छिन्दवाड़ा. छिंदवाड़ा कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने निजी स्कूलों को लेकर दिशा-निर्देश देने के साथ चेतावनी भी जारी कर दी है. उन्होंने कहा है कि जिले के किसी भी निजी स्कूल संचालक ने अगर बच्चे और उनके पेरेंट्स को किसी भी निर्धारित दुकान से पुस्तक और स्कूल यूनिफॉर्म खरीदने के लिए मजबूर किया तो अब उनकी खैर नहीं होगी. कलेक्टर ने सभी स्कूल संचालकों को निर्देश जारी कर नियमों का पालन करने के आदेश दिए हैं.
शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर भी होगी कार्रवाई
कलेक्टर ने अशासकीय, सीबीएसई, आईसीएसई व मप्र शासन से मान्यता प्राप्त स्कूलों के संचालन के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं. आदेश के अनुसार निजी स्कूलों में फीस का ब्यौरा देना होगा जबकि कॉपी किताब के अलावा यूनिफार्म के लिए वह अभिभावकों को बाध्य नहीं कर सकेंगे. वहीं इन आदेशों का पालन नहीं करने पर अनुशासनात्मक एवं दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. दरअसल, अब भी पुस्तक-कॉपियों से लेकर यूनिफार्म तक के कमिशन का खेल जारी है और हर स्कूल की निर्धारित दुकान तय हैं.
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इन नियमों का करना होगा पालन
- निजी स्कूल का एक बैंक खाता होगा जिसे निजी विद्यालय द्वारा फीस के लिए रखा जाएगा. निजी विद्यालय में फीस के लिए ऑनलाइन-ऑफ लाइन प्रक्रिया की सभी जानकारी देना होगा. साथ ही अभिभावकों को उनके द्वारा जमा की गई फीस की रसीद भी देनी होगी. वहीं प्रबंधन द्वारा दस प्रतिशत की राशि के अंदर फीस वृद्धि की जाती है तो इसकी सूचना सत्र शुरू होने के पूर्व देनी होगी. साथ ही जिला स्तरीय समिति के निर्णय के बाद ही फीस वृद्धि की जाएगी.
- निजी विद्यालय प्रबंधन द्वारा विद्यालय के प्रारंभ की तिथि और विद्यालय में उपयोग लाए जाने वाली पाठ्य-पुस्तकें, स्टेशनरी, पठन- सामग्री, बैग, यूनिफॉर्म, स्पोर्ट्स किट, ट्रान्सपोर्ट सुविधा, फीस अथवा परोक्ष या अपरोक्ष रुप से संग्रहित की जाने वाली धनराशि का विवरण स्कूल के नोटिस बोर्ड, अधिकारिक बेवसाइट पर प्रदर्शित करना होगा.
- निजी स्कूल प्रबंधन स्कूल में छात्र-छात्राओं या अभिभावकों को पुस्तकें, यूनिफॉर्म, टाई, जूते, कॉपी, आदि केवल चयनित विक्रेताओं से क्रय करने के लिए औपचारिक अथवा अनौपचारिक किसी भी रूप से बाध्य नहीं कर सकेंगे. अभिभावक खुले बाजार से इन्हें खरीदने के लिए स्वतंत्र होंगे.
- निजी स्कूल द्वारा स्कूल ड्रेस में कोई परिवर्तन किया जाता है तो वह आगामी तीन शैक्षणिक सत्रों तक यथावत लागू रखना होगा. तीन वर्ष के बाद ही यूनिफार्म को बदला जा सकेगा. इसी प्रकार परिवहन संबंधी निर्देशों का भी पालन करना होगा.