लखनऊ: उत्तर प्रदेश में आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ाने और तीर्थ क्षेत्रों के विकास के लिए प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार के प्रयास किए जा रहे हैं. अयोध्या दीपोत्सव और वाराणसी की देव दीपावली के तरह इसी बार चित्रकूट धाम में भी दीपावली के अवसर पर आयोजित होने वाले अमावस्या मेले को नव्य-दिव्य व भव्य स्वरूप देने का प्रयास किया जा रहा है.
चित्रकूट धाम तीर्थ विकास परिषद ने 28 अक्टूबर से 1 नवंबर तक पांच दिवसीय कार्यक्रम के मद्देनजर अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है.चित्रकूट धाम को आकर्षक साज-सज्जा से सजाने पर सबसे ज्यादा फोकस किया जा रहा है. दीपावली व अमावस्या मेले के अवसर पर चित्रकूट धाम का कोना-कोना आकर्षक रोशनी व पुष्प सज्जा से खिल उठेगा. यहां इंटेलिजेंट एलईडी लाइटिंग गेट्स की स्थापना होगी और रामायण मेला स्थल, रामघाट, रेलवे स्टेशन समेत तीर्थ क्षेत्र के 13 हॉटस्पॉट एरिया में व्यापक सजावट प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा.
रंग-बिरंगी रोशनी में सराबोर होगा तीर्थ क्षेत्र: चित्रकूट धाम तीर्थ विकास परिषद की कार्ययोजना के अनुसार, दीपावली के अवसर पर आयोजित होने वाले अमावस्या मेले के लिए पूरे तीर्थक्षेत्र की व्यापक साज-सज्जा की जाएगी. इसमें दासा क्लॉथ व फूलों की लड़ियों समेत आकर्षक रंग-बिरंगी एलईडी लाइट्स को प्राथमिकता दी जाएगी. चित्रकूट धाम में मेला स्थल समेत 13 हॉटस्पॉट स्थलों पर इंटेलिजेंट एलईडी लाइटिंग गेट्स की स्थापना होगी, जो सहज ही यहां आने वाले लोगों की आकर्षण का केंद्र बनेंगे. यह गेट्स 40 फीट ऊंचे और 30 फीट चौड़े होंगे.
यह अस्थायी पिक्सल रनिंग एलईडी गेट्स के तौर पर बनाए जाएंगे जिनका निर्माण भक्ति थीम पर आधारित होगा. इसमें प्रभु श्रीराम के जीवन से जुड़ी घटनाओं को शोकेस किया जाएगा. इन गेट्स के कवर अप रीजन को दासा क्लॉथ, फूलों की लड़ियों और प्रभु श्रीराम के कटआउट्स से सजाया जाएगा. मेला स्थल पर स्थापित होने वाले प्रमुख गेट पर धनुष की आकृति और प्रभु श्रीराम के कटाउट को लगाकर इसे भी बड़े सुंदर तरीके से सजाया जाएगा. वहीं, एलईडी स्क्रीन्स, टैबल्यू समेत तमाम प्रॉप्स की मदद से आयोजन स्थल को आकर्षक बनाया जाएगा. इसके साथ ही, पूरे तीर्थक्षेत्र को रंग-बिरंगी लाइट्स और फूलों की लड़ियों से सजाया जाएगा.
प्रभु श्रीराम ने खुद मंदाकिनी नदी में किया था दीपदान:प्रभु श्रीराम को चित्रकूट कितना प्रिय था यह किसी से छिपा नहीं है. वनवास के दौरान प्रभु श्रीराम ने 11 वर्षों की अवधि इसी क्षेत्र में व्यतीत की थी.चित्रकूट के कण-कण में प्रभु श्रीराम का वास व सानिध्य मिलता है. यही कारण है कि दीपावली के अवसर पर देश-दुनिया से लाखों की तादात में श्रद्धालु यहां मंदाकिनी नदी स्थित रामघाट समेत विभिन्न घाटों पर दीपदान करने आते हैं. एक मान्यता यह भी है, कि प्रभु श्रीराम जब लंका विजय के बाद अपनी राजधानी अयोध्या लौट रहे थे, तब चित्रकूट में थोड़ी देर रुककर उन्होंने यहां ऋषि-मुनियों से मुलाकात की थी और उनकी आज्ञा से मंदाकिनी नदी में दीप दान कर अपनी विजय पर आभार जताया था.
तब से यह परंपरा आज भी चली आ रही है. प्रभु श्रीराम को पूजने वाले लाखों श्रद्धालु इस दिन मंदाकिनी नदी में दीपदान करने के साथ कामदगिरी की परिक्रमा करते हैं. कामतानाथ समेत तीर्थ क्षेत्र के विभिन्न मंदिरों और आध्यात्मिक स्थलों का दर्शन करते हैं. खासतौर पर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान समेत देश के विभिन्न कोनों से इस अवसर पर श्रद्धालु चित्रकूट धाम आते हैं.
इन स्थानों पर होगी एलईडी गेट्स की स्थापना समेत व्यापक सजावट: यूपीटी चौराहा-सीतापुर, रामायण मेला क्षेत्र, रामघाट, बरहा के हनुमान जी, निर्मोही अखाड़ा, खोही तिराहा, पटेल तिराहा-कर्वी, धनुष चौराहा-कर्वी, रेलवे स्टेशन रोड-कर्वी, मंदाकिनी ब्रिज व मंदिर-कर्वी, मंदाकिनी ब्रिज-रामघाट, बाल्मीकि आश्रम लालापुर व भरतकूप मंदिर.
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