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जनता दरबार में लगा शिकायतों का अंबार, सीएम धामी ने सुनी समस्याएं, मौके पर ही किया निपटारा - CM Dhami janta darbar

CA Dhami janta darbar, उत्तराखंड में तमाम निर्देशों के बाद भी अधिकारी जन समस्याओं के समाधान पर ठोस रूप से काम नहीं कर पा रहे हैं. यही कारण है कि आम लोगों को मुख्यमंत्री के दरबार तक अपनी समस्याओं के लिए पहुंचना पड़ रहा है. रविवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में भी अपनी समस्याओं के लिए कई लोग मुख्यमंत्री से मिले. इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को जन समस्याओं के समाधान के लिए समयबद्ध रूप से निस्तारण के निर्देश दिए.

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जनता दरबार में सीएम धामी (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 14, 2024, 3:39 PM IST

Updated : Jul 14, 2024, 4:00 PM IST

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को विभिन्न क्षेत्रों से आए लोगों की समस्याओं को सुना. इस दौरान लोगों की मूलभूत समस्याओं के समाधान पर मुख्यमंत्री ने जल्द से जल्द निस्तारण के निर्देश अधिकारियों को दिए. खास बात यह रही कि कई शिकायतें ऐसी भी थी जिनका मुख्यमंत्री ने मौके पर ही निस्तारण किया. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अपनी समस्याओं को लेकर लोगों को विभागों के चक्कर न काटने पड़े, इसके लिए उन्हें विशेष ध्यान देना होगा.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोगों से भी ऑनलाइन सुविधा का लाभ उठाने के लिए कहा. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा प्रदेश में अपणी सरकार पोर्टल के माध्यम से विभिन्न ई सेवाओं को दे रही है. लोगों को इसका लाभ उठाना चाहिए. राज्य में आम लोगों की शिकायतों को लेकर भी मुख्यमंत्री कार्यालय सीधे तौर पर मॉनिटरिंग करता है. ऑनलाइन शिकायत के निस्तारण को सुनिश्चित करने के लिए उसकी समीक्षा भी की जाती है. चिंता की बात यह है कि इस सबके बावजूद लोगों को मुख्यमंत्री दरबार तक अपनी शिकायत के लिए आना पड़ रहा है. इतना ही नहीं ऐसी शिकायतें जिनका मौके पर ही निस्तारण किया जा सकता है उन पर भी अधिकारी काम नहीं कर रहे. यही कारण है कि लोगों को विभागों या अधिकारियों के पास जाने के बजाय मुख्यमंत्री दरबार आना पड़ रहा है.

इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी जिलाधिकारी को तहसील दिवस और बीडीसी की नियमित बैठकें करने का भी निर्देश दिये. इसका मकसद ब्लॉक तहसील और जिला स्तर पर जन समस्याओं का समाधान करवाना है. जिसके लिए जिलाधिकारी को हर कार्य दिवस पर जनसुनवाई के भी निर्देश दिए जा चुके हैं. इतना कुछ होने के बाद भी मुख्यमंत्री कार्यालय तक शिकायतें पहुंच रही हैं. इसका मतलब ब्लॉक जिला और राज्य स्तर के अधिकारी भी जन समस्याओं को लेकर काम नहीं कर पा रहे है. इतना ही नहीं लोगों का विश्वास अधिकारियों पर न होकर मुख्यमंत्री कार्यालय पर दिखाई दे रहा है. यही सब वजह है कि निचले स्तर पर समस्याओं का समाधान शत प्रतिशत होने के बजाय कई शिकायतें ऊपर तक भी पहुंच रही हैं.

पढ़ें- उत्तराखंड में 14 साल बाद हुई राज्य स्तरीय सतर्कता और अनुश्रवण समिति की बैठक, लंबित मामलों को निपटाने के निर्देश - Vigilance and Monitoring Committee

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को विभिन्न क्षेत्रों से आए लोगों की समस्याओं को सुना. इस दौरान लोगों की मूलभूत समस्याओं के समाधान पर मुख्यमंत्री ने जल्द से जल्द निस्तारण के निर्देश अधिकारियों को दिए. खास बात यह रही कि कई शिकायतें ऐसी भी थी जिनका मुख्यमंत्री ने मौके पर ही निस्तारण किया. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अपनी समस्याओं को लेकर लोगों को विभागों के चक्कर न काटने पड़े, इसके लिए उन्हें विशेष ध्यान देना होगा.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोगों से भी ऑनलाइन सुविधा का लाभ उठाने के लिए कहा. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा प्रदेश में अपणी सरकार पोर्टल के माध्यम से विभिन्न ई सेवाओं को दे रही है. लोगों को इसका लाभ उठाना चाहिए. राज्य में आम लोगों की शिकायतों को लेकर भी मुख्यमंत्री कार्यालय सीधे तौर पर मॉनिटरिंग करता है. ऑनलाइन शिकायत के निस्तारण को सुनिश्चित करने के लिए उसकी समीक्षा भी की जाती है. चिंता की बात यह है कि इस सबके बावजूद लोगों को मुख्यमंत्री दरबार तक अपनी शिकायत के लिए आना पड़ रहा है. इतना ही नहीं ऐसी शिकायतें जिनका मौके पर ही निस्तारण किया जा सकता है उन पर भी अधिकारी काम नहीं कर रहे. यही कारण है कि लोगों को विभागों या अधिकारियों के पास जाने के बजाय मुख्यमंत्री दरबार आना पड़ रहा है.

इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी जिलाधिकारी को तहसील दिवस और बीडीसी की नियमित बैठकें करने का भी निर्देश दिये. इसका मकसद ब्लॉक तहसील और जिला स्तर पर जन समस्याओं का समाधान करवाना है. जिसके लिए जिलाधिकारी को हर कार्य दिवस पर जनसुनवाई के भी निर्देश दिए जा चुके हैं. इतना कुछ होने के बाद भी मुख्यमंत्री कार्यालय तक शिकायतें पहुंच रही हैं. इसका मतलब ब्लॉक जिला और राज्य स्तर के अधिकारी भी जन समस्याओं को लेकर काम नहीं कर पा रहे है. इतना ही नहीं लोगों का विश्वास अधिकारियों पर न होकर मुख्यमंत्री कार्यालय पर दिखाई दे रहा है. यही सब वजह है कि निचले स्तर पर समस्याओं का समाधान शत प्रतिशत होने के बजाय कई शिकायतें ऊपर तक भी पहुंच रही हैं.

पढ़ें- उत्तराखंड में 14 साल बाद हुई राज्य स्तरीय सतर्कता और अनुश्रवण समिति की बैठक, लंबित मामलों को निपटाने के निर्देश - Vigilance and Monitoring Committee

Last Updated : Jul 14, 2024, 4:00 PM IST
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