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नाबालिग के अपहरण और दुष्कर्म के मामले में आरोपी को 20 साल की सजा - CHITTORGARH POCSO COURT SENTENCES

चित्तौड़गढ़ पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग के अपहरण और दुष्कर्म के आरोपी को दोषी मानते हुए 20 साल की कैद और जुर्माने की सजा सुनाई.

punishment for the rapist
आरोपी को 20 साल की सजा (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 17, 2025, 8:04 PM IST

चित्तौड़गढ़ : जिले की पॉक्सो कोर्ट संख्या एक ने एक नाबालिग लड़की को जबरन अगवा करने और उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में आरोपी को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने आरोपी को 20 साल की कठोर कैद और जुर्माने की सजा सुनाई है.

अपर लोक अभियोजक गोपाल जाट के अनुसार यह घटना 5 दिसंबर 2019 की है. पीड़िता के पिता ने राशमी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी नाबालिग बेटी स्कूल गई थी, लेकिन शाम तक घर वापस नहीं लौटी. परिजनों ने उसकी काफी तलाश की, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला. इसके बाद उन्होंने पुलिस शिकायत की. पुलिस मामला दर्ज कर जांच शुरू की और आरोपी राजू उर्फ राजेंद्र को नामजद किया. जांच के दौरान पीड़िता को दस्तयाब किया गया और आरोपी को 6 जुलाई 2020 को गिरफ्तार कर लिया गया.

इसे भी पढ़ें- नाबालिग को बेचने का प्रयास करने और दुष्कर्म में सहयोग करने वाली महिला को आजीवन कारावास

न्यायालय की कार्रवाई : पुलिस ने मामले की जांच पूरी करने के बाद आरोपी के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया. मामले के विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष ने 12 गवाह पेश किए और 28 दस्तावेज अदालत में प्रस्तुत किए. पीठासीन अधिकारी लता गौड़ ने आरोपी को पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी ठहराते हुए 20 साल की कठोर कैद और 50 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई. इसके अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 363 और 366 के तहत तीन-तीन साल के कारावास और 5 हजार और 10 हजार के जुर्माने की सजा भी सुनाई.

चित्तौड़गढ़ : जिले की पॉक्सो कोर्ट संख्या एक ने एक नाबालिग लड़की को जबरन अगवा करने और उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में आरोपी को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने आरोपी को 20 साल की कठोर कैद और जुर्माने की सजा सुनाई है.

अपर लोक अभियोजक गोपाल जाट के अनुसार यह घटना 5 दिसंबर 2019 की है. पीड़िता के पिता ने राशमी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी नाबालिग बेटी स्कूल गई थी, लेकिन शाम तक घर वापस नहीं लौटी. परिजनों ने उसकी काफी तलाश की, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला. इसके बाद उन्होंने पुलिस शिकायत की. पुलिस मामला दर्ज कर जांच शुरू की और आरोपी राजू उर्फ राजेंद्र को नामजद किया. जांच के दौरान पीड़िता को दस्तयाब किया गया और आरोपी को 6 जुलाई 2020 को गिरफ्तार कर लिया गया.

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न्यायालय की कार्रवाई : पुलिस ने मामले की जांच पूरी करने के बाद आरोपी के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया. मामले के विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष ने 12 गवाह पेश किए और 28 दस्तावेज अदालत में प्रस्तुत किए. पीठासीन अधिकारी लता गौड़ ने आरोपी को पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी ठहराते हुए 20 साल की कठोर कैद और 50 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई. इसके अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 363 और 366 के तहत तीन-तीन साल के कारावास और 5 हजार और 10 हजार के जुर्माने की सजा भी सुनाई.

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