लातेहार: पर्यटन के मामले में लातेहार झारखंड के किसी भी जिले से पीछे नहीं है. लेकिन इसे दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है कि जिला मुख्यालय के आसपास एक भी ऐसा स्थान नहीं है, जहां लोग अपने परिवार के साथ जाकर घूम सकें.
पूर्व उपायुक्त अबु इमरान के प्रयास से कमी हुई थी पूरी: लातेहार में पार्क की कमी को पूरा करने के लिए लातेहार के तत्कालीन उपायुक्त अबु इमरान के प्रयास से जिला मुख्यालय से सटे ललमटिया डैम के इलाके को बेहतर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया था. डैम के पास ही एक चिल्ड्रेन पार्क भी बनाया गया. इस स्थल को विकसित किए जाने के बाद लातेहार के लोगों को एक बेहतर पर्यटन स्थल भी मिल गया था. यहां प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में लोग घूमने आते थे और पार्क का इलाका बच्चों की खिलखिलाहट से गुलजार रहता था. प्रशासन के द्वारा भी इस स्थान पर सुरक्षा के साथ-साथ आम लोगों के लिए आवश्यक सुविधा भी बहाल की गई थी. सुरक्षा और सुविधा दोनों मिलने के कारण प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचते थे और घंटे बैठकर प्रकृति की सौंदर्यता का लुत्फ उठाते थे.
प्रशासनिक उदासीनता के कारण बदहाल होता गया पार्क: इधर, पिछले एक वर्ष से प्रशासनिक उदासीनता के कारण चिल्ड्रन पार्क और ललमटिया पर्यटन क्षेत्र पूरी तरह बदहाल होता गया. प्रशासनिक स्तर पर देखरेख के अभाव तथा सुरक्षा की कमी के कारण पार्क में लगे सोलर लाइट समेत अन्य उपकरण या तो चोरी हो गए या फिर कबाड़ बन गए. चिल्ड्रन पार्क में भी लगे झूलों को शरारती तत्वों ने बर्बाद कर दिया. पार्क के केयरटेकर नंदकिशोर प्रजापति ने बताया कि यहां उपायुक्त अबु इमरान के समय यहां लोगों की काफी भीड़ लगती थी, उपायुक्त के अलावा अन्य अधिकारी भी यहां आते थे. जिससे यहां हमेशा चहल-पहल रहती थी. परंतु अब स्थिति यह है कि कभी कभार ही कुछ लोग आते हैं. अब तो स्थिति इतनी दयनीय हो गई है कि मजदूरी भी निकलना मुश्किल हो गया है.
ललमटिया चिल्ड्रन पार्क के बदहाल होने के बाद एक बार फिर लातेहार में पर्यटन स्थल की शून्यता उत्पन्न हो गई है. लोगों की मांग है कि प्रशासनिक स्तर पर काम कर पार्क को व्यवस्थित किया जाए. ताकि लातेहार के लोगों को भी अपने परिवार के साथ घूमने के लिए भटकना न पड़े.
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