छिंदवाड़ा: भूकंप या फिर दूसरी प्राकृतिक आपदाएं अचानक आकर सब कुछ तहस नहस कर देती हैं. अगर इन प्राकृतिक आपदाओं की हमें पहले से सटीक जानकारी मिल जाए तो कई बड़े नुकसान से बचा जा सकता है. ऐसा ही तरीका उत्कृष्ट स्कूल के छात्रों ने खोज निकाला है, जो भूकंप और दूसरी प्राकृतिक आपदाओं के आने से पहले ही सूचना दे देगा. 11वीं के छात्र आदित्य पटेल द्वारा तैयार किया गया यह यंत्र काम कैसे करता है और कैसे हमारी सुरक्षा कर सकता है. ये सब जानते हैं आदित्य पटेल से.
कैसे खतरे से पहले करेगा आगाह
छात्र आदित्य पटेल ने बताया कि, 'यह यंत्र प्राकृतिक आपदा जैसे भूकंप, बड़े तूफान और बवंडर के आने से पहले ही जानकारी दे देगा. इस यंत्र को जमीन पर कहीं भी लगाया या रखा जा सकता है. आदित्य ने बताया, जमीन पर रखा हुआ यह यंत्र जमीन में किसी भी प्रकार की हरकत को तुरंत पकड़ लेगा और इसमें लगा पेंडुलम एक तार से टकराएगा और फिर तेजी से सायरन बजने लगेगा. इसका मतलब किसी खतरे की चेतावनी है और आस-पास के लोग किसी सुरक्षित स्थान पर चले जाएं. यह बहुत कम लागत में बनाया जा सकता है.' आदित्य ने इसको बनाने के लिए घर में पड़ी फालतू की चीजों का इस्तेमाल किया है. इसके अलावा एक बैटरी लगाई है. इसे सौर ऊर्जा से भी चलाया जा सकता है.
तीन दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया
छिंदवाड़ा के उत्कृष्ट विद्यालय में 3 दिवसीय जिला स्तरीय आपदा प्रबंधन व स्कूल सेफ्टी सेमिनार लगाया गया, जिसमें कई छात्रों ने अपने द्वारा बनाए गए मॉडल को प्रजेंट किया. स्कूल के प्रिंसिपल अवधूत काले ने बताया कि, 'विद्यार्थियों ने भूकंप, ज्वालामुखी, अग्नि दुर्घटना, बाढ़, सूखा, भूस्खलन, न्यूक्लियर एनर्जी दुर्घटना, कोरोना महामारी, विद्युत दुर्घटनाओं और जर्जर भवनों से संबंधित हादसों की जागरूकता, सावधानियां और बचाव के उपाय प्रस्तुत किए. सेमिनार में अमरवाड़ा, मोहखेड़ और छिंदवाड़ा विकास खंड के शिक्षकों ने हिस्सा लिया. प्रशिक्षण के दौरान नगर निगम छिंदवाड़ा की अग्निशमन टीम ने फायर ब्रिगेड के साथ पेट्रोल जनित आग, गैस सिलेंडर जनित आग और विद्युत शॉर्ट सर्किट से लगी आग को बुझाने के बारे में भी बताया.'
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'प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए स्कूल को रहना होगा तैयार'
सेमिनार की शुरुआत में कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि, 'स्कूल सेफ्टी और आपदा प्रबंधन केवल एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह हमारे विद्यार्थियों और शिक्षकों की सुरक्षा से सीधे जुड़ा हुआ महत्वपूर्ण विषय है. वर्तमान समय में जब प्राकृतिक और मानव जनित आपदाओं का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है, ऐसे में स्कूलों को तैयार रहना अति आवश्यक है.'