छिंदवाड़ा: पूर्व सीएम कमलनाथ की बैठक में हंगामा होने की बात सामने आई है. बताया जाता है कि कमलनाथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक ले रहे थे, इसी दौरान परासिया के विधायक सोहन वाल्मीकि और जिला पंचायत अध्यक्ष संजय पुन्हार के बीच कहासुनी हो गई. बताया जा रहा है कि जिला पंचायत अध्यक्ष के मंच पर बैठने से विधायक नाराज थे.
विधायक और जिला पंचायत अध्यक्ष के बीच हाथापाई !
छिंदवाड़ा के शिकारपुर में पूर्व सीएम कमलनाथ अपने निवास पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक ले रहे थे. इसी दौरान परासिया के विधायक सोहन वाल्मीकि और जिला पंचायत के अध्यक्ष संजय पुन्हार के बीच हाथापाई की नौबत आ गई. इसके बाद कार्यकर्ताओं ने दोनों को अलग-अलग किया. जिला पंचायत अध्यक्ष संजय पुन्हार ने बताया कि "दोनों नेताओं के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ था, जो बाद में हाथापाई तक पहुंच गया लेकिन यह पार्टी फोरम का मामला है कार्रवाई पार्टी तय करेगी."
इस बात से नाराज थे विधायक सोहन वाल्मीकि
बता दें कि छिंदवाड़ा के अमरवाड़ा में विधानसभा के उपचुनाव चल रहे थे, इसी दौरान जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय पुन्हार की बीजेपी में जाने की चर्चा चल रही थी. वे मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से भी मिले थे. जिला पंचायत अध्यक्ष का ऐसा आरोप है कि इसी बात की नाराजगी विधायक सोहन वाल्मीकि को थी. कमलनाथ के सामने बैठक चल रही थी. इस दौरान मंच पर जिला पंचायत अध्यक्ष भी बैठे थे. जिसका विरोध विधायक सोहन वाल्मीकि ने जताया और इसी बात को लेकर वाद विवाद हाथापाई तक पहुंच गया. इस बात को लेकर विधायक सोहन वाल्मीकि का पक्ष नहीं मिल सका है लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष संजय पुन्हार ने कहा कि "फिलहाल तो वे कांग्रेस पार्टी में ही हैं. विकास कार्यों के लिए सीएम,मंत्रियों समेत तमाम अधिकारियों के पास जाना होता है. रही बात बीजेपी में जाने की तो ये तो पार्टी तय करती है कि किसे कब पार्टी में लेना है. उन्होंने कहा कि कहासुनी हुई थी इसके बाद कार्यकर्ताओं ने दोनों को अलग-अलग कर दिया."
ये भी पढ़ें: 20 सितंबर को कमलनाथ की ' पॉलिटिकल वापसी', भाजपा सरकार को घेरने का छिंदवाड़ा प्लान नगर निगम छिंदवाड़ा के क्या हो गए हाल, अध्यक्ष को क्यों मांगनी पड़ रही भीख, वजह है दमदार |
'मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों से मुलाकात जरूरी'
जिला पंचायत अध्यक्ष संजय पुन्हार ने कहा है कि "वे जिला पंचायत के अध्यक्ष हैं और जिले के विकास के लिए सरकार में जो भी रहेगा उससे मुलाकात करना उनके लिए जरूरी है. फिर वह चाहे सांसद हो, विधायक हो या मंत्री, मुख्यमंत्री हो और वह लगातार इन नेताओं से मुलाकात करते हैं ताकि जिले का विकास हो सके इसी से विधायक नाराज हैं."