छिंदवाड़ा। भले ही कांग्रेस कमेटी ने लोकसभा चुनाव के लिए छिंदवाड़ा सीट से प्रत्याशी की घोषणा एक दिन पहले की हो, लेकिन छिंदवाड़ा सांसद नकुलनाथ और पूर्व सीएम कमलनाथ ने करीब एक माह पहले ही चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था. छिंदवाड़ा से दोबारा टिकट मिलने पर सांसद नकुलनाथ ने वरिष्ठ नेताओं का आभार जताया. उन्होंने कहा "छिंदवाड़ा में मोदी की गारंटी नहीं चलने वाली. क्योंकि इस गारंटी के आगे झूठ भी परोसा गया है. "
पीएम मोदी की गारंटी फर्जी, बेरोजगारी व महंगाई बड़ा मुद्दा
नकुल नाथ ने कहा " पीएम मोदी की गांरटी फर्जी हैं. 2 करोड़ लोगों को रोजगार देने का वादा किया था. कहां हैं रोजगार के आंकड़े. महंगाई भी लगातार बढ़ती जा रही है. बेरोजगारी के मुद्दे पर पीएम मोदी ने क्या किया. सिर्फ कहने से गारंटी नहीं होती है. युवाओं के भविष्य की चिंता करनी चाहिए." सांसद नकुलनाथ ने कहा "पिछले 44 सालों से छिंदवाड़ा की जनता ने नाथ परिवार का साथ दिया है. उनके यहां से राजनीतिक रिश्ते नहीं बल्कि पारिवारिक रिश्ता है. एक बार फिर छिंदवाड़ा की जनता उन्हें अपना प्यार और विश्वास देगी."
WCL कोल माइंस बंद करने की प्लानिंग का विरोध
सांसद नकुलनाथ ने कहा "छिंदवाड़ा जिले को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में सबसे अहम प्रोजेक्ट WCL कोल माइंस है, लेकिन धीरे-धीरे खदानें बंद हो रही हैं. दूसरा बड़ा मुद्दा यहां की जमीन पर कई लोगों ने सालों से अपना ठिकाना बना रखा है, लेकिन अब उन्हें बेदखल किया जा रहा है. इन दोनों मुद्दों पर कमलनाथ और नकुलनाथ के रहते हुए ना तो कोई खदान बंद होने दी जाएगी और जल्द से जल्द वहां रहने वाले लोगों को पट्टे भी दिए जाएंगे."
छिंदवाड़ा सीट कमलनाथ का अभेद गढ़, बीजेपी की सारी कोशिशें फेल
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में छिंदवाड़ा लोकसभा सीट ही ऐसी है, जिसे बीजेपी नहीं भेद पा रही है. बीजेपी ने यहां जीत के लिए कई बार रणनीति बनाई. लेकिन सफलता हासिल नहीं हो रही है. विधानसभा चुनाव से पहले यहां बीजेपी के अमित शाह समेत दिग्गज नेताओं ने सभाएं की. इसके बाद भी छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र की सभी सात विधानसभा सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की. अब लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने एक बार फिर इस सीट को हथियाने की रणनीति बनाई है लेकिन कमलनाथ के सामने बीजेपी असहाय दिख रही है.
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बीजेपी में जाते-जाते रुक गए कमलनाथ व नकुल नाथ
दरअसल, जब बीजेपी को लगा कि छिंदवाड़ा सीट पर फतह मुश्किल है तो कमलनाथ व नकुल नाथ पर डोरे डाले गए. इधर, कमलनाथ भी कांग्रेस नेतृत्व से खुश नहीं चल रहे थे. ऐसे में सियासत में भूकंप लाने वाली खबरें आने लगी कि कमलनाथ व उनके बेटे नकुल नाथ बीजेपी का दामन थामेंगे. कमलनाथ व नकुल नाथ ने दिल्ली में डेरा भी डाल लिया. दोनों नेता बीजेपी में जाने को लगभग तैयार बैठे थे लेकिन सियासत ने फिर मोड़ लिया और इन दोनों नेताओं की बीजेपी में एंट्री नहीं हो सकी. खास बात ये है कि कमलनाथ के साथ एमपी से कांग्रेस नेताओं की फौज बीजेपी में जाने को तैयार हो गई थी.