चित्तौड़गढ़. लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में चित्तौड़गढ़ लोकसभा क्षेत्र के लिए मतदान 26 अप्रैल को सम्पन्न हो गया. अब मतदाताओं को रिजल्ट का इंतजार है, जो 4 जून को खत्म हो जाएगा. इस बार मतदान का प्रतिशत पिछ्ले लोकसभा चुनाव के मुकाबले कम रहा है. कांग्रेस ने किसान नेता उदयलाल आंजना को मैदान में उतारकर मुकाबले को काफी रोचक बना दिया. पिछले दो चुनाव से कांग्रेस बाहर के प्रत्याशियों पर दांव खेल रही थी, लेकिन इस बार स्थानीय नेता उदयलाल आंजना को लाकर भाजपा के बाहरी उम्मीदवार के मुद्दे के असर को लगभग खत्म कर दिया.
मतदान में आई गिरावट चिंता का विषय : लगातार 10 साल से सीपी जोशी यहां से सांसद हैं और भाजपा ने उनपर तीसरी बार विश्वास जताया है. लगातार एक ही चेहरा होने के कारण उन्हें एंटी इनकंबेंसी का भी सामना करना पड़ा. इस चुनाव में जिस प्रकार की स्थितियां बनी, उसे लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के नेता रिजल्ट को लेकर कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हैं. सबसे चौंकाने वाला पहलू यह है कि इस बार मतदान प्रतिशत में लगभग 4% की गिरावट आई है. मतदान में आई गिरावट भाजपा प्रत्याशी के लिए चिंता का विषय है. अमूमन मतदान प्रतिशत में गिरावट विपक्षी उम्मीदवार के लिए फायदेमंद माना जाता रहा है. पिछले दो चुनाव में कांग्रेस की ओर से 2014 में उदयपुर से गिरिजा व्यास और 2019 में राजसमंद से गोपाल सिंह शेखावत को मैदान में उतारा गया था. शेखावत को बाहर का होने का सबसे अधिक खमियाजा उठाना पड़ा, क्योंकि न तो उन्हें मतदाता जानते थे और न ही उन्होंने मतदाताओं तक पहुंचने की कोशिश की.
पहचान के मोहताज नहीं रहे आंजना : कहा जा सकता है कि पिछले चुनाव में मतदान से पहले ही शेखावत ने एक प्रकार से हार मान ली थी. इसी के चलते उन्हें सीपी जोशी के हाथों लगभग पौने 6 लाख मतों से हार का सामना करना पड़ा. इसी प्रकार 2009 में जीतने के बाद कांग्रेस ने अपनी वरिष्ठ नेता गिरिजा व्यास को फिर से आजमाया, लेकिन वे भाजपा के नए चेहरे जोशी के हाथों मात खा गईं. कुल मिलाकर दोनों ही चेहरे बाहर के थे, जबकि इस बार आंजना ने बाहरी के मुद्दे को बेअसर करते हुए मुकाबले को कांटे का बना दिया. 1998 में तत्कालीन वित्त मंत्री जसवंत सिंह को हराकर लोकसभा पहुंचे आंजना राष्ट्रीय फलक पर चमक उठे थे. इसके बाद से ही वे लगातार राजनीति में हैं. अशोक गहलोत सरकार में सहकारिता मंत्री रहे. ऐसे में आंजना पहचान के मोहताज नहीं रहे, जो पिछले दो चुनाव से भाजपा के लिए जीत का अहम आधार रहा.
ऊंट किसी भी करवट बैठ सकता है : वरिष्ठ पत्रकार पीके अग्रवाल का कहना है कि एंटी इनकंबेंसी के अलावा कांग्रेस की ओर से स्थानीय उम्मीदवार को मैदान में उतारना भाजपा की मुश्किलें बढ़ा सकता है. लंबे समय से पत्रकारिता से जुड़े जेपी दशोरा के अनुसार हार जीत का अंतराल बहुत ही कम रहने वाला है, क्योंकि कांग्रेस के साथ अब पिछले दो चुनाव जैसी कोई परेशानी नहीं है. इसके अलावा भाजपा में खींचतान के उलट कांग्रेस ज्यादा एकजुट नजर आई. चुनावी मैदान में जिस प्रकार के नए समीकरण बनते रहे, ऊंट किसी भी करवट बैठ सकता है.
लोकसभा चुनाव 2024
- भाजपा उम्मीदवार : सीपी जोशी
- कांग्रेस उम्मीदवार : उदयलाल आंजना
- मतदान : 14,88,898
- मतदान प्रतिशत : 68.61
लोकसभा चुनाव 2019
- भाजपा उम्मीदवार सीपी जोशी : 982942 मत
- कांग्रेस उम्मीदवार गोपाल सिंह शेखावत : 406695 मत
- जीत का अंतर : 576247 मत
- टोटल वोटिंग : 14,59,266 : 72.39%
लोकसभा चुनाव 2014
- भाजपा उम्मीदवार सीपी जोशी : 703236 मत
- कांग्रेस उम्मीदवार गिरिजा व्यास : 386379 मत
- जीत का अंतर : 316857 मत
- टोटल वोटिंग : 1172629 : 64.45%