छिंदवाड़ा: बादल भोई आदिवासी राज्य संग्रहालय के नए भवन का वर्चुअल लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों हुआ. इस भवन में स्वतंत्रता संग्राम के आदिवासी नायकों के योगदान को चित्रांकित किया गया. संग्रहालय में आदिवासी कलाकृतियों और संस्कृति को दीवार पर उकेरा गया है. प्रधानमंत्री मोदी ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि, ''देश को आजादी दिलाने में जनजातियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसका उदाहरण बिरसा मुंडा और बादलभोई हैं.''
आदिवासियों के साथ थिरके सांसद और महापौर
छिंदवाड़ा के दशहरा मैदान में बिरसा मुंडा जयन्ती कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिमसें स्कूली बच्चों ने आदिवासी संस्कृति के कार्यक्रम प्रस्तुत किए. इस दौरान सांसद विवेक साहू, महापौर विक्रम आहाके भी जमकर थिरके.
म्यूजियम की दीवारों पर टंट्या भील, भीमा नायक, शंकर-शाह रघुनाथ शाह, रघुनाथ सिंह मंडलोई, राजा गंगाधर गोंड, बादल भोई और गंजन कोरकू, खज्या नायक, सीताराम कंवर, ढिल्लन शाह गोंड मालगुजार, राजा अर्जुन सिंह गोंड, राजा गंगाधर गोंड की गाथा नजर आती है. इसके अलावा बांस शिल्प, लौह शिल्प, मृदा शिल्प और पेंटिंग के माध्यम से स्वतंत्रता सेनानियों के कार्य को प्रदर्शित किया गया है.
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रानी दुर्गावती से लेकर बादल भोई तक का मिलेगा इतिहास
संग्रहालय में रानी दुर्गावती से लेकर बादल भोई से संबंधित इतिहास दीवारों पर मिलेगा. आदिवासी जनजाति बैगा, गोंड, भारिया समेत अन्य जन जातियों की जीवन शैली, सांस्कृतिक धरोहर, प्रतीक चिन्हों और शिल्पों का प्रदर्शन किया गया. इसके अलावा चिलम, बैलगाड़ी, गुल्ली का तेल निकालने का यंत्र, वाद्य यंत्र जैसे- ढोलक, इकतारा, मृदंग, टिमकी, चटकुले, पानी पीने का तुम्बा, आटा पीसने की चकिया, घट्टी, उडिया खेती, पातालकोट, कपड़े, जूते, रस्सी, घुरलु की छाल, लोह निर्माण और मेघनाथ मेले के दृश्य प्रदर्शित किये गए हैं.