छिंदवाड़ा: पेंच परियोजना के माचागोरा बांध से प्रभावित 31 गांवों के किसान 22 सितंबर को महापंचायत करेंगे. महापंचायत में साल भर पहले बनी सड़कों की दुर्दशा सहित कई तरह की समस्याओं पर चर्चा करेंगे. खास बात यह कि महापंचायत में सांसद बंटी विवेक साहू को भी बुलाया जा रहा है. सांसद का सम्मान कर प्रभावित किसान अपनी समस्याओं का पिटारा उनके सामने खोलने वाले हैं.
सांसद का सम्मान करने के बाद याद दिलाएंगे वादा
किसानों के मुताबिक अमरवाड़ा उपचुनाव के दौरान मुख्यमंत्री ने भी आकर आश्वासन दिया था. इस दौरान सांसद भी उनके साथ थे. डूब क्षेत्र के किसान सांसद विवेक बंटी साहू का सम्मान करने के बाद उन्हें बीजेपी सरकार और मुख्यमंत्री के द्वारा किए गए वादे याद दिलायेंगे. धनौरा के सरपंच परसराम वर्मा ने बताया कि '22 सितंबर को दोपहर 12 बजे से महापंचायत होगी. जिसमें समस्याओं के साथ सड़कों के निर्माण में हुए भ्रष्टाचार से अवगत कराया जाएगा.'
महापंचायत में 31 गांव के किसान उठाएंगे ये मुद्दे
- डूब प्रभावित क्षेत्र में रोजगार के साधन नहीं, जिससे लोग पलायन करने मजबूर हैं.
- पुनर्वास स्थल गलत स्थान पर बसाया. डैम के किनारे पुनर्वास करा दिया गया है. जहां जहरीले सांप निकल रहे, सर्पदंश व पानी में डूबने का खतरा बना हुआ है.
- किसानों से तीन एकड़ में से 2 एकड़ भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया है. बची एक एकड़ जमीन अब टापू में तब्दील हो गई. जिसमें किसान खेती करने नहीं पहुंच पा रहा है और न रास्ता बनाया गया, न मुआवजा दिया गया.
- किसान की पूरी जमीन ले ली, मकान छोड़ दिया, खेत डूब में चला गया है. मकान अधिग्रहित नहीं किया.
- कुछ किसानों के कुछ खसरे छोड़ दिए गए हैं, जो अब पानी में डूब गए हैं.
- किसानों के मकानों का मुजावजा, मवेशियों के स्थान नहीं दिया गया, परिसंपत्ति में मोटर पंप, पाइप लाइन का मुआवजा नहीं दिया गया.
- अधूरी सड़कों के पूरा निर्माण की मांग
पुनर्वास क्षेत्र के ग्रामीणों के मुताबिक जो सड़कें बनी है. उनमें गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया है. साल भर में ही सड़कें उधड़ने लगी हैं. वहीं सड़क कहीं-कहीं नहीं बनाई गई है. बारह बरियारी से भूला, केवलारी से देवरी व धनौरा से चौसरा तक सड़क का निर्माण नहीं किया गया है. पुरानी सड़क डूबने से जनपद मुख्यालय चौरई की दूरी 60 किमी हो गई है.
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सरदार सरोवर की तरह स्पेशल पैकेज की मांग
माचागोरा बांध से प्रभावितों के मुताबिक 'सरदार सरोवर बांध के प्रभावितों के लिए 900 करोड़ रुपए का स्पेशल पैकेज दिया गया है. उसी तर्ज पर पेंच परियोजना से प्रभावितों को भी विशेष पैकेज दिया जाना चाहिए. केंद्र की चार गुना मुआवजा की नीति के विरुद्ध उन्हें 2 गुना तक ही मुआवजा वितरण किया गया है.