छिन्दवाड़ा: कलेक्टर शीलेंद्र सिंह इन दिनों छिंदवाड़ा जिले के सरकारी स्कूलों के हालात सुधारने में जुटे हैं. दफ्तर में अपना काम निपटाने के बाद वे सीधे ग्रामीण इलाकों के किसी भी स्कूल में पहुंच जाते हैं जहां वे बच्चों को खुद पढ़ाने लगते हैं. ताकि पता चल सके कि आखिरकार स्कूल में शिक्षा-व्यवस्था की स्थिति क्या है. जिन स्कूलों में बच्चों को पढ़ना नहीं आता या वे कमजोर हैं, वहां के शिक्षकों को वह ऑन द स्पॉट पनिशमेंट भी देते हैं.
'शिक्षा में लापरवाही करने वाले बर्दाश्त नहीं'
छिंदवाड़ा कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने कहा, "अगर समाज को बदलना है तो सबसे ज्यादा ध्यान शिक्षा पर देना होगा. क्योंकि किसी भी समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में शिक्षा सबसे अहम भूमिका निभाती है. गांव के सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाकर समाज में बदलाव लाया जा सकता है." उन्होंने कहा, "उनका प्रयास है कि अगर कोई शिक्षा में लापरवाही करेगा तो वे बर्दाश्त नहीं करेंगे."
गांव में चौपाल लगाकर समस्याओं का करते हैं निदान
शीलेंद्र सिंह सिर्फ स्कूलों पर ही ध्यान नहीं देते, बल्कि जब वे गांव में पहुंचते हैं तो वहां अस्पताल से लेकर उन सभी सरकारी योजनाओं की भी जानकारी लेते हैं, जिनका लाभ हितग्राहियों को मिलना चाहिए. इसके साथ ही वे गांव में चौपाल लगाकर लोगों की समस्याओं सुनते हैं और उनका समाधान भी तुरंत करवाने का प्रयास करते हैं.
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जेईई और नीट की कराई जा रही तैयारी
छिंदवाड़ा कलेक्टर ने एक नई पहल शुरू की है, जिसके चलते जिले के सरकारी स्कूलों में जेईई और नीट की तैयारी के लिए एक पीरियड अलग से लगाया जाता है. जिसमें विषय के स्पेशलिस्ट टीचर पढ़ाते हैं, जिसका सीधा फायदा विद्यार्थियों को मिल रहा है. इस पहल के बाद बारहवीं कक्षा के साथ-साथ इन परीक्षाओं की भी अतिरिक्त तैयारी हो रही है.
बता दें कि 1 जुलाई से छिंदवाड़ा के सभी हायर सेकंडरी स्कूलों में प्रतिदिन जेईई और नीट की तैयारी के लिए एक पीरियड अलग से लगाया जाता है. जेईई और नीट के सिलेबस के लिए स्टडी मटेरियल और पिछले 5 सालों के अनसॉल्व्ड पेपर भी इन सभी स्कूलों की लाइब्रेरी में विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क उपलब्ध कराए गए हैं.