बलरामपुर: जिले के जनपद पंचायत बलरामपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत भेलवाडीह से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां शौचालय निर्माण के दौरान गांव के सरपंच और सचिव पर मुर्गा और बकरा पार्टी का आरोप लगा है. इस पार्टी के लिए सरकारी पैसों के इस्तेमाल की शिकायत ग्रामीणों ने की है. इसके बाद जिला पंचायत सीईओ ने जांच टीम का गठन किया है.
जानिए कैसे की गई ओडीएफ के पैसे से पार्टी: दरअसल, बलरामपुर के ग्राम पंचायत भेलवाडीह में साल 2017 में शौचालय निर्माण कराने को लेकर ओडीएफ अभियान चलाया गया था. ये अभियान स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत चलाया गया था. उस दौरान गांव के सचिव सरपंच ने मुर्गा-बकरा खाने का बिल लगाकर सरकारी पैसा निकाला था. इस पूरे मामले की शिकायत भेलवाडीह के ग्रामीणों ने जिले के कलेक्टर से जनदर्शन में की. साथ ही मामले में कार्रवाई की मांग की है.ग्रामीणों की मांग के बाद जिला पंचायत सीईओ ने जनपद स्तर पर जांच टीम का गठन किया है.
शौचालय निर्माण के समय जो ओडीएफ हुआ, उस समय मुर्गा-बकरा खाने का बिल लगाया गया, जो कि उचित नहीं है. छह-सात साल पहले का मामला है हम शिकायत करते थक गए. हमने पूर्व कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ, अनुविभागीय अधिकारी सभी से शिकायत की है लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.-बीगन सिंह, स्थानीय ग्रामीण
जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन: इस पूरे मामले में ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने अब तक कई बार जिले के पूर्व कलेक्टर सहित जिम्मेदार अधिकारियों से इसकी शिकायत की है. हालांकि अब तक जांच नहीं हुई है. ना ही कोई कार्रवाई हुई है. मामले में बलरामपुर जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी रेना जमील ने जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
जनदर्शन में ऐसी शिकायत प्राप्त हुई है. इसके संबंध में हमने जनपद स्तर पर जांच टीम गठित कर दी है. जैसे जांच रिपोर्ट आती है, उसके अनुसार आगे कार्रवाई की जाएगी. इस संबंध में जब तक जांच न हो जाए और हमारे पास जांच प्रतिवेदन नहीं आएगा, तब तक इस पर कुछ कहना उचित नहीं होगा.-रेना जमील, सीईओ जिला पंचायत
जानिए क्या है ओडीएफ प्लस गांव: केन्द्र सरकार के स्वच्छ भारत योजना के तहत ओडीएफ प्लस गांव यानी कि ऐसा गांव जहां खुले में शौच पर पूर्ण पाबंदी हो. ऐसे ग्राम पंचायत में कम से कम एक सामुदायिक शौचालय का निर्माण सरकार की ओर से कराया जाता है. इस पूरे क्षेत्र में खुले में शौच पर पाबंदी होती है.
बता दें कि पूरे मामले में ग्रामीणों का आरोप है कि शासकीय अधिकारी कर्मचारी ने स्वच्छता सर्वेक्षण ओडीएफ के नाम पर मुर्गा बकरा खाने का बिल लगाकर सरकारी पैसे की लूट की है. इस मामले में जिला पंचायत सीईओ जांच के बाद कार्रवाई की बात कह रहे हैं.