीत गया लेकिन इन बसों के बुरे दिन अब भी जारी हैं. जनता के दिए टैक्स के पैसों से खरीदे गए बस अब कबाड़ में तब्दील हो रहे हैं.

CITY BUSES BECOME JUNK
जगदलपुर में बनी सिटी बसों की कब्रगाह (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 30, 2024, 5:37 PM IST

जगदलपुर: सिटी बसों का संचालन शहर में कोरोना काल से पहले किया गया. इसका मकसद था लोगों को कम पैसों में आने जाने की सुविधा देना. छात्रों को कम पैसों में स्कूल और कॉलेज पहुंचाना. कोरोना से पहले तो सिटी बसें फर्राटें के साथ जगदलपुर की सड़कों पर दौड़ती नजर आई. कोरोना के आते ही बसों के पहिए थम गए. सुरक्षा के लिहाज से नगर निगम ने बसों को मोती तालाब पारा इलाके में खड़ा कर दिया. तीन साल से ज्यादा का वक्त बीत चुका है. बसें अब खड़े खड़े कबाड़ में तब्दील हो चुकी हैं.

जगदलपुर में बनी सिटी बसों की कब्रगाह (ETV Bharat)

सरकारी सिटी बसों की कब्रगाह: सिटी बसें जब चलाई गई थी तो लोगों ने इसकी जमकर तारीफ की. कम पैसों में लोगों को स्कूल कॉलेज और मंडी जाने का साधन मिला. लोगों को उम्मीद थी कि सिटी बसों का संचालन जल्द शुरु किया जाएगा. कई साल का वक्त बीत जाने के बाद भी इसपर जिला प्रशासन का कोई ध्यान नहीं गया. नतीजा ये निकला की सिटी बसें अब खड़ी खड़ी कबाड़ में तब्दील हो रही हैं. जनता की गाड़ी कमाई से खरीदी गई ये गाड़ियां अब कुछ सालों में भंगार बन जाएगी. जगदलपुर पर्यटक स्थलों में गिना जाता है. अगर यहां फिर से सिटी बसों का संचालन किया जाता है तो इससे पर्यटकों को भी आने जाने में सहूलियत होगी.

''कोरोना के दौरान सिटी बसों को बंद कर दिया गया. सभी बसें बिना देखभाल के अब तेजी से कबाड़ में तब्दील हो रही हैं. इन बसों को फिर से सड़क पर उतारने के लिए 25 लाख की रकम की जरुरत है. हम सोच रहे हैं कि नए सिरे से सिटी बसों का संचालन किया जाए इसके लिए ठेके भी निकाले जाएं. जो सिक्योरिटी मनी हमें इससे मिलेगी उससे हम बसों को दुरुस्त करा सकेंगे''. - हरेश मंडावी, निगम आयुक्त, जगदलपुर



जनता के टैक्स के पैसे का मत करिए कबाड़ा: समय रहते अगर इन सिटी बसों को दुरुस्त कराकर सड़क पर उतारने का फैसला लिया जाना चाहिए. अगर और देर होती है तो करोड़ों की लागत से खरीदी गई ये बसें सिर्फ लोहे का कबाड़ बनकर रह जाएगी. निगम आयुक्त को चाहिए कि वो जल्द से जल्द नए सिरे से सिटी बसों को चालू करने पर फैसला लें.

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जगदलपुर में बनी सिटी बसों की कब्रगाह (ETV Bharat)

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''कोरोना के दौरान सिटी बसों को बंद कर दिया गया. सभी बसें बिना देखभाल के अब तेजी से कबाड़ में तब्दील हो रही हैं. इन बसों को फिर से सड़क पर उतारने के लिए 25 लाख की रकम की जरुरत है. हम सोच रहे हैं कि नए सिरे से सिटी बसों का संचालन किया जाए इसके लिए ठेके भी निकाले जाएं. जो सिक्योरिटी मनी हमें इससे मिलेगी उससे हम बसों को दुरुस्त करा सकेंगे''. - हरेश मंडावी, निगम आयुक्त, जगदलपुर



जनता के टैक्स के पैसे का मत करिए कबाड़ा: समय रहते अगर इन सिटी बसों को दुरुस्त कराकर सड़क पर उतारने का फैसला लिया जाना चाहिए. अगर और देर होती है तो करोड़ों की लागत से खरीदी गई ये बसें सिर्फ लोहे का कबाड़ बनकर रह जाएगी. निगम आयुक्त को चाहिए कि वो जल्द से जल्द नए सिरे से सिटी बसों को चालू करने पर फैसला लें.

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