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करोड़पति बनने की गारंटी है यह फसल! विस्फोटक पैदावार, नोट गिनते-गिनते थक जाओगे - chhindwara kumhra farming

महंगाई के इस दौर में हर किसान चाहता है कि उसके द्वारा उगाई हुई फसल की बंपर पैदावार हो और ऊंचे दामों में वह बिक जाए. अगर आप किसान हैं और खेती से ज्यादा मुनाफा चाहते हैं तो भूरे कद्दू की खेती आपके लिए बेस्ट ऑप्शन है. छिंदवाड़ा में नई तकनीक के जरिये किसान भूरे कद्दू की खेती कर रहे हैं, जिससे उनको तगड़ी कमाई हो रही है.

WHITE PUMPKIN PROFITABLE FARMING
भूरे कद्दू की खेती कर बने लखपति (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 13, 2024, 7:41 AM IST

Updated : Jun 13, 2024, 7:52 AM IST

WHITE PUMPKIN PROFITABLE FARMING: किसान पारंपरिक खेती छोड़कर नई तकनीक और मशीनरी के उपयोग कर खेती से लाखों रुपए कमा रहे हैं. सिर्फ 4 महीने में भूरे कद्दू जिसे कुम्हड़ा भी कहा जाता है इसकी खेती कर किसान लाखों रुपए कमा सकते हैं. छिंदवाड़ा में कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग के जरिए किसान 1 एकड़ खेत से डेढ़ लाख रुपए तक की कमाई कर रहे हैं. आज हम आपको बताएंगे कि कैसे भूरे कद्दू की खेती करके आप ज्यादा पैदावार और मुनाफा कमा सकते हैं.

chhindwara kumhra farming
छिंदवाड़ा में भूरे कद्दू की खेती (ETV BHARAT)

हल्दीराम कंपनी से किया कांट्रेक्ट, लाखों की कमाई

हल्दीराम कंपनी करीब 20 किसानों के माध्यम से भूरा कददू की कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग जिले में कर रही है. जिसमें कंपनी द्वारा बीज एवं तकनीकी मार्गदर्शन देकर निश्चित कीमत पर कददू खरीदा जाता है. किसान संदीप रघुवंशी ने बताया कि ''एक एकड़ में लगभग 25-30 टन भूरा कद्दू की उपज प्राप्त हो रही है, जिसमें 40 से 50 हजार रूपये प्रति एकड़ लागत आती है. 120 दिन की फसल से लगभग 1.50 लाख रूपये प्रति एकड़ की बचत होती है.'' उन्होंने बताया कि वह 6 वर्ष से भूरे कद्दू की खेती की खेती कर रहे हैं.

सफेद कद्दू से बनाया जाता है पेठा और मिठाइयां

कुम्हरा को सफेद कद्दू कहा जाता है. इससे भारत में एक विशेष मिठाई पेठा बनाया जाता है. आगरा में इस मिठाई को एक अलग पहचान भी मिली है. आगरा का पेठा न सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया भर में मशहूर है. पेठे की मिठाई कई स्वाद और खुशबू में मिलती है, जिसमें से अंगूरी पेठा, नारियल पेठा, सूखा पेठा व काजू पेठा वगैरह इसकी कुछ खास वैरायटी होती हैं. सफेद कद्दू से रंग बिरंगी फ्रूटी भी बनाई जाती है. जिसका उपयोग आइसक्रीम में, मीठी ब्रेड़ बनाने, केक, शेक इत्यादि में किया जाता है. इसके अलावा, इससे सब्जी और हलवा भी बनाया जाता है. इसके बीज को ड्राय फ्रूट के रुप में भी उपयोग किया जाता है. PETHA PUMPKIN FARMING

farmers earning from White Pumpkin
बड़ी-बड़ी कंपनी कर रही किसानों से कॉन्ट्रेक्ट (ETV BHARAT)

घरेलू उपचार और आयुर्वेद के लिए भी है वरदान

वनस्पति शास्त्र के विशेषज्ञ डॉ विकास शर्मा ने बताया कि ''सफेद कद्दू या कुम्हड़ा में पोषक तत्वों का खजाना है. इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, आयरन, जिंक बहुत से तत्व पाए जाते हैं. कुम्हड़ा के पके हुए पलों को कई महीनों तक अपने घर में आसानी से रखा जा सकता है. आयुर्वेद में भी इसके बेहद उपयोगी होने की बात कही गई है. इससे बनी सब्जी बीमार व्यक्ति को भी खाने के लिए दी जा सकती है, क्योंकि यह एक हल्का आहार होता है, जो आसानी से पच जाता है. घर में महिलाएं कद्दू को दाल के साथ मिलाकर बड़ी बनाकर भी रखती हैं. Safed kaddu ke fayde

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क्या होती है कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग?

कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में कंपनी और किसानों के बीच में एक समझौता होता है. इसमें कंपनी किसानों के खेतों के हिसाब से फसल के लिए बीज, खाद और दवाइयां उपलब्ध कराती है. फसल पकने के बाद एक निश्चित दाम पर खरीदी करने का भी करार होता है. कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में खेती और मेहनत किसान को करना होता है लेकिन सुपरविजन कंपनियों का होता है. किए गए कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर कंपनी किसानों की फसल खरीदी करती है. Haldiram company pumpkin Contract farming

WHITE PUMPKIN PROFITABLE FARMING: किसान पारंपरिक खेती छोड़कर नई तकनीक और मशीनरी के उपयोग कर खेती से लाखों रुपए कमा रहे हैं. सिर्फ 4 महीने में भूरे कद्दू जिसे कुम्हड़ा भी कहा जाता है इसकी खेती कर किसान लाखों रुपए कमा सकते हैं. छिंदवाड़ा में कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग के जरिए किसान 1 एकड़ खेत से डेढ़ लाख रुपए तक की कमाई कर रहे हैं. आज हम आपको बताएंगे कि कैसे भूरे कद्दू की खेती करके आप ज्यादा पैदावार और मुनाफा कमा सकते हैं.

chhindwara kumhra farming
छिंदवाड़ा में भूरे कद्दू की खेती (ETV BHARAT)

हल्दीराम कंपनी से किया कांट्रेक्ट, लाखों की कमाई

हल्दीराम कंपनी करीब 20 किसानों के माध्यम से भूरा कददू की कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग जिले में कर रही है. जिसमें कंपनी द्वारा बीज एवं तकनीकी मार्गदर्शन देकर निश्चित कीमत पर कददू खरीदा जाता है. किसान संदीप रघुवंशी ने बताया कि ''एक एकड़ में लगभग 25-30 टन भूरा कद्दू की उपज प्राप्त हो रही है, जिसमें 40 से 50 हजार रूपये प्रति एकड़ लागत आती है. 120 दिन की फसल से लगभग 1.50 लाख रूपये प्रति एकड़ की बचत होती है.'' उन्होंने बताया कि वह 6 वर्ष से भूरे कद्दू की खेती की खेती कर रहे हैं.

सफेद कद्दू से बनाया जाता है पेठा और मिठाइयां

कुम्हरा को सफेद कद्दू कहा जाता है. इससे भारत में एक विशेष मिठाई पेठा बनाया जाता है. आगरा में इस मिठाई को एक अलग पहचान भी मिली है. आगरा का पेठा न सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया भर में मशहूर है. पेठे की मिठाई कई स्वाद और खुशबू में मिलती है, जिसमें से अंगूरी पेठा, नारियल पेठा, सूखा पेठा व काजू पेठा वगैरह इसकी कुछ खास वैरायटी होती हैं. सफेद कद्दू से रंग बिरंगी फ्रूटी भी बनाई जाती है. जिसका उपयोग आइसक्रीम में, मीठी ब्रेड़ बनाने, केक, शेक इत्यादि में किया जाता है. इसके अलावा, इससे सब्जी और हलवा भी बनाया जाता है. इसके बीज को ड्राय फ्रूट के रुप में भी उपयोग किया जाता है. PETHA PUMPKIN FARMING

farmers earning from White Pumpkin
बड़ी-बड़ी कंपनी कर रही किसानों से कॉन्ट्रेक्ट (ETV BHARAT)

घरेलू उपचार और आयुर्वेद के लिए भी है वरदान

वनस्पति शास्त्र के विशेषज्ञ डॉ विकास शर्मा ने बताया कि ''सफेद कद्दू या कुम्हड़ा में पोषक तत्वों का खजाना है. इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, आयरन, जिंक बहुत से तत्व पाए जाते हैं. कुम्हड़ा के पके हुए पलों को कई महीनों तक अपने घर में आसानी से रखा जा सकता है. आयुर्वेद में भी इसके बेहद उपयोगी होने की बात कही गई है. इससे बनी सब्जी बीमार व्यक्ति को भी खाने के लिए दी जा सकती है, क्योंकि यह एक हल्का आहार होता है, जो आसानी से पच जाता है. घर में महिलाएं कद्दू को दाल के साथ मिलाकर बड़ी बनाकर भी रखती हैं. Safed kaddu ke fayde

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Last Updated : Jun 13, 2024, 7:52 AM IST
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