छिंदवाड़ा: छिंदवाड़ा के कोतवाली थाने के सब इंस्पेक्टर को लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि सब इंस्पेक्टर एक केस के मामले में आरोपी को छूट देने के नाम पर रिश्वत ले रहा था. जिसके बाद मौके पर भगवा गमछा पहने लोकायुक्त पुलिस की टीम पहुंची और उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया.
क्यों भगवा गमछे में पहुंची पुलिस
लोकायुक्त डीएसपी दिलीप झरबड़े ने बताया कि "कोतवाली पुलिस में सुपारी के मामले में कुछ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. उनमें से एक व्यक्ति को राहत देने के नाम पर सब इंस्पेक्टर जितेंद्र यादव ने 1 लाख रिश्वत की मांग की थी. उसी केस में रिश्वत देने के लिए आरोपी को बुलाया था. टीम को भगवा गमछा पहनने को लेकर बताया गया कि जिस व्यक्ति पर आरोप लगाया गया है वह हिंदूवादी संगठनों से जुड़ा है. इसलिए लोकायुक्त पुलिस की टीम भगवा गमछा पहन कर पहुंची ताकि सब इंस्पेक्टर जितेंद्र यादव को शक न हो."
रिश्वत में मांगा था 1 लाख
इस मामले को लेकर आरोपी दुर्गेश सोनी ने बताया कि 22 तारीख की रात पुलिस ने उसे उठाया था. दूसरे दिन उस पर झूठे आरोप लगाया और 24 तारीख को थाने के बाहर 1 लाख की मांग की. उसके बाद आरोपी के घर से 25 हजार रुपए लिया और 25 तारीख को उसे थाने से छोड़ दिया. उसने बताया कि सब इंस्पेक्टर के साथ एक पुलिसकर्मी और भी था जिसे वह नहीं पहचानता है.
आरोपी ने की जबलपुर लोकायुक्त को शिकायत
आरोपी ने इस मामले में परेशान होकर जबलपुर लोकायुक्त में लिखित शिकायत की थी. जिसके बाद लोकायुक्त की टीम ने जांच करते हुए सब इंस्पेक्टर को 50 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोच लिया. मौके पर सब इंस्पेक्टर के हाथ धुलाए गए, जिसमें पानी का रंग गुलाबी हो गया.
इस जांच टीम में डीएसपी लोकायुक्त दिलीप झरबड़े, निरीक्षक और ट्रैप दल के अन्य सदस्य शामिल थे. बताया गया कि पीड़ित पर छिंदवाड़ा के नेता की सुपारी देने का आरोप पुलिस ने लगाया था, जिसका प्रकरण अभी चल रहा है. इसी प्रकरण में केस को रफा दफा करने की एवज में 1 लाख रुपए की मांग की गई थी.