नई दिल्ली/गाजियाबाद: चिलचिलाती गर्मी से राहत पाने के लिए लोग तमाम हथकंडे अपना रहे हैं. यही वजह है कि झुलसा देने वाली गर्मी में स्विमिंग पूल लोगों को खूब राहत दे रही है. दिल्ली एनसीआर की अधिकतर हाईलाइट सोसाइटीज में स्विमिंग पूल है. वहीं, प्राइवेट स्विमिंग पूल पर भी लोगों की भीड़ दिखाई दे रही है. गांव देहात के इलाकों में लोग अक्सर ट्यूबवेल में नहाकर गर्मी से राहत पाते हैं. हालांकि, ट्यूबवेल का बहता हुआ पानी होता है. जबकि, स्विमिंग पूल में जमा हुआ पानी होता है.
स्विमिंग पूल जहां एक तरफ गर्मी से लोगों को राहत पहुंचा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ पूल में नहाने से कई बीमारियों का भी खतरा बना रहता है. हालांकि, अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो इन बीमारियों से बचा जा सकता है. वरिष्ठ चिकित्सक डॉ बीपी त्यागी बताते हैं, स्विमिंग पूल में नहाने से पहले कई बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, वरना स्विमिंग पूल में नहाना नुकसानदेह सकता है.
डॉ बीपी त्यागी के मुताबिक, स्विमिंग पूल के पानी को साफ और स्वच्छ रखने के लिए पानी में क्लोरीन मिलाया जाता है. स्विमिंग पूल के पानी में क्लोरीन होता है, जो हाइड्रोजन आयन के साथ मिलकर माइल्ड एसिड बनता है. स्विमिंग पूल का पानी एसिडिक पीएच का होता है. पानी का पीएच वैल्यू 8 से अधिक नहीं होना चाहिए. अगर ज्यादा मात्रा में क्लोरीन डाल दिया जाता है तो इससे त्वचा संबंधित समस्याएं हो सकती हैं.
स्विमिंग पूल में जाने से पहले बरते सावधानी:
- स्विमिंग पूल में जाने से पहले शावर जरूर लें.
- स्विमिंग पूल में नहाने जा रहे हैं तो स्विमिंग ग्लासेस जरूर लगाए.
- पूल के पानी को निगलने से बचे. यदि फूल का पानी किसी कारणवश निकाल लिया है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.
- अगर हाल में आपको किसी प्रकार का कोई संक्रामक रोग या डायरिया, उल्टी, दस्त आदि हो चुके हैं तो स्विमिंग पूल में जाने से परहेज करें.
- यदि आपको लगता है कि स्विमिंग पूल का पीएच लेवल हाई है तो बाजार से पीएच लेवल टेस्ट स्ट्रिप खरीद कर पीएच लेवल चेक कर सकते हैं.
- स्विमिंग पूल में जाने से पहले हेयर कैप जरूर पहनें. क्लोरीन युक्त पानी बालों को नुकसान पहुंचा सकता है.
डॉ त्यागी के मुताबिक, यदि स्विमिंग पूल का पानी साफ नहीं है तो उसमें नहाने से बचना चाहिए. गंदे पानी के आंखों में जाने से कंजक्टिवाइटिस हो सकता है. कान में जाने से कान में इंफेक्शन हो सकता है. यदि गंदा पानी नाक में गया तो साइनाइटिस का खतरा बढ़ जाता है. कई बार मुंह के रास्ते पानी पेट में चला जाता है. पानी में क्लोरीन मिला होता है. ऐसे में फेफड़ों तक पानी पहुंचने पर इंफेक्शन हो जाता है. नियमित तौर पर जिन स्विमिंग पलों में पानी फिल्टर किया जाता है और निर्धारित मात्रा में क्लोरीन मिलाया जाता है वहां पर ही स्विमिंग करने जाना चाहिए.
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