रायपुर: चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध है बावजूद इसके दुकानदार खुलेआम चाइनीज मांझा धड़ल्ले से बेच रहे हैं. रविवार को टिकरापारा थाना इलाके में शाम 5 बजे चाइनीज धागे में बच्चे की गर्दन फंस गई. लहूलुहान बच्चे को तत्काल अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई. परिजनों ने बताया कि बच्चे को घायल हालत में पहले निजी अस्पताल में लेकर गए. बच्चे की गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे बड़े अस्पताल रेफर कर दिया. परिजन बच्चे को लेकर तुरंत मेकाहार गए जहां बच्चे को भर्ती किया गया. इलाज के दौरान बच्चे ने दम तोड़ दिया.
चाइनीज मांझे ने ली बच्चे की जान: चाइनीज मांझा बेचने और खरीदने दोनों पर प्रतिबंध है. इसके बावजूद दुकानदार खुलेआम चाइनीज मांझा बेच रहे हैं और पतंगबाज खुलेआम खरीदकर उससे पतंग उड़ा रहे हैं. टिकरापारा पुलिस ने बच्चे की मौत पर मर्ग कायम कर जांच शुरु कर दी है. पुलिस की दलील है कि जब उनको कोई शिकायत मिलती है तब वो प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करते हैं.
गम में डूबा परिवार: मृतक बच्चे के पिता धनेश साहू ने बताया कि वह अपने घर संतोषी नगर से अपने बेटे के साथ दो पहिया वाहन में गार्डन जा रहे थे. पचपेड़ी नाके के पास पतंग उड़ाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला चाइनीस मांझा बच्चे के गले में फंस गया. घायल बच्चे को लेकर निजी अस्पताल में गए लेकिन हालत गंभीर होने पर मेकाहार लेकर गए. इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई.
प्रतिबंध के बावजूद बिक रहा मांझा: मृतक बच्चे के दादा नोहर दास साहू ने बताया कि परिवार में जो घटना घटी है वह हृदय विदारक घटना है. प्रतिबंधित चाइनीज मांझा धड़ल्ले से शहर में बिक रहा है. शासन प्रशासन और आम जनता के लिए यह दुर्भाग्यपूर्ण है. किसी भी मकान या बिल्डिंग में लोग पतंग उड़ाने के लिए जाते हैं, पतंग काटने की कंपटीशन करते हैं. ऐसे खतरनाक मांझे से लोगों की जान जा रही है.
मैं शासन प्रशासन और प्रदेश के मुख्यमंत्री से त्वरित कार्रवाई की अपील करता हूं. बच्चे की मौत पर मुआवजा दिया जाए. मृतक के पिता मोटर मैकेनिक हैं. ऐसी घटना दोबारा ना हो इसके लिए कुछ जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए - नोहर दास साहू, मृतक बच्चे के दादा
घटना की सूचना मिलने के बाद टिकरापारा पुलिस ने इस मामले में मर्ग पंचनामा की कार्रवाई पूरी करने के बाद बच्चे की डेड बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेज दियाा है. आगे जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे उस हिसाब से उस पर कार्रवाई की जाएगी. पुलिस की अपील है कि लोग बिल्डिंग की छतों पर पतंग ना उड़ाकर खुले मैदान में पतंग उड़ाएं. जिससे इस तरह की घटना पर रोक लग सके. चाइनीज मांझा की बिक्री की सूचना पुलिस को मिलेगी तो उसे पर पुलिस वैधानिक और प्रतिबंधात्मक कार्रवाई जरूर करेगी - विनय सिंह बघेल, थाना प्रभारी, टिकरापारा
पहले भी हो चुके हैं हादसे: इसके पहले भी पंडरी मॉल के पास एक्सप्रेस वे पर महिला वकील पूर्णशा कौशिक चाइनीज मांझे से घायल हो चुकी हैं. दिसंबर के महीने में एक छात्र चाइनीज मांझे की चपटे में आकर बुरी तरह से घायल हो चुका है.
क्या है चाइनीज मांझा: पतंग उड़ाने के लिए दो तरह के मांझे का इस्तेमाल किया जाता है. पहला सूती मांझा और दूसरा चाइनीज मांझा. सूती मांझे की तुलना में चाइनीज मांझा ज्यादा खतरनाक होता है. चाइनीज मांझा नायलॉन के धागे से बना होता है और इस पर कांच या मैटेलिक पाउडर की परत चढ़ाई जाती है. यही वजह है कि इसमें धार ज्यादा होती है और इसका स्किन पर असर बहुत जल्दी दिखाई पड़ता है.